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आतंकी तहव्वुर से पूछताछ का चौथा दिन: हेडली की मदद करने वाले ‘एम्प्लॉई बी’ को सामने बिठाकर होगी इंक्वायरी; वॉयस सैंपल लिए जा सकते हैं


नई दिल्ली14 मिनट पहले

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को NIA की पूछताछ में एक ‘कर्मचारी बी’ का नाम आया है, इसने राणा के कहने पर हेडली के लिए ऑपरेशन और लॉजिस्टिक में मदद की थी।

2008 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) सोमवार को चौथे दिन पूछताछ करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को NIA की पूछताछ में एक ‘कर्मचारी बी’ का नाम आया है, इसने राणा के कहने पर हेडली के लिए ऑपरेशन और लॉजिस्टिक में मदद की थी। अब NIA राणा और ‘कर्मचारी बी’ को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी।

एजेंसी के मुताबिक ‘कर्मचारी बी’ को आतंकी साजिश की जानकारी नहीं थी। वह सिर्फ राणा के निर्देश पर हेडली के लिए रिसेप्शन, ट्रांसपोर्ट, ठहरने की जगह और ऑफिस की व्यवस्था करता था। डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था।

वहीं, राणा के वॉयस सैंपल लिए जा सकते हैं। NIA पता लगाएगी कि क्या तहव्वुर नवंबर 2008 के हमलों के दौरान फोन पर निर्देश (इंस्ट्रक्शन) दे रहा था। वॉयस सैंपल लेने के लिए तहव्वुर की सहमति जरूरी होगी। मना करने पर NIA कोर्ट जा सकती है।

10 अप्रैल को तहव्वुर को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया था। इसके बाद उसे 18 दिन की NIA कस्टडी में भेजा गया है। कस्टडी के दौरान NIA रोजाना राणा से पूछताछ की एक डायरी तैयार कर रही है।

तहव्वुर ने प्रत्यर्पण रोकने के लिए 33 बीमारियों का हवाला दिया था

भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए राणा ने अमेरिकी विदेश विभाग को 21 जनवरी को लेटर लिखा था, जिसमें 33 बीमारियों और भारत में टॉर्चर का हवाला दिया गया था। उसके वकील ने लिखा था कि राणा को पार्किंसन्स, दिल की बीमारी, किडनी खराबी, अस्थमा, टीबी और ब्लैडर कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियां हैं।

साथ ही उसने दावा किया था कि राणा को भारत में मुस्लिम और पाकिस्तानी मूल का होने की वजह से प्रताड़ना झेलनी पड़ सकती है, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने 11 फरवरी को जवाब देते हुए इन दावों को खारिज किया और कहा कि प्रत्यर्पण सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार होगा।

तहव्वुर राणा को लेकर 3 जरूरी बातें

  1. राणा को NIA मुख्यालय, लोधी रोड में हाई-सिक्योरिटी ग्राउंड फ्लोर की 14×14 फीट की सेल में रखा गया है। वह सुसाइड वॉच पर है और उस पर 24 घंटे गार्ड्स और सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है। उसे केवल सॉफ्ट टिप पेन ही दिया गया है, जिससे वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके।
  2. राणा ने ‘दुबई मैन’ का नाम लिया है, जिसे हमले की पूरी प्लानिंग पता थी। एजेंसी को शक है कि यह व्यक्ति पाकिस्तान और दुबई के बीच नेटवर्क संभालता था और हमलों की फाइनेंसिंग, लॉजिस्टिक सपोर्ट में अहम भूमिका निभा रहा था।
  3. ये भी पता चला है कि राणा का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी करीबी संपर्क था और उसे पाकिस्तानी सेना की वर्दी से खास लगाव था। NIA ने पहले दिन शुक्रवार को राणा से 3 घंटे पूछताछ की। एजेंसी ने बताया कि वह कोऑपरेट नहीं कर रहा है। NIA की कोशिश है कि तहव्वुर के परिवार और दोस्तों के बारे में जानकारी जुटाई जा सके।

तहव्वुर के प्रत्यर्पण की तस्वीरें, जंजीरों में बंधा दिखा…

स्पेशल प्लेन से अमेरिका से भारत पहुंचने के बाद गुरुवार को राणा की पहली तस्वीर सामने आई। हालांकि इसमें उसका चेहरा नजर नहीं आया।

कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में अमेरिकी मार्शलों ने मंगलवार को आतंकी तहव्वुर राणा की हिरासत भारत के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों को सौंपी।

यूएस मार्शल और एनआईए की टीम। इसमें तहव्वुर राणा नजर नहीं आ रहा है। यह तस्वीर यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने जारी की है।

तहव्वुर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा

NIA की कस्टडी पूरी होने के बाद राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। हालांकि उसे कब और किस वार्ड में रखा जाएगा, इसका जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।

जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम बुधवार को राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी। गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे राणा को लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था। जहां उसका मेडिकल चेकअप हुआ, इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया।

राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक

  • 64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
  • कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।

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2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड 64 साल के तहव्वुर राणा को 10 अप्रैल को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया। राणा का प्रत्यर्पण टॉप-सीक्रेट मिशन “ऑपरेशन राणा” के तहत हुआ। ऑपरेशन के दौरान जब राणा को अमेरिका से फ्लाइट में भारत लाया जा रहा था, जब NIA का एक अधिकारी पूरे रास्ते उसका हाथ पकड़कर बैठा रहा। ऐसा इसलिए ताकि तहव्वुर राणा खुद को कोई नुकसान न पहुंचा सके। पूरी खबर पढ़ें…

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