रोहतक में कांग्रेस नेत्री हिमानी नरवाल के हाईप्रोफाइल मर्डर केस में आरोपी सचिन की चार्जशीट में कई चीजें सामने आई है। आरोपी सचिन का कहना है कि हिमानी उससे 30 हजार रुपए मांग रही थी, लेकिन उसकी जेब में एक रुपया भी नहीं था। इसी को लेकर बहस हुई और गुस्से
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बता दें कि हिमानी नरवाल कांग्रेस की एक्टिव सदस्य थी और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुई थी। आरोपी सचिन 27 फरवरी की रात को हिमानी के घर आया और उसके बाद 28 फरवरी को हत्या कर शव सांपला में बस स्टैंड के बाहर एक सूटकेस में छोड़ दिया था। 1 मार्च को हिमानी के शव का पता चला और 3 मार्च को आरोपी सचिन को गिरफ्तार किया गया।
मोबाइल फोन में छुपे मिल सकते हैं कई राज हिमानी के पास 2 एप्पल के मोबाइल थे, जो आरोपी सचिन से रिकवरी के दौरान मिले हैं। लेकिन दोनों फोन का डेटा डिलीट किया गया है। ऐसे में दोनों मोबाइल एफएसएल में डेटा रिकवर करने के लिए भेजे हुए है। डेटा रिकवर होने के बाद मोबाइल से अहम सुराग मिलने की उम्मीद है, जिससे पूरे मामले में तस्वीर साफ हो जाएगी।
मरने से पहले व बाद की लोकेशन सचिन के साथ हिमानी के मोबाइल की सीडीआर आरोपी सचिन के साथ मिली है। मरने से पहले भी हिमानी की लोकेशन सचिन के साथ है और मरने के बाद की लोकेशन भी सचिन के साथ है। हिमानी के फोन भी सचिन के पास ही थे। इसके सबूत सीसीटीवी में भी है और जिसे सूटकेस में शव मिला, वो भी सीसीटीवी में सचिन के पास ही नजर आया।
हिमानी मर्डर केस में एडवोकेट जितेंद्र हुड्डा।
हत्या का नहीं कोई चश्मदीद गवाह हिमानी मर्डर केस में पूरी चार्जशीट में हत्या का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है। ऐसे में आरोपी सचिन के खिलाफ मिले लिंक एविडेंस के आधार पर ही पूरा केस टिका हुआ है। लेकिन लिंक एविडेंस भी काफी स्ट्रॉन्ग बताए जा रहे है, जो सजा करवाने के लिए पर्याप्त है।
केस काफी मजबूत बनाया है, सजा जरूर होगी हिमानी नरवाल मर्डर केस में पीड़ित परिवार की तरफ से केस लड़ रहे एडवोकेट जितेंद्र हुड्डा ने बताया कि लिंक एविडेंस के आधार पर केस काफी मजबूत है। भले ही चश्मदीद गवाह नहीं है, लेकिन मोबाइल की सीडीआर व सीसीटीवी में दोनों के साथ होने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा अन्य सामान भी रिकवर कर लिया है। सजा दिलाने के लिए पर्याप्त सबूत है।