Homeछत्तीसगढइसरो ने खोजी 11 हजार से ज्यादा वॉटर बॉडी: 50 मीटर...

इसरो ने खोजी 11 हजार से ज्यादा वॉटर बॉडी: 50 मीटर में पक्के निर्माण बैन; 2.25 हेक्टेयर वाले वेट लैंड को अब संरक्षित करने के साथ डेवलप करेंगे – Raipur News



राजधानी रायपुर में लगभग 900 और पूरे प्रदेश में 11 हजार 457 वॉटर बॉडी यानी वेट लैंड 2.25 हेक्टेयर से अधिक हैं। इसरो की स्पेशल विंग सेक ने वेट लैंड की खोज कर आर्द भूमि प्राधिकरण को इनकी सूची दी है। सूची का परीक्षण कर सभी वॉटर बॉडी को सुरक्षित रखने के

.

फिलहाल इन वॉटर बॉडी के आस-पास करीब 50 मीटर दायरे में सभी तरह के पक्के निर्माण पर रोक लगा दी गई है। यानी वॉटर बॉडी के चारों ओर के अवैध कब्जे पूरी तरह से हटा दिए जाएंगे। जिला प्रशासन और निगम की टीम इन वॉटर बॉडी की सुरक्षा पर विशेष फोकस करेगी। चिन्हांकित वॉटर बॉडी के निर्धारित दायरे में किसी भी तरह का निर्माण या कब्जे की निगरानी स्थानीय प्रशासन की होगी।

इसके लिए आर्द भूमि प्राधिकरण और वन विभाग के बायो डायर्वसिटी बोर्ड से सभी जिलों के कलेक्टरों और निगम कमिश्नरों को इसरो से मिली वॉटर बॉडी की सूची भेज दी गई है। प्रशासन की टीम इन वॉटर बॉडी का सर्वे करेगी। जहां कब्जे होंगे उन्हें हटाए जाएंगे। नए निर्माण भी रोके जाएंगे। वॉटर बॉडी को किस तरह से विकसित किया जाए? इसका प्रस्ताव जिला और स्थानीय स्तर पर तय किया जाएगा।

वाटर बॉडी में कोई ऐसा काम नहीं होगा जिससे अस्तित्व संकट में आए

अधिकृत वॉटर बॉडी में कोई भी ऐसा प्रोजेक्ट शुरू नहीं किया जाएगा, जिससे उसके अस्तित्व पर संकट आए। कंजर्वेशन इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट एंड वाइस यूज ऑफ वेटलैंड्स इन छत्तीसगढ़ के नाम से आयोजित कार्यशाला में वॉटर बॉडी की सुरक्षा पर विशेषज्ञों ने टिप्स दिए।

वन मंत्री केदार कश्यप और अपर मुख्य सचिव र​ऋचा शर्मा की उपस्थिति में विशेषज्ञों ने बताया कि अधिकृत होने के बाद ऐसा नहीं कि अब वॉटर बॉडी में मछली पालन नहीं हो सकता या आम लोगों की एंट्री पूरी तरह से बैन कर दी जाएगी, ऐसा नहीं है। आम लोग वॉटर बॉडी का सामान्य तरीके से उपयोग कर सकेंगे।

मछली पालन भी होगा लेकिन ये सिस्टम से किया जाएगा। इसके लिए लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी कि वे कैसे वॉटर बॉडी का उपयोग करें, जिससे इसके अस्तित्व में किसी तरह का असर न पड़े। वर्कशॉप में विशेषज्ञों ने इन संरक्षण और संवर्धन के कई टिप्स दिए।

केरला से मनोज पी सैमुअल, डा. जयंती वेंकटेश्वर, पद्मश्री प्रो. एम गाडगिल, डा. दिनेश मजेठिया ने वॉटरबॉडी के इंटरवेंशन, वॉटर होल्डिंग और वेटलैंड गर्वनेंस के बारे में जानकारी दी। वन विभाग और आर्द भूमि प्राधिकरण की ओर से आयोजित वर्कशॉप में सभी जिलों के डीएफओ, एसडीओ सहित कई जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद थे।



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version