इंदौर को फिर से वाटर प्लस शहर का दर्जा दिलाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसे लेकर 12 पैरामीटर्स पर काम किया जा रहा है। शुक्रवार को मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मामले में बैठक ली। इसमें खुले सीवरेज को खत्म करने पर जोर दिया गया।
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बैठक में जल कार्य प्रभारी अभिषेक शर्मा सहित संबंधित विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। मेयर ने 12 मानकों पर खरा उतरने के लिए की गई तैयारियों को लेकर चर्चा की और जरूरी निर्देश दिए। इसमें सीवरेज के पानी को ट्रीटमेंट के बाद ही नदी-नालों में छोड़ने और खुले सीवरेज को खत्म करने पर जोर दिया गया।
बैठक में 128 कुओं और बावड़ियों की सफाई के साथ आउट फॉल बंद करने, चैनल सफाई को लेकर निर्देश दिए गए। साथ ही कामों की गुणवत्ता का ध्यान रखने की बात भी कही। गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में इंदौर को भारत का पहला ‘वाटर प्लस शहर’ घोषित किया गया था।
वाटर प्लस शहर बनाने ऐसी हैं तैयारियां
- खुले सीवरेज को खत्म करने और पानी को ट्रीटमेंट के बाद ही नदी-नालों में छोड़ने की योजना बनाई गई है।
- सीवरेज के पानी के ट्रीटमेंट के लिए STP बनाए गए हैं।
- पानी की गुणवत्ता जांच के लिए सुविधाएं स्थापित की गई हैं।
- बारिश में जल संचयन और पुन: उपयोग के लिए भी प्रयास किए गए हैं।
- लोगों को पानी के महत्व और जल संरक्षण के बारे में जागरूक करने के लिए गतिविधियां आयोजित की गई हैं।
- जल आपूर्ति नेटवर्क और पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए व्यवस्था बनाई गई है।
- शहर की नदियों, नालों की सफाई और संरक्षण के लिए भी कदम उठाए गए हैं।
- नगरीय निकाय के कर्मचारियों को जल प्रबंधन और जल संरक्षण के बारे में ट्रेनिंग दी गई है।
- जलापूर्ति की मीटरिंग व्यवस्था को भी बेहतर बनाया गया है।
- जल आपूर्ति से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए एक हेल्प लाइन स्थापित की गई है।
- लीकेज और अवैध नल कनेक्शनों से पानी की चोरी पर रोक लगाने के प्रयास किए गए हैं।