कार्यक्रम में मौजूद दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा।
देशभर में आज आपातकाल की 50वीं बरसी को भाजपा की ओर से संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में राजधानी पटना स्थित अधिवेशन भवन में कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय स
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दोनों नेताओं ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की हत्या को याद करते हुए युवाओं को इसे एक चेतावनी और सबक के रूप में बताया।
लालू यादव बीजेपी आंदोलन की उपज
विजय सिन्हा ने कहा कि कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जिन्हें समाज चेतावनी की तरह याद रखता है। 1975 का आपातकाल ऐसी ही एक तारीख है जिसने लोकतंत्र को झकझोर दिया था। उस समय की सत्ता में बैठे परिवारवादी मानसिकता वाले लोगों ने लोकतंत्र को खत्म करने का संकल्प लिया था।
यह तानाशाही और हिटलरशाही की प्रवृत्ति है। जेपी आंदोलन ने उस अंधेरे समय में आशा की लौ जलाई थी और बिहार की धरती पर लोकतंत्र के लिए संघर्ष की चिंगारी फूटी थी।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू यादव जैसे नेता भी उसी जेपी आंदोलन की उपज हैं, लेकिन जेपी की आत्मा को भी कई लोगों ने झकझोर दिया। कुछ लोग कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गए।
मात्र 25 साल में कर दी गई थी संविधान की हत्या
सम्राट चौधरी ने 1975 में लगे आपातकाल को संविधान की हत्या करार देते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 1 नवंबर 1949 को जिस संविधान को दिया था, उसकी हत्या मात्र 25 साल में कर दी गई। जिस देश को अंग्रेज और मुगलों ने लूटा, उसी देश को फिर से लूटने का काम आपातकाल के जरिए हुआ। लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाया जा रहा है। एक पार्टी ने 162 बार राष्ट्रपति शासन लगाया – यह लोकतंत्र पर हमला नहीं तो और क्या है? 1975 में पहली बार ‘सेकुलर’ शब्द संविधान में जोड़ा गया था, और यह भी संविधान के स्वरूप में जबरन बदलाव था। जब तक इमरजेंसी नहीं हटी, तब तक कश्मीर में सेकुलर शब्द का इंतजार किया गया।
लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प
दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने युवाओं से कहा कि देश के इतिहास को जानें, समझें कि कैसे लोकतंत्र की हत्या हुई थी, और किन लोगों ने की थी। भारत को श्रेष्ठ बनाने में आप सभी की भूमिका अहम है। संविधान की रक्षा करना आज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। नीतीश कुमार जैसे नेता लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल गए थे। अब जरूरत है कि हम सब मिलकर इस देश की सभ्यता, संस्कृति और संविधान को मजबूत करें।