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उत्तर छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड…मैनपाट में न्यूनतम-तापमान 6 डिग्री: दुर्ग में भी 12 डिग्री पहुंचा रात का पारा; अगले 5 दिन ऐसे ही हालात – Chhattisgarh News


सरगुजा संभाग के सभी जिले शीतलहर की चपेट में हैं।

छत्तीसगढ़ में 11 साल बाद नवंबर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सरगुजा संभाग के सभी जिले शीतलहर की चपेट में हैं। सामरी, मैनपाट, बलरामपुर में न्यूनतम तापमान 6 से 8 डिग्री के बीच पहुंच गया है। प्रदेश के बाकी हिस्सों में भी अच्छी ठंड पड़ रही है।

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प्रदेश के मैदानी इलाकों में दुर्ग सबसे ठंडा है। यहां रात का पारा 12.9 डिग्री तक गिर गया है। जो सामान्य से 4.5 डिग्री कम है। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक न्यूनतम तापमान स्थिर रहने के संकेत दिए हैं। यानी ठंड बनी रहेगी। नवंबर का दूसरा पखवाड़ा ठंड के लिहाज से अच्छा है। पिछले दो-तीन दिनों से प्रदेश के सभी हिस्सों में ठंड बढ़ गई है।

प्रदेश के जिलों में तापमान की स्थिति।

बलरामपुर में शीतलहर

बलरामपुर गुरुवार को सबसे ठंडा रहा। यहां रात का पारा 8.9 डिग्री रहा जो सामान्य से 3.7 डिग्री कम था। वहीं पेंड्रा रोड में 10.8 डिग्री पारा रहा जो सामान्य से 3.4 डिग्री कम था। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यहां शीतलहर जैसे हालात हैं।

प्रदेश के जिलों में अधिकतम तापमान।

बिलासपुर में पड़ने लगी कड़ाके ठंड…अलाव का सहारा

जिले में सुबह और रात के साथ ही दिन में भी तापमान में गिरावट आई है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, दोपहर में अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

यह सीजन का सबसे कम तापमान है। ठंड से बचने लोग अब रात में अलाव का सहारा ले रहे हैं। सुबह और रात में ठंड कंपकंपाने लगी है। सुबह से लोग धूप सेंकते नजर आ रहे हैं। वहीं, रात में गर्म कपड़ों के साथ अलाव भी जला रहे हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर

बिलासपुर में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 14 डिग्री रहा, शाम और सुबह लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है।

रायपुर में रातें ठंडी, दिन में भी ठंड

यहां रात में ठंड बढ़ गई है। न्यूनतम तापमान 15 डिग्री के करीब बना हुआ है। वहीं दिन में भी हल्की ठंड महसूस होने लगी है। अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक रायपुर में ठंड बरकरार रहेगी। इसमें हल्की बढ़ोतरी भी होगी। प्रदेश में लगातार आ रही ड्राई हवा के कारण ऐसे हालात बन रहे हैं।

सर्दियों में एक्टिव रहना जरूरी

सर्दियों में एसिडिटी की एक बड़ी वजह ये है कि ठंड के मौसम में लोग फिजिकल एक्टिविटी कम कर देते हैं। जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलते हैं। सर्दियों में कई लोगों की मॉर्निंग वॉक, एक्सरसाइज भी बंद हो जाती है।

फिजिकल एक्टिविटी कम होने के बावजूद लोग विंटर में जमकर ऑयली, स्पाइसी, जंक फूड खाते हैं। इससे खाने में कैलोरी बढ़ जाती है, लेकिन शरीर का काम कम हो जाता है। ऐसी सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से खाना नहीं पचता। सर्दियों में एसिडिटी से बचने के लिए फूड हैबिट बदलने के साथ ही एक्टिव रहना भी जरूरी। दिनभर बैठे ही न रहें। ठंडे मौसम में एक्सरसाइज या किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि जारी रखें।

खाना जल्दी नहीं पचता

सर्दियों में तापमान बार-बार बदलता रहता है। कभी ठंड बढ़ जाती है, तो कभी कम हो जाती है। ठंड बढ़ने पर इसका असर डाइजेस्टिव सिस्टम पर पड़ता है। मेटाबॉलिज्म भी स्लो हो जाता है। ऐसे में ऑयली चीजें या जंक फूड खाने से अपच की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए अपनी खानपान की आदतें बदलें। डेली डाइट में फाइबर युक्त फूड आइटम शामिल करें

कई लोगों को दूध से एलर्जी होती है। ऐसे लोगों को प्लांट बेस्ड मिल्क प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। जिंजर टी या घर में बने फ्रूट जूस से काम हो जाएगा।

फाइबरयुक्त डाइट लें

सर्द मौसम में फाइबरयुक्त चीजों को डाइट में शामिल करने से फायदा मिलता है। अंकुरित चीजें, फल, हरी सब्जियां भोजन में शामिल करने से एसिडिटी की तकलीफ नहीं होती। सर्दियों में तिल, गुड़, मूंगफली, कच्ची हल्दी, आंवला, कालीमिर्च, सोंठ आदि का सेवन जरूर करें, लेकिन सीमित मात्रा में।

सर्दियों में पानी पीना जरूरी

सर्दियों में लोग पानी बहुत कम पीते हैं या फिर बहुत ज्यादा गर्म पानी पीते हैं। ये दोनों ही तरीके ठीक नहीं हैं। पानी की कमी से भी एसिड बढ़ता है और बहुत ज्यादा गर्म पानी पीने से भी। सर्दियों में खूब पानी पीएं, लेकिन बहुत ज्यादा गर्म पानी पीने से बचें, इसके बजाय गुनगुना या रूम टेम्प्रेचर वाला पानी पीएं।

रोजाना करें योग व एक्सरसाइज

सर्दियों में लोगों की फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, मॉर्निंग वॉक बंद हो जाती है, लोग घर में भी एक्सरसाइज नहीं करते। ठंडे मौसम के कारण बुजुर्गों के लिए मॉर्निंग वॉक पर जाना मुश्किल हो जाता है।

ठंड बहुत ज्यादा है और आप घर से बाहर नहीं जा सकते तो ऐसे में घर के अंदर ही चहलकदमी करें, ताकि आपका रूटीन न टूटे और शरीर एक्टिव रहे। युवाओं को भी ठंड में फिजिकल वर्कआउट बंद नहीं करना चाहिए, बाहर नहीं जा सकते तो घर में ही योग व एक्सरसाइज जारी रखें। शरीर एक्टिव रहेगा तो भोजन आसानी से पच जाएगा और एसिडिटी की तकलीफ नहीं होगी।

कड़ाके की सर्दी में रखे अपने परिवार का ख्याल।

सर्दियों के जरूरी नियम

खाली पेट खट्टे फल यानी सिट्रस फ्रूट्स जैसे नींबू, संतरा आदि का जूस न पिएं। इससे एसिडिटी बढ़ सकती है। पानी कम पीते हैं तो ये आदत बदल दें। चाय-कॉफी ज्यादा न पिएं। शराब के सेवन से बचें।

बुजुर्गों का मेटाबॉलिज्म वैसे भी कम रहता है और सर्दियों में यह ज्यादा स्लो हो जाता है। ऐसे में ठंडे मौसम में बुजुर्गों के खानपान और लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखना चाहिए।

भरपेट खाने के बजाय थोड़ा कम खाएं। इससे डाइजेस्टिव सिस्टम पर दबाव कम पड़ेगा।



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