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‘ईरान के पास 20 हजार मिसाइल, इजराइल रोक नहीं पाएगा’: ईरानी नेता बोले- 100 दिन हमले के लिए तैयार; कैसे कार से तेहरान पहुंचे इजराइली ड्रोन


‘ईरान के पास करीब 20 हजार मिसाइलें हैं। अगर हमने एक दिन में 200 मिसाइलें भी दागीं, तो इस हिसाब से हमारे पास 100 दिन तक लगातार दागने के लिए मिसाइलें हैं। इजराइल और अमेरिका दोनों के पास इतना बड़ा डिफेंस सिस्टम नहीं है कि इन्हें रोक पाए।’

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ईरान के डायरेक्टर ऑफ डिप्लोमेटिक हाउस हामिद रेजा गोलामजादेह पूरे यकीन से कहते हैं कि अगर इजराइल, ईरान से लड़ना चाहता है तो इसकी कीमत भी चुकाने के लिए तैयार रहे। इजराइल और ईरान के बीच 13 जून से लगातार जंग के हालात बने हुए हैं।

इजराइल एयरफोर्स ने 16 जून को ईरान की राजधानी तेहरान में सरकारी टीवी चैनल इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ब्रॉडकास्टिंग (IRIB) की बिल्डिंग पर बम गिराए। इजराइल डिफेंस फोर्स का दावा है कि इससे पहले उसने मिसाइल लॉन्चर्स से लदे कई ट्रकों को निशाना बनाया, जो तेहरान की तरफ जा रहे थे।

इजराइली एयरफोर्स ने ईरान के नेशनल टीवी के ऑफिस पर बमबारी की, जिसके बाद एंकर स्टूडियो से भागती दिखाई दी।

पिछले चार दिनों में हुए इजराइली हमलों में ईरान में 224 लोग मारे गए हैं। 1,277 से ज्यादा घायल हैं। वहीं ईरान के हमलों से इजराइल में 24 लोग मारे गए हैं, 600 से ज्यादा घायल हैं। दैनिक भास्कर ने हामिद रेजा गोलामजादेह से ईरान-इजराइल संघर्ष पर बात की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

सवाल: इजराइल के हमलों में अब तक कितना नुकसान हुआ है? जवाब: मैं तेहरान में हूं। 13 जून की अल सुबह मेरी नींद धमाकों से खुली। घर के पास ही धमाके हुए थे। एक के बाद एक पूरे शहर के अलग-अलग इलाकों में धमाकों की आवाजें आती रहीं। इजराइल ने पहले ईरान की सुरक्षा में सेंधमारी करके एयर डिफेंस सिस्टम तबाह किया। इसके बाद हमारे मिलिट्री कमांडर और न्यूक्लियर साइंटिस्ट को टारगेट कर मार दिया।

इजराइल ने इराक और तुर्की से लगने वाले बॉर्डर के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करने की कोशिश की है। एयर डिफेंस तबाह करने के बाद उसने ईरान की न्यूक्लियर फेसिलिटी पर हमला किया।

हालांकि दोपहर तक ईरान ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम पर फिर से कंट्रोल हासिल कर लिया। तब तक नए कमांडर्स की तैनाती की गई। दोपहर बाद इजराइल से आने वाली मिसाइल और ड्रोन को रोका जाने लगा। हमारे डिफेंस सिस्टम ने इजराइल के कई फाइटर जेट मार गिराए हैं। इसके बाद रात से ईरान ने इजराइल पर मिसाइल अटैक शुरू किया।

सवाल: इजराइल ने हमला किया, ईरान ने उसका जवाब दिया। अब ईरान का टारगेट क्या है? जवाब: ईरान, इजराइल के साथ युद्ध नहीं चाहता था। हम शुरू से खासतौर पर पिछले 2 साल से फिलिस्तीनियों का समर्थन करते आ रहे हैं। इजराइल ने पिछले साल सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमला किया और हमारे अधिकारियों को मार दिया। इजराइल ने हमास चीफ इस्माइल हानिया और हिजबुल्लाह के हेड हसन नसरल्लाह को मार गिराया।

इजराइल के इस रवैए के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई की। हमने कभी तनाव नहीं बढ़ाया।

इजराइल का मैसेज साफ है, वो कोई ऑपरेशन नहीं कर रहा बल्कि वो ईरान के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है। अब इजराइल के खिलाफ सिर्फ ईरान नहीं, बल्कि सभी मुस्लिम मुल्क एकजुट हो रहे हैं। इजराइल ने जो फिलिस्तीनी जमीन हथियाई है, ये लड़ाई उसके खिलाफ है।

सवाल: क्या ईरान और इजराइल के बीच हमलों को जंग माना जाए? जवाब: ईरान अब भी खुलकर युद्ध नहीं लड़ना चाहता है। ईरान को पता है कि जायनिस्ट रिजीम (इजराइल) अंदर ही अंदर खोखली हो रही है और वो खुद ही गिर जाएगी। मुझे नहीं लगता है कि मुस्लिम देशों को कुछ ज्यादा करने की जरूरत है। हां, अगर वो जंग चाहते हैं, तो हम उसके लिए भी तैयार हैं।

इजराइल को उम्मीद ही नहीं थी कि ईरान इतनी जल्दी पलटवार करेगा। उसे लग रहा था कि ईरान को अपनी फोर्स को फिर से खड़ा करने में 3-4 हफ्ते लग जाएंगे। हमने 12 घंटे में ही खुद को तैयार कर लिया और इजराइल को मुंहतोड़ जवाब दिया। हमने इजराइल के दो फाइटर प्लेन मार गिराए हैं। एक पायलट हिरासत में है।

सवाल: क्या इजराइल की स्ट्रैटजी में कोई बदलाव आया है? जवाब: इजराइल ने ईरान के अंदर से ही कार का इंतजाम करके ड्रोन लॉन्च किए। कई लोगों ने वो कारें देखी हैं, जिनसे ड्रोन निकलकर उड़ते हुए देखे गए। इन ड्रोन्स के जरिए ही इजराइल ने पहले ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह किया। शुक्रवार को जितनी तादाद में ड्रोन देखे गए थे, अब उसकी तुलना में काफी कम इजराइली ड्रोन आ रहे हैं।

15 जून से इजराइल ने ईरान पर हमले की रणनीति बदली है। उसने पहले तेहरान शहर पर बमबारी की, नागरिक ठिकानों पर हमले किए। साथ ही ऑयल रिजर्व को भी निशाना बनाया। इससे पूरे शहर में काला धुआं हो गया। इजराइल का फोकस तेहरान में लोगों को डराने पर था।

उत्तरी तेहरान में पानी की सप्लाई करने वाले पाइप को इजराइल ने बम से उड़ा दिया। पूरे शहर में पानी की सप्लाई प्रभावित हो गई। हमने रविवार शाम तक उसे भी दुरुस्त कर लिया। इजराइल सिविलियन इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला कर रहा है।

ये तस्वीर इजराइली सेना ने जारी की है। इसमें इजराइली एयरफोर्स ने ईरान के मिसाइल लान्चर्स से लदे कई ट्रकों को निशाना बनाया।

सवाल: इजराइल ने कहा कि वो बचाव के लिए हमले कर रहा है। इजराइल को ईरान से किस बात का डर है? जवाब: इजराइल हो या अमेरिका, ईरान को न्यूक्लियर वेपन बनाने से कोई नहीं रोक सकता। ईरान ने खुद कहा है कि वो न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए नहीं बल्कि ऊर्जा के लिए करेगा। ईरान ने हमेशा अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए किया है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।

इजराइल और अमेरिका न्यूक्लियर वेपन की आड़ में ईरान को तबाह करना चाहते हैं, यहां सत्ता बदलाव करना चाहते हैं। ईरान के लोग ये बात अच्छी तरह समझते हैं। इन हमलों ने ईरान के लोगों को एकजुट कर दिया है और मजबूती के साथ जायनिस्ट ताकत के खिलाफ लड़ने के लिए लामबंद किया है। अब हमले का जवाब हमले से होगा।

इंटरनेशनल रिलेशन की दुनिया में कहा जाता है कि न्यूक्लियर वेपन बढ़ने से तबाही ला सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। भारत और पाकिस्तान दोनों न्यूक्लियर पावर हैं। उनके बीच भी हाल में ही तनाव हुआ है, लेकिन किसी ने न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल नहीं किया।

ईरान के तबरीज शहर में इजराइली हमले की तस्वीर है, जहां महिलाएं परिजन की मौत पर गम में हैं।

सवाल: कहा जा रहा है कि अगर ईरान न्यूक्लियर डील के लिए तैयार नहीं हुआ तो इजराइल के साथ अमेरिका भी युद्ध में शामिल हो जाएगा? जवाब: ईरान ने 15 जून को कहा कि ये युद्ध इजराइल के खिलाफ है, किसी और के खिलाफ नहीं। अगर अमेरिका इस युद्ध में शामिल होगा तो हम उसे भी करारा जवाब देंगे। अमेरिका ने हाल ही में यमन पर हमला किया था। करीब 50 दिन तक दोनों के बीच तनातनी रही और अमेरिका को यमन के साथ तनाव में कई लोगों को खोना पड़ा।

आखिरकार अमेरिका को उस इलाके को छोड़ना पड़ा और अमेरिका ने यमन के साथ सीजफायर कर लिया। साफ है कि अमेरिका, यमन में हूतियों का कुछ नहीं कर पाया।

अमेरिका ने इराक और अफगानिस्तान पर भी हमला किया था। बीसियों साल की लड़ाई के बाद भी उसे कुछ हासिल नहीं हुआ। यमन की तुलना में तो ईरान बहुत बड़ा मुल्क है। इराक और अफगानिस्तान में ईरान ने अमेरिका की मदद की थी। हम इजराइल पर मिसाइलें गिरा रहे हैं, लेकिन उसका आयरन डोम उन्हें नहीं रोक पा रहा है।

सवाल: ईरान के पास युद्ध जारी रखने की कितनी ताकत है? जवाब: अमेरिका और इजराइल के डेटा को ही लें, तो ईरान के पास करीब 20 हजार मिसाइलें हैं। अगर हम एक दिन में 200 मिसाइलें भी दागें तो, इस हिसाब से हमारे पास कम से कम 100 दिन तक लगातार दागने के लिए मिसाइलें हैं। ये डेटा बताता है कि अगर जंग आगे बढ़ेगी तो इजराइल की हालत खराब हो जाएगी।

मेरा मानना है कि डेटा और पेपर पर युद्ध नहीं लड़े जाते। जंग जमीन पर होती है। अमेरिका ने पहले इराक, फिर अफगानिस्तान और हाल ही में यमन में जमीनी हकीकत का स्वाद चखा है। अगर वो ईरान से लड़ना चाहता है तो इसकी कीमत भी चुकाने के लिए तैयार रहे।

सवाल: इजराइल का दावा है कि ईरान की मिसाइलें सिविलियन इलाकों में गिर रही हैं। क्या ये हथियारों का गलत इस्तेमाल नहीं है? जवाब: ये सिर्फ कहने वाली बात है। इजराइल खुद ईरान के नागरिक इलाकों और सिविलियंस की इमारतों पर बमबारी कर रहा है। इजराइल ने नागरिकों को मारने के साथ ही इस युद्ध की शुरुआत की है। अब तक 200 ईरानी मारे जा चुके हैं, जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। ज्यादातर टारगेट नागरिक इलाके में ही हुए हैं।

सवाल: ईरान का आम नागरिक इस वक्त क्या सोच रहा है? क्या वो ये युद्ध चाहता है? जवाब: मैं खुद ईरान में रहता हूं और लोगों के बीच में हूं। पिछले कई साल के बाद सभी ईरानी एकजुट महसूस कर रहे हैं। मैं अपने ही इलाके की बात करूं तो जो लोग आम दिनों में सरकार के खिलाफ बहुत प्रदर्शन करते थे, अब वही लोग इजराइली हमले के बाद सरकार के साथ एकजुट हो गए हैं।

हर ईरानी इसे खुद पर हमला मान रहा है और लड़ने के लिए तैयार है। सड़कों पर इजराइल के खिलाफ नारे लग रहे हैं, रैलियां निकाली जा रही हैं। ईरान की अवाम इजराइल और अमेरिका के जुल्मों के खिलाफ खड़ी है।

ये तस्वीर इजराइल के होलोन शहर की है, जहां ईरानी हमलों से बहुत तबाही हुई है।

सवाल: इजराइल लेबनान में हिजबुल्लाह, गाजा में हमास, यमन से हूती के पीछे ईरान को बताता है। क्या हमले के पीछे आपको यही वजह लगती है? जवाब: इस सब के लिए इजराइल खुद जिम्मेदार है। इजराइलियों पर दुनिया में अलग-अलग जगह हमला होता रहा है, क्या सारे हमले ईरानी कर रहे हैं। इजराइल ने फिलिस्तीन पर कब्जा किया, उनकी जमीन हड़प ली। फिलिस्तीनियों के साथ क्रूर व्यवहार किया है।

इजराइल किसी की नहीं सुनता। वो किसी इंटरनेशनल लॉ को नहीं मानता। इजराइल के खिलाफ जो खड़ा होता है, वो उसे मारने लगता है। अब यूरोपीय देश भी इजराइल के खिलाफ खड़े होने लगे हैं।

सवाल: आप भारत के लोगों को क्या मैसेज देना चाहते हैं? जवाब: इजराइली सत्ता पर काबिज लोग क्रूर हैं। वो गाजा में आम लोगों, महिलाओं और बच्चों की हत्या कर रहे हैं। अब वो ईरान के नागरिकों की हत्या कर रहे हैं। अमेरिका के समर्थन से चलने वाली इजराइली वॉर मशीन को रोकना जरूरी है। मैं जानता हूं कि भारत के इजराइल के साथ अच्छे संबंध हैं, लेकिन भारत के लोगों को समझने की जरूरत है कि वो और उनकी सरकार किसका समर्थन कर रही है।

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इजराइली हमले के बाद ईरान में क्या माहौल है और लोग इस जंग को कैसे देख रहे हैं, इस पर दैनिक भास्कर ने ईरान के प्रोफेसर जमीर अब्बास जाफरी से बात की। वे मुंबई से हैं, लेकिन 15 साल से कोम शहर में रह रहे हैं। जमीर ईरान की जानी-मानी शख्सियत हैं। वे कहते हैं, ‘अब तक हुए हमले कुछ भी नहीं हैं। ईरान के पास बैलिस्टिक मिसाइल का इतना जखीरा है कि इजराइल का डिफेंस सिस्टम आयरन डोम उन्हें रोक नहीं पाएगा।’ पढ़िए पूरी खबर…



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