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कांग्रेस के पीएम मोदी से 4 सवाल: पूछा- प्रधानमंत्री पॉलिटिकल पार्टियों के लीडर्स से कब मिलेंगें, उन्हें विश्वास में कब लेंगे


नई दिल्ली1 मिनट पहले

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को पीएम मोदी से 4 सवाल किए। जिसमें सर्वदलीय बैठक आयोजित करने, ऑपरेशन सिंदूर पर समीक्षा समिति गठित करना, मानसून सत्र के दौरान 2 दिवसीय चर्चा और पहलगाम हमले के आतंकियों को पकड़ने के लिए की गई कोशिश के सवाल शामिल हैं।

रमेश ने कहा- 32 देशों की यात्रा से लौटे से 7 डेलिगेशन के 51 सांसदों से पीएम का मिलना ठीक है। यह उनका विशेषाधिकार है और ये कोई आश्चर्य की बात नहीं है। लेकिन हमारे पास केवल चार आसान सवाल हैं। हम चाहते हैं कि पीएम इन सवालों का जवाब दें।

कांग्रेस के PM से 4 सवाल

सवाल नं.1: प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता कब करेंगे। पार्टियों के सांसदों से नहीं बल्कि लीडर्स से कब मिलेंगे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सामने आई भीतरी और बाहरी सुरक्षा चुनौतियों पर इन लीडर्स को कब विश्वास में लेंगे।
सवाल नं. 2: कारगिल युद्ध के बाद हमारे पास एक कारगिल समीक्षा समिति थी। क्या सिंगापुर में CDS के खुलासे के बाद भी ऐसी ही कवायद होगी? क्या समीक्षा होगी? क्या कोई विश्लेषण होगा? क्या कोई रिपोर्ट होगी? क्या इसे संसद में पेश किया जाएगा?
सवाल नं.3: क्या प्रधानमंत्री मानसून सत्र के दौरान भीतरी और बाहरी सुरक्षा चुनौतियों, चीन, पाकिस्तान), नई तकनीकी चुनौतियों, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बार-बार किए दावों वाली चुनौतियों पर पूरे 2 दिन चर्चा की परमिशन देंगे।
सवाल नं.4: ​​​​​​​ पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकी अभी भी आजाद हैं। उन्हें न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया है। वे 23 दिसंबर को पुंछ हमले के लिए जिम्मेदार थे। वे 24 अक्टूबर को गगनगीर के लिए जिम्मेदार थे। वे 24 अक्टूबर को गुलमर्ग में शामिल थे। ये सभी रिपोर्ट हैं, जिनका खंडन नहीं किया गया है। तो इन पहलगाम के आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में कब लाया जाएगा?

MANREGA पर कांग्रेस का सरकार पर निशाना

कांग्रेस ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MANREGA) पर कहा- केंद्र सरकार ‘तीन आसान चरणों में MANREGA को कैसे खत्म किया जाए’ पर काम कर रही है।

रमेश ने X पर मीडिया रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया। इसमें दावा किया गया है कि पहली बार सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के लिए अपने सालाना आवंटन के 60 प्रतिशत पर खर्च की सीमा तय की है।

रमेश ने बताया- केंद्र सरकार कैसे MANREGA को 3 चरणों में खत्म कर रही

चरण I: एक दशक से मनरेगा को पर्याप्त फंडिंग न देना, जिससे मजदूरी दर स्थिर बनी रही और लंबित भुगतान की राशि लगातार बढ़ती गई। जो इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 21,000 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है।

चरण II: वित्त मंत्रालय की मासिक/त्रैमासिक व्यय योजना (Monthly/Quarterly Expenditure Plan) लागू करना, जिसके तहत वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में मनरेगा के कुल बजट का केवल 60% खर्च करने की सीमा तय कर दी गई है।

चरण III: जब लंबित भुगतान निपटाने के बाद बजट की गुंजाइश न बचे, तो मनरेगा लाभार्थियों को काम देना लगभग बंद कर दो।

रमेश ने कहा- पहला और दूसरा कदम लागू कर चुकी

रमेश ने कहा कि केंद्र सरकार पहला और दूसरा कदम लागू कर चुकी। तीसरा कदम अब जल्द ही सामने आने वाला है। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरी को बढ़ाकर 400 रुपए प्रतिदिन किया जाना चाहिए। आधार आधारित भुगतान ब्रिज सिस्टम (ABPS) को जरूरी नहीं बनाया जाना चाहिए। मजदूरी का भुगतान 15 दिनों की वैधानिक अवधि के भीतर किया जाना चाहिए और भुगतान में किसी भी देरी की भरपाई की जानी चाहिए।

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