Homeमध्य प्रदेशआज सीएम हाउस का घेराव करेंगे प्राइवेट स्कूल संचालक: मान्यता के...

आज सीएम हाउस का घेराव करेंगे प्राइवेट स्कूल संचालक: मान्यता के नियम बदलने का विरोध, आयुक्त लोक शिक्षण को भी देंगे ज्ञापन – Bhopal News


मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों के मान्यता नियमों में बदलाव को लेकर अब स्कूल संचालक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के बंगले का घेराव करेंगे। 10 जनवरी को होने वाले इस घेराव में प्रदेश के अनेक जिलों से स्कूल संचालक, स्कूल डायरेक्टर भोपाल पहुंचें

.

सरकार ने मान्यता के नियमों को बहुत जटिल कर दिया है। इससे सबसे अधिक कठिनाई ग्रामीण जिलों में हो रही है। वहीं एफडी अमाउंट में बढ़ोतरी को भी वापस लेने की मांग की जाएगी। इसके लिए हम शुक्रवार दोपहर 12:30 बजे लोक शिक्षक संस्थान कार्यालय से सीएम हाउस के लिए कूच करेंगे। इससे पहले हम आयुक्त को ज्ञापन भी देंगे, इस दौरान हमारे साथ 1000 से अधिक स्कूल संचालक एंव स्कूल डायरेक्टर होंगे।

राशिद कहते हैं कि मप्र में 80% स्कूल ऐसे हैं जिनकी वार्षिक फीस लगभग 8 हजार से 25 हजार के बीच है। 15 से 20 प्रतिशत स्कूलों फीस डूब जाती है। वर्तमानमें 40 से 50 प्रतिशत स्कूलों में आरटीई योजना के बच्चे भी पढ़ रहे हैं। इनकी राशि सरकार दो-दो साल देरी से देती है। जिससे स्कूलों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। जबकि राजपत्र में आरटीई का भुगतान सत्र के अंत मार्च व मई में देने का प्रावधान है। कई स्कूलों का तकनीकी समस्या के कारण प्रपोजल नहीं बनने के कारण 2016 से 2022 तक का भुगतान भी आज तक नहीं हुआ है। सरकार इनके विषय में कोई विचार नहीं कर रही है।

प्राइवेट स्कूलों पर थोपे जा रहे नए नियम इन परिस्थितियों में शिक्षा विभाग ने राजस्व बढ़ाने के लिए मान्यता के नए नियमों को प्राइवेट स्कूलों पर थोप दिया हैं। जब से प्रदेश में प्राइवेट स्कूल प्रारंभ हुए हैं, तब से नोटरीकृत किराया नामा को महत्व दिया गया था। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में खुले स्कूलों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। सरकार ने मान्यता पर रजिस्टर्ड किराया नामा व सुरक्षा निधि और प्रत्येक वर्ष रिन्युअल फीस के नए नियमों के मापदंड निर्धारित किए हैं।

पहले कई जिलों में दे चुके हैं ज्ञापन।

नहीं तो शिक्षक हो जाएंगे बेरोजगार संचालक मंच के मोनू तोमर ने बताया कि इससे पहले हम सीएम से लेकर शिक्षा मंत्री व अपने-अपने जिलों के विधायकों के सामने इस संबंध में गुहार लगा चुके हैं। सरकार ने मान्यता के नियमों को बहुत जटिल कर दिया है। इससे सबसे अधिक कठिनाई ग्रामीण जिलों में हो रही है। वहीं एफडी अमाउंट में बढ़ोतरी को भी वापस लेने की मांग करते हैं। मोनू ने बताया कि सत्र 2025–26 की मान्यता में बहुत से स्कूलों के बंद होने की संभावना है। स्कूल बंद होंगे तो उसमें कार्यरत शिक्षक व कर्मचारी बेरोजगार व जुड़े संस्थान प्रभावित होगें। बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी। वर्तमान में प्राइवेट स्कूलों से किस प्रकार से राजस्व की बढ़ोतरी की जाए उस पर जोर दिया जा रहा है। इससे पहले शिक्षा के महत्व को समझते हुए मान्यता नियमों को शिथिल रखा गया था।

नहीं जमा करेंगे किराया नाम और सुरक्षा निधि मोनू ने बताया कि प्राइवेट स्कूल वेलफेयर संचालक मंच मप्र के आह्वान पर निर्णय लिया गया है कि सत्र 2025-26 के मान्यता आवेदन पर रजिस्टर्ड किराया नामा एवं सुरक्षा निधि जमा नहीं की जाएगी। किराया नामा एवं सुरक्षा निधि व आरटीई को लेकर प्रतिनिधि मंडल शिक्षा मंत्री, संचालक लोक शिक्षण भोपाल मप्र व आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र एवं जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन देकर समस्याओं से अवगत करा चुका है।



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version