इंदौर को नए साल में एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। शहर के कुमेड़ी क्षेत्र में बने इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) का संचालन जनवरी 2024 से शुरू होगा। यह शहर का पहला फुल एयर-कंडीशन बस स्टैंड होगा, जहां से गुजरात, राजस्थान और दिल्ली की ओर जाने वाली 186
.
- क्षमता प्रतिदिन 1440 बसों का संचालन संभव।60 हजार यात्री रोजाना सफर करेंगे।वातानुकूलित टर्मिनल में 500 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था।
- सुविधाएं 15 एकड़ क्षेत्र में बना टर्मिनल।मेन बिल्डिंग और बस संचालन क्षेत्र तैयार।उज्जैन सिंहस्थ-2028 के लिए भी उपयोगी।
- बैठक एवं निर्णय
- मंगलवार को कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई, जिसमें बस संचालकों से सहमति बनी। संचालन से जुड़ी तैयारियों पर चर्चा की गई। इस बस स्टैंड के चालू होने से शहर वासियों को आधुनिक सुविधाओं से लैस परिवहन का अनुभव मिलेगा।
कुमेड़ी स्थित आईएसबीटी बनकर लगभग तैयार है।
कुमेड़ी में बनने वाले आईएसबीटी को यात्रियों और ट्रैवल संचालकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। इस नए बस टर्मिनल का उद्घाटन जनवरी 2024 में किया जाएगा, जिससे इंदौर के सार्वजनिक परिवहन में एक नई क्रांति आने की उम्मीद है।
- ट्रैवल संचालकों के लिए अलग ऑफिस और स्टाफ सुविधाएं ड्राइवर-कंडक्टर और अन्य स्टाफ के लिए अलग बिल्डिंग।रेस्ट रूम, पीने के पानी और टॉयलेट की सुविधा।ट्रैवल संचालकों के लिए 32 ऑफिस तैयार।100 करोड़ की लागत से विकसित।
- यात्रियों के लिए खास इंतजाम 14 टिकट काउंटर: आसान टिकट बुकिंग के लिए।43 प्लेटफार्म: यात्रियों के बैठने और उतरने की सुविधा।बसों की पार्किंग और अलग-अलग आने-जाने की व्यवस्था।रेस्टोरेंट, एटीएम और 32 अन्य दुकानों का प्रावधान।
आईएसबीटी को लेकर मंगलवार को हुई जिला प्रशासन की बैठक।
कुमेड़ी का नया बस स्टैंड, जिसे सितंबर 2019 में मंजूरी मिली थी, पहले दिसंबर 2022 तक पूरा होना था। लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण काम में रुकावट आई। नतीजतन, प्रोजेक्ट की डेडलाइन दो बार बढ़ाई गई। अब प्रशासन इसे जनवरी 2025 में शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
सिंहस्थ और मेट्रो से जुड़ाव
- कुमेड़ी आईएसबीटी एमआर-10 पर स्थित है, जो उज्जैन सिंहस्थ 2028 के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
- यहां से प्रदेश और अन्य राज्यों से आने वाले यात्री सीधे उज्जैन के लिए बस पकड़ सकेंगे।
- एमआर-4 सड़क बनने के बाद रेलवे स्टेशन से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
- पास में ही मेट्रो स्टेशन है, जिससे यात्री मेट्रो के जरिए भी बस स्टैंड तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
यात्रियों और सिटी बसों के लिए सुविधाएं
- सिटी बस के खड़े होने की अलग जगह बनाई गई है।
- यूपी, राजस्थान, गुजरात, भोपाल, ग्वालियर, भिंड और मुरैना के लिए यहां से बस चलेंगी।
यह नया बस स्टैंड शहर में ट्रैफिक और भीड़भाड़ कम करेगा, यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देगा और उज्जैन सिंहस्थ के लिए एक बड़ी सहूलियत साबित होगा।
यूपी, राजस्थान, गुजरात, ग्वालियर, भिंड, मुरैना सहित भोपाल रूट की बस संचालित होंगी।
इंदौर को मिला प्रदेश का पहला ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर
इंदौर में यातायात को सुगम बनाने और यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रदेश का पहला ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर बन रहा है। यह कॉरिडोर सरवटे बस स्टैंड से शुरू होकर कुमेड़ी में आईएसबीटी पर खत्म होगा। इस कॉरिडोर की खास बात यह है कि इसमें दो बड़े बस स्टैंड, तीन रेलवे स्टेशन और एक मेट्रो स्टेशन को जोड़ा गया है।
ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की खासियत
- लंबाई: 6.5 किमी।
- फेसिलिटीज: सरवटे बस स्टैंड और कुमेड़ी आईएसबीटी।तीन रेलवे स्टेशन।एक मेट्रो स्टेशन।
- फायदे: बीआरटीएस और सुखलिया-विजयनगर क्षेत्र के ट्रैफिक जाम से राहत।इंटर स्टेट और इंटरसिटी बस संचालन में मदद।
- फेज वर्क: पहला चरण: सरवटे से कुमेड़ी आईएसबीटी।दूसरा चरण: सरवटे से नायता मुंडला आईएसबीटी, जो अगले साल शुरू होगा।
नायता मुंडला आईएसबीटी: संचालन में अड़चनें
इंदौर के नायता मुंडला बस स्टैंड का संचालन 10 सितंबर से शुरू हुआ। हालांकि, शुरुआत में महाराष्ट्र और गुजरात रूट की 30 बसें चलाई गईं, लेकिन वर्तमान में केवल तीन-चार बसें ही संचालित हो रही हैं।
यह हो रही हैं समस्याएं
- अधूरी एप्रोच रोड:बस स्टैंड तक पहुंचने के लिए सड़कें अधूरी हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है।
- महंगा लोक परिवहन:स्टैंड तक पहुंचने में यात्री अधिक पैसा खर्च कर रहे हैं।
- निजी डिपो का उपयोग:अधिकांश बसें यात्रियों को अन्य स्थानों पर छोड़कर निजी डिपो में चली जाती हैं।
आगे की उम्मीदें
- कुमेड़ी आईएसबीटी और ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के पूरा होने से न केवल लोक परिवहन में सुधार होगा, बल्कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
- नायता मुंडला बस स्टैंड की समस्याओं को हल करने के लिए एप्रोच रोड और अन्य सुविधाओं पर काम तेज किया जाएगा।
इंदौर का ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर और कुमेड़ी आईएसबीटी एक बड़ा कदम है, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। हालांकि, नायता मुंडला आईएसबीटी को पूरी तरह कार्यक्षम बनाने के लिए प्रशासन को अधूरी सड़कों और यात्री सुविधाओं पर ध्यान देना होगा।