नागपुरकुछ ही क्षण पहले
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औरंगजेब कब्र विवाद में महाराष्ट्र के नागपुर के महाल इलाके में सोमवार शाम दो पक्षों में हिंसा हो गई। विश्व हिंदू परिषद ने सोमवार शाम औरंगजेब का पुतला फूंका था, इसके बाद हिंसा भड़क गई।
अधिकारियों ने बताया कि, प्रदर्शन के दौरान अफवाह फैली कि आंदोलनकारियों ने एक धार्मिक पुस्तक जलाई है। जिससे दो पक्षों में पथराव हुआ। कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई है।
पुलिस ने बवाल कर रहे लोगों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। घटना में चार लोग घायल हुए हैं।
हिंसा से जुड़ी तस्वीरें…
महल इलाके में सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए।
कुछ लोगों ने घर के अंदर पत्थरबाजी की। गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं।
इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
पुलिस बोली- हजार की भीड़ आई, घरों में पत्थर फेंके गए यह घटना चिटनिस पार्क और महल इलाके में हुई। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तलाव रोड बेल्ट हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित थी, जहां दंगाइयों ने कुछ चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
निवासियों के घरों पर भी पत्थर फेंके गए। पुलिस हजारों की संख्या में मौजूद भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश कर रही है।
जानिए क्या है औरंगजेब से जुड़ा विवाद…
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने महाराष्ट्र सरकार से इसे जल्द हटाने की मांग की है। विवाद के बीच कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) महाराष्ट्र और गोवा के क्षेत्रीय मंत्री गोविंद शेंडे ने औरंगजेब की कब्र को गुलामी का प्रतीक बताया। उन्होंने सोमवार को कहा- औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को मारने से पहले 40 दिनों तक यातना दी थी। ऐसे क्रूर शासक का निशान क्यों रहना चाहिए।
उधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक कार्यक्रम में कहा- क्रूर औरंगजेब के बर्बर विचारों का महिमामंडन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उस विचार को वहीं कुचल दिया जाएगा।
हिंदू संगठन महाराष्ट्र भर में प्रदर्शन कर रहे
औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र भर में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान मुगल आक्रांताओं के पुतले भी जलाए जा रहे हैं।
नागपुर में भी बजरंग दल ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
टी राजा ने भी कब्र हटाने की मांग की
तेलंगाना के गोशामहल से भाजपा विधायक हिन्दूवादी नेता टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा- मैं VHP और बजरंग दल की मांग का समर्थन करता हूं।
इससे पहले टी राजा सिंह ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को 15 मार्च को लिट्ठी लिखी थी। उन्होंने छत्रपति संभाजी नगर जिले में स्थित मुगल सम्राट औरंगजेब के मकबरे के रखरखाव पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा आवंटित खर्च का विवरण मांगा है।
उन्होंने कहा- आखिर हिंदू राजाओं की हत्या, मंदिरों को तोड़ने वाले और हमारी संस्कृति का दमन करने वाले औरंगजेब के मकबरे पर सरकारी खर्च का क्या औचित्य है? करदाताओं का एक भी रुपया उस तानाशाह की कब्र के रखरखाव पर खर्च नहीं किया जाना चाहिए, जिसने हमारे पूर्वजों को बहुत पीड़ा दी। इसे फौरन रोकना चाहिए।
राउत बोले- ये मराठाओं के शौर्य का स्मारक शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कब्र विवाद को लेकर भाजपा नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का एक स्मारक है। यह आने वाले पीढ़ी को बताएगा कि किस तरह से शिवाजी महाराज और मराठा सैनिक आक्रांताओं से लड़ते रहे।
बजरंग दल नेता बोले- बाबरी मस्जिद जैसा ही हश्र होगा इससे पहले शनिवार को बजरंग दल के नेता नितिन महाजन ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो इसका भी बाबरी मस्जिद जैसा ही हश्र होगा।
महाजन ने कहा- औरंगजेब की कब्र पर इबादत की जा रही है। संभाजी के हत्यारे की कब्र बनाई जा रही है। जब ऐसी कब्रों पर इबादत की जाती है तो समाज भी उसी तरह विकसित होता है। उस समय हम असहाय थे, लेकिन अब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल मांग कर रहे हैं कि इसे हटाया जाना चाहिए।
हम जानते हैं कि जब हिंदू समुदाय अपने अस्तित्व को लेकर आंदोलन करता है तो क्या होता है। हम सभी ने देखा कि अयोध्या में बाबरी ढांचे को हटाने के लिए क्या हुआ। अगर सरकार कब्र नहीं हटाती है, तो हम कारसेवा करेंगे।
पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए
औरंगजेब की कब्र वाले इलाके में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। ऐसी व्यवस्था की गई है कि वहां केवल एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सके। औरंगजेब के मकबरे का मुख्य द्वार पुलिस ने बंद कर दिया है। औरंगजेब की कब्र के पास जाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। फिलहाल औरंगजेब के मकबरे को बाहर से ही देख सकते हैं।
कांग्रेस बोली- कब्र हटाने से क्या मिलेगा
महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा- बजरंग दल और VHP के पास करने के लिए और कुछ नहीं बचा है। वे नहीं चाहते कि महाराष्ट्र के लोग शांति से रहें। वे राज्य में विकास की गति को धीमा करना चाहते हैं। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि औरंगजेब 27 साल तक यहां रहे और वे राज्य के लिए कुछ नहीं कर पाए। अब उनकी कब्र हटाने के बाद उन्हें क्या मिलेगा।
1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
दरअसल, मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब का निधन हुआ, तो उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें खुल्दाबाद में उनके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया। यह स्थान छत्रपति संभाजीनगर से करीब 25 किमी दूर है।
औरंगजेब की कब्र एक साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय लॉर्ड कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।
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