कटे हुए पैर को बोरे में रखते सफाईकर्मी।
समस्तीपुर में मंगलवार को कचरे के ढेर से कटा हुआ मानव अंग मिला। कटे पैर पर मधुमक्खियां लग रही थी। सूचना मिलने के बाद नगर निगम के सफाईकर्मी पहुंचे और कटे पैर को बोरे में डालकर ले गए। बदबू से सफाईकर्मियों को भी काफी परेशानी हुई।
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स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि विजय कुशवाहा ने इस घटना पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि खुलेआम मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है। कभी नवजात का शव तो कभी इंसानी अंग कचरे में मिल रहा। ये बेहद अमानवीय है।
आरोप लगाया कि क्षेत्र में अवैध रूप से कई अस्पताल चल रहे हैं। बिना किसी निगरानी के मेडिकल का कचरा कूड़े में फेंका जा रहा है। कई बार शिकायत के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोग जिला प्रशासन से मांग कर चुके हैं कि अवैध रूप से संचालित अस्पतालों की जांच हो। मामला शहर के काशीपुर वार्ड-34 की है।
कैंसर, डायरिया और हेपेटाइटिस भी हो सकता
डॉक्टर नागमणि राज बताते हैं कि खून से सनी सिरिंज ग्लव्स और पट्टी कहीं भी नहीं फेंकना चाहिए। इसे नष्ट कर देना चाहिए। अगर मेडिकल कचरे को 1150 डिग्री सेल्सियस के निर्धारित तापमान पर नहीं लाया जाए तो यह ऑर्गेनिक प्रदूषण पैदा करते हैं, इन प्रदूषण से कैंसर और प्रजनन संबंधी परेशानी होती है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ता है।
खासकर वेक्टर जनित रोग होने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि इस पर जो मक्खी या मच्छर बैठता है वह रोग को संग्रहित करता है। इसके अलावा डायरिया, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी टाइफाइड आदि रोग तेजी से फैलता है।मेडिकल कचरा जानलेवा और खतरनाक है ।
सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने कहा, मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।