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आज से अशुभ होलाष्टक प्रारंभ, 8 तिथियों में ये 8 ग्रह रहेंगे उग्र, शांति से रहें, नहीं तो काम हो जाएगा चौपट! जानें उपाय


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Holashtak 2025 Upay: इस साल होलाष्टक की शुरूआत आज 7 मार्च से हुई है. होलाष्टक की इन 8 तिथियों में 8 ग्रह उग्र होते हैं, इस वजह से इन दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से…और पढ़ें

होलाष्टक 2025 में कब कौन सा ग्रह रहेगा उग्र?

हाइलाइट्स

  • होलाष्टक के पहले दिन चंद्रमा उग्र रहता है.
  • होलाष्टक के दूसरे दिन सूर्य देव उग्र रहते हैं.
  • दशमी तिथि को कर्मफलदाता शनि उग्र रहते हैं.

होलाष्टक को अशुभ माना जाता है, जो फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा तक रहता है. इस साल होलाष्टक की शुरूआत आज 7 मार्च से हुई है. 13 मार्च को होलिका दहन के साथ होलाष्टक का समापन होगा. होलाष्टक की इन 8 तिथियों में 8 ग्रह उग्र होते हैं, इस वजह से इन दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं. लोगों को इन दिनों में शांति के साथ रहने की जरूरत होती है. नहीं तो उग्र ग्रहों का दुष्प्रभाव आप पर हो सकता है, जिससे आपके काम खराब हो सकते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि होलाष्टक में कौन सा ग्रह कब उग्र होता है? उग्र ग्रहों से बचने के उपाय क्या हैं?

होलाष्टक 2025: कब कौन सा ग्रह रहेगा उग्र

1. 7 मार्च 2025, शुक्रवार: फाल्गुन शुक्ल अष्टमी यानि होलाष्टक के पहले दिन चंद्रमा उग्र रहता है.

2. 8 मार्च 2025, शनिवार: फाल्गुन शुक्ल नवमी तिथि यानि होलाष्टक के दूसरे दिन सूर्य देव उग्र रहते हैं.

3. 9 मार्च 2025, रविवार: फाल्गुन शुक्ल दशमी तिथि को कर्मफलदाता शनि उग्र रहते हैं.

4. 10 मार्च 2025, सोमवार: फाल्गुन शुक्ल एकादशी को शुक्र ग्रह उग्र होता है.

5. 11 मार्च 2025, मंगलवार: फाल्गुन शुक्ल द्वादशी को बृहस्पति ग्रह उग्र रहता है.

6. 12 मार्च 2025, बुधवार: फाल्गुन शुक्ल त्रयोदशी को बुध ग्रह उग्र रहेगा.

7. 13 मार्च 2025, गुरुवार: फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी के दिन मंगल उग्र होंगे. इस रात होलिका दहन है.

8. 14 मार्च 2025, शुक्रवार: फाल्गुन पूर्णिमा वाले दिन राहु उग्र रहेगा.

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होलाष्टक में उग्र ग्रहों का होगा प्रभाव

होलाष्टक में केतु को छोड़कर सभी ग्र​ह उग्र रहेंगे, इस वजह से इन विशेष तिथियों पर कोई भी शुभ कार्य न करें. इसमें कोई बड़े फैसले लेने से बचें. यदि आपकी कुंडली में किसी ग्रह का दोष है, तो आपको उससे संबंधित तिथि पर विशेष सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि उस ग्रह का प्रभाव आपके जीवन पर पड़ सकता है. इसके लिए आप होलाष्टक में ग्रह शांति करा सकते हैं.

होलाष्टक 2025: ग्रह शांति के उपाय

– होलाष्टक के समय में ग्रहों की शांति के लिए दान कर सकते हैं. ग्रहों से संबंधित वस्तुओं का दान करने से उनका दुष्प्रभाव कम हो सकता है.

– होलाष्टक में भगवान विष्णु के मंत्र नमो भगवते वासुदेवाय का जाप और हवन करें. उनकी कृपा से आपका मंगल होगा.

– होलाष्टक के दौरान नवग्रह पीड़ाहर स्तोत्र का पाठ करें या फिर निश्चित तिथियों पर संबंधित ग्रहों के बीज मंत्र का जाप करके लाभ प्राप्त करें. नवग्रह शांति की पूजा भी करा सकते हैं.

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होलाष्टक अशुभ क्यों होता है?

पौराणिक कथा के अनुसार, कामदेव ने भगवान शिव के ध्यान को भंग कर दिया था, ​तो उन्होंने कामदेव को जलाकर भस्म कर दिया. देवताओं को भगवान शिव के क्रोध को शांति करने में 8 दिन लग गए. यह घटना फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक हुई थी. इस वजह से होलाष्टक को अशुभ मानते हैं. दूसरी मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा यानि होलिका दहन तक भक्त प्रह्लाद को कई प्रकार यातनाएं और कष्ट दिए गए. इस वजह से इन 8 दिनों को अशुभ मानते हैं.

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