पंजाब में धड़ल्ले से गेहूं की नाड़ जलाई जा रही है। सेटेलाइट के जरिये प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल से 1 मई तक खेतों में नाड़ जलाने के 1032 मामले सामने आए हैं। इनमें से 90% मामले पिछले 8 दिन के हैं। प्रदेश में नाड़ को जलाने के मामले लगातार बढ़ र
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पिछले 2 साल की अपेक्षा इस बार अब तक नाड़ जलाने के मामले 5 गुना ज्यादा हैं। साल 2023 में नाड़ जलाने के 256 और साल 2024 में 261 मामले रिपोर्ट हुए थे। सेटेलाइट के जरिये मामलों की मॉनिटरिंग 31 मई तक की जाएगी।
सेटेलाइट से मॉनिटरिंग : कपूरथला में 169, फाजिल्का में 115 मामले सामने आए
नाड़ जलाने के मामलों में वृद्धि होने के साथ ही हवा की गुणवत्ता खराब होने लगी है। इस वजह से लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। सुप्रीम कोर्ट भी अवशेष जलाने को लेकर पंजाब सरकार को कई बार फटकार चुका है। वहीं, एनजीटी ने पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) से आगजनी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एक्शन प्लान मांगा था।
राज्य सरकारें पॉल्यूशन कंट्रोल और अवशेष जलाने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कितनी गंभीर हैं, इन मामलों ने उसकी पोल खोल दी है। नाड़ जलाने के सबसे ज्यादा 180 मामले होशियारपुर से रिपोर्ट हुए हैं। 1 मई को 232 केस सामने आए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर कपूरथला में 169, तीसरे पर फाजिल्का में 115, फिरोजपुर में 114, गुरदासपुर में 84 से मामले सामने आ चुके हैं।