इंदौर के बाद अब भोपाल में भी मेट्रो का काम तेजी से किया जा रहा है।
इंदौर में मेट्रो के कॉमर्शियल रन को 12 दिन बीत चुके हैं। 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल लोकार्पण किया था। इंदौर के बाद अब भोपाल मेट्रो पर फोकस है। खासकर 3 स्टेशन- एम्स, अलकापुरी और डीआरएम ऑफिस में एंट्री, एग्जिट समेत अधूरे काम तेजी से
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इंदौर मेट्रो के लोकार्पण के दौरान प्रधानमंत्री ने भोपाल मेट्रो के काम को भी तेजी से चलने की बात कही थी। ऐसे में उम्मीद है कि जब भी भोपाल में मेट्रो का कॉमर्शियल रन होगा, पीएम ही हरी झंडी दिखाने आएंगे। इसलिए मेट्रो के अधूरे कामों को तेजी से निपटाया जा रहा है। वहीं, मेट्रो एमडी एस. कृष्ण चैतन्य भी लगातार दो दिन से मैराथन मीटिंग और निरीक्षण कर रहे हैं।
भोपाल में मेट्रो स्टेशन के अधूरे कामों को जल्दी पूरा करने पर फोकस है। एमडी एस. कृष्ण चैतन्य भी लगातार दौरे और बैठकें कर रहे हैं।
इन कामों को जल्दी पूरा करने का टारगेट तीनों मेट्रो स्टेशन के एंट्री-एक्जिट, सिविल, सिस्टम, रोलिंग स्टॉक, ट्रैफिक, सिग्नल्लिंग, आंतरिक एवं बाहरी निर्माण कार्य पर फोकस है। इन्हें अगस्त तक हर हाल में पूरा करने का टारगेट रखा गया है।
पहले आरडीएसओ टीम आएगी भोपाल मेट्रो के लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम पहले आएगी। इसके लिए सभी डॉक्युमेंट्स सब्मिट किए जा चुके हैं। इसके बाद कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी टीम इंस्पेक्शन करेगी। टीम की ‘ओके’ रिपोर्ट मिलने के बाद लोग मेट्रो में सफर कर सकेंगे। इस पूरी प्रोसेस में 4 से 5 महीने लग सकते हैं। इसी बीच मेट्रो के बाकी बचे 3 स्टेशन- एम्स, डीआरएम तिराहा और अलकापुरी के काम भी पूरे कर लिए जाएंगे।
इंदौर में 31 मई से मेट्रो का कॉमर्शियल रन शुरू हो चुका है।
साल 2018 में शुरू हुआ था काम भोपाल में मेट्रो का पहला रूट एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 6.22 किमी एम्स से सुभाष नगर के बीच का काम प्रायोरिटी कॉरिडोर के रूप में 2018 में शुरू हुआ था। सुभाषनगर से आरकेएमपी स्टेशन तक काम पूरा हो गया है। इसके आगे अलकापुरी, एम्स और डीआरएम मेट्रो स्टेशन तक ट्रैक का काम हो चुका है और मेट्रो यहां तक पहुंच चुकी है। वहीं, दोनों स्टील ब्रिज की लोड टेस्टिंग भी की जा चुकी है।
भोपाल में पूर्व सीएम शिवराज ने किया था ट्रायल 3 अक्टूबर 2023 को भोपाल में पहली बार मेट्रो ट्रैक पर दौड़ी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था। इसके बाद से ही लगातार टेस्टिंग की जा रही है। मेट्रो सबसे ज्यादा स्पीड 80Km प्रति घंटे से भी दौड़ चुकी है। इतनी ही स्पीड में कॉमर्शियल रन भी होगा। हालांकि, इससे पहले सुरक्षा के तमाम पैमाने जांचें जाएंगे। इसे सीएमआरएस टीम ही जांचेंगी। भोपाल में यह टीम अगले कुछ महीने में आ जाएगी।
भोपाल में इसलिए देरी से कॉमर्शियल रन पिछले साल रेलवे ट्रैक और डीआरएम तिराहे पर दो स्टील ब्रिज भी लॉन्च कर दिए गए थे। वहीं, मार्च में दोनों ब्रिज की लोड टेस्टिंग भी कर ली गई। पहले सुभाषनगर से आरकेएमपी स्टेशनों के बीच ही मेट्रो को चलाने का प्लान था, लेकिन अब यह पूरे 6.22 किमी में दौड़ेगी। चूंकि, अभी स्टेशन में काम बाकी है। इसलिए इसे प्रायोरिटी में न लेते हुए इंदौर में पहले मेट्रो दौड़ाने का प्लान तैयार किया गया। पिछले 6-8 महीने से पूरा फोकस इंदौर पर रहा। छोटे-बड़े काम जल्दी निपटाए गए। इसलिए इंदौर में पहले मेट्रो चली।
अंदर से कुछ इस तरह दिखाई देगी मेट्रो।
ये देखेगी सीएमआरएस टीम आरडीएसओ की टीम मेट्रो के संचालन से जुड़े काम देखेगी। इसके बाद मेट्रो रेल सेफ्टी की टीम दो बार पहुंचेंगी। मेट्रो कॉरपोरेशन के अफसरों का कहना है कि कॉमर्शियल रन से पहले सुरक्षा के लिहाज से कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी की टीम जांच करती है। जिसमें वह ट्रैक के नट-बोल्ट तक देखती है, क्योंकि यह मामला आम लोगों की सुरक्षा से जुड़ा होता है। इसलिए हर पैमाने पर जांच होती है।
सबकुछ ठीक मिला तो ‘ओके’ रिपोर्ट देगी टीम निरीक्षण में यदि सबकुछ पैमाने और सुरक्षा के लिहाज से परफेक्ट मिलता है तो सीएमआरएस की टीम ‘ओके’ रिपोर्ट देगी। इसके बाद कॉमर्शियल रन की तारीख तय कर दी जाएगी।
6.22 Km लंबा है प्रायोरिटी कॉरिडोर भोपाल में मेट्रो का 6.22 किमी लंबा प्रायोरिटी कॉरिडोर है। अगले कुछ महीनों में कॉमर्शियल रन शुरू करने का प्लान है। इसके बाद जब आप मेट्रो ट्रेन में सफर करने के लिए स्टेशन में एंट्री करेंगे तो आपको ठीक वैसी तस्वीर नजर आएगी, जो किसी एयरपोर्ट के अंदर की होती है। अंदर फूड प्लाजा और कुछ शॉप भी रहेंगी।
जहां से आप खाने-पीने और जरूरत का सामान भी खरीद सकेंगे। इसके लिए मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने तैयारी भी शुरू कर दी है। एक्सपर्ट के जरिए प्लान तैयार कर रहे हैं। ऐसा ही प्लान इंदौर मेट्रो स्टेशनों के लिए भी बनाए जाएंगे।
अभी दो तरह से होती है मेट्रो की टेस्टिंग अभी भोपाल में मेट्रो की टेस्टिंग 2 तरह से होती है। पहली नॉन स्टॉप और दूसरी हर स्टेशन पर रुकते हुए। जब नॉन स्टॉप टेस्टिंग होती है तो ट्रेन सुभाषनगर से रानी कमलापति के बीच बिना स्टॉप लिए 60 से 80Km की स्पीड में दौड़ती है। दूसरी टेस्टिंग में स्पीड 20 से 30Km रहती है, जबकि ट्रेन को हर स्टेशन पर रोका जाता है। भोपाल में अधिकतम स्पीड 90Km तक रह चुकी है।