इंदौर कलेक्टर के पास एक तहसीलदार की शिकायत का मामला सामने आया है। हाईकोर्ट द्वारा संपत्ति के कुर्की आदेश की अवहेलना करने और कब्जा नहीं दिलाने को लेकर उक्त शिकायत की गई है। अब कलेक्टर ने उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।
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जानकारी के अनुसार AU स्मॉल फाइनेंस बैंक ने चेन सिंह दायले को 17.58 लाख रुपए का लोन दिया था। दायले ने पिछले 5 साल से लोन नहीं चुकाया। लोन की ईएमआई नहीं चुकाने पर बैंक की ओर से एडीएम कोर्ट में आवेदन लगाया गया। एडीएम कोर्ट ने गिरवी रखी संपत्ति बैंक को दिलाने के आदेश दिए थे।
इसके बाद देपालपुर तहसीलदार यशदीप रावत को अलग-अलग तारीखों पर नोटिस जारी किए गए। लेकिन उन्होंने बैंक को संपत्ति का कब्जा नहीं दिलवाया। इस पर बैंक द्वारा हाइकोर्ट में याचिका लगाई गई। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद दो माह में कुर्की करने का आदेश दिया। तहसीलदार ने इस आदेश का पालन भी नहीं किया। इस पर अब बैंक की ओर से कलेक्टर को शिकायत की गई है।
कब्जा दिलाने की कार्रवाई को लगातार टालता रहा तहसीलदार
हाइकोर्ट ने दो माह में बैंक को गिरवी रखी संपत्ति का कब्जा दिलाने के आदेश दिए थे। बैंक ने तहसीलदार को आदेश पत्र के साथ आवेदन दिया। इस पर तहसीलदार ने 7 अप्रैल को बैंक को संपत्ति का कब्जा दिलाने का सूचना पत्र जारी किया। इसके बाद भी तहसीलदार ने कब्जा नहीं दिलवाया। बैंक की ओर से तहसीलदार से संपर्क करने पर उन्होंने अन्य सरकारी कामों का हवाला देते हुए मामले को टाल दिया।
कलेक्टर से की शिकायत
बैंक के एडवोकेट राजेश खंडेलवाल ने बताया कि तहसीलदार द्वारा हाई कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं किया गया है। इस पर बैंक की ओर से कलेक्टर को एक आवेदन पत्र भी दिया है। इसमें पूरे केस की जानकारी दी गई है। कलेक्टर ने उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद भी संपत्ति का कब्जा नहीं मिलता है, तो बैंक फिर हाई कोर्ट की शरण में जाएगी।