कर्नल पुष्पिंदर बाठ से मारपीट मामले में पटियाला पहुंचकर एसआईटी की टीम जांच करते हुए।
पटियाला में सैन्य अधिकारी कर्नल पुष्पिंदर बाठ से मारपीट मामले की जांच पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने शुरू कर दी है। आज एसआईटी उस ढाबे पर पहुंची, जहां यह घटना हुई थी। इस दौरान ढाबे के स्टाफ और अन्य लोगों से भी एसआईटी के सदस्यों ने पूछ
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कर्नल से मारपीट का मामला ऐसे आया था सामने
पटियाला में 13-14 मार्च की रात को आर्मी कर्नल से मारपीट की गई। तब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसके बाद मामला रक्षा मंत्रालय और आर्मी हेडक्वार्टर पहुंचा तो पुलिस ने 9 दिन बाद बाई नेम FIR दर्ज कर 12 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया। इसमें 5 इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। इस घटना को 21 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पंजाब पुलिस अपने ही आरोपी कर्मचारियों को बचाने में लगी है।
कर्नल बाठ अपनी चोट के निशान दिखाते हुए। (फाइल फोटो)
कर्नल को आई थी गंभीर चोंटें
कर्नल बाठ ने बताया था कि जब वे गाड़ी स्टार्ट कर जाने लगे तो उन लोगों ने डंडे और सरिए मारकर गाड़ी तोड़नी शुरू कर दी। इसी बीच बेटे के दोस्त ने कर्नल की पत्नी को फोन पर पूरी बातचीत बताई। इसके बाद कर्नल और उनके बेटे को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां कर्नल के बाएं हाथ में फ्रैक्चर निकला।
विधानसभा में उठा मुद्दा
कर्नल बाठ से पंजाब पुलिस के मुलाजिमों की तरफ से की गई गुंडागर्दी का मुद्दा बजट सेशन के दौरान पंजाब विधानसभा में उठा। विरोधियों ने पंजाब की AAP सरकार को विधानसभा में घेरा और बताया कि किस तरह से पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर तार-तार हो रहा है।
सेना के पूर्व अफसरों ने पटियाला में धरना दिया। पटियाला के बीजेपी नेताओं ने SSP नानक सिंह से मिलकर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। जैसे ही मामला विधानसभा में उठा तो नई एफआईआर दर्ज कर एसआईटी बनाई थी। साथ ही परिवार को सुरक्षा दी गई थी।