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कांग्रेस बोली- पहलगाम हमले पर सरका की स्पष्ट रणनीति नहीं: खड़गे बोले- राहुल गांधी ने सरकार को जाति जनगणना का फैसला लेने को मजबूर किया


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नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले

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कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया, राहुल, खड़गे समेत सीनियर लीडर्स शामिल हुए।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की शुक्रवार दिल्ली में बैठक हुई। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, मल्लिकार्जुन खड़गे सहित दूसरे नेता शामिल हुए। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने कहा- पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्र सरकार ने कोई स्पष्ट रणनीति नहीं बनाई है।

उन्होंने कहा- पूरा विपक्ष सरकार के साथ है। हमने पूरी दुनिया को यह संदेश दिया है। देश की एकता और अखंडता में जो बाधा बनेगा उसके खिलाफ सब साथ मिलकर सख्ती से निपटेंगे। हमले की पीड़ित कानपुर के शुभम द्विवेदी के परिजनों से राहुल गांधी ने मुलाकात की थी। सरकार से मृतक को शहीद का दर्जा और सम्मान देने की मांग भी की।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जाति जनगणना की मांग को मान लिया। इसके लिए मैं राहुल गांधी को बधाई देता हूं, जिन्होंने लोकसभा में इस मुद्दे को लगातार उठाकर सरकार को जाति जनगणना पर फैसला लेने के लिए मजबूर किया।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने फिर साबित कर दिया है कि अगर हम ईमानदारी से लोगों के मुद्दे उठाते हैं, तो सरकार को झुकना पड़ता है। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक से लेकर तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने तक, जाति जनगणना अब उन घटनाक्रमों की सीरीज में शामिल हो गई है, जिसमें एक जिद्दी सरकार को एक बार फिर झुकना पड़ा है।

खड़गे ने केंद्र सरकार की मंशा पर शक जताया

  • सरकार ने जाति जनगणना की हमारी सालों पुरानी मांग को स्वीकार कर लिया, लेकिन इसके लिए जो समय चुना गया, उससे हम हैरान हैं। जिस भाषा और भावना के साथ कई बातें कही गईं, उससे हमारे मन में कई संदेह पैदा हुए हैं। पार्टी के सभी नेताओं को जाति सर्वे को निष्कर्ष तक ले जाने सतर्क रहना चाहिए। कांग्रेस शासित तेलंगाना और कर्नाटक में जाति सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। निष्कर्षों को सरकारी योजनाओं को तैयार करने में शामिल किया जा रहा है।
  • गुजरात में AICC सेशन के दौरान भी हमने 9 अप्रैल को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें हमारी मांग दोहराई गई। हमने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की भी मांग की। इस सीमा को हटाने का काम एक संवैधानिक संशोधन के माध्यम से किया जाएगा।
  • जब मैंने 16 अप्रैल 2023 को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जाति जनगणनाकी मांग की थी, तो सरकार पूरी तरह इसके खिलाफ थी। फिर अचानक उनका मन कैसे बदल गया? सरकार ने हर मंच पर हमारी मांग का विरोध किया। इसे विभाजनकारी और अर्बन नक्सल (सोच) कहा गया। मोदी जी और आरएसएस नेताओं ने राज्य चुनाव प्रचार में इसकी आलोचना की। लड़ेंगे तो कटेंगे जैसे नारे लगाए गए।

जाति जनगणना समाज का एक्स-रे होगा

खड़गे ने कहा- यूपीए 2 सरकार के दौरान शुरू हुए 2011 के जाति सर्वेक्षण की पूरी प्रक्रिया 31 मार्च, 2016 को समाप्त हुई। सरकार ने खुद 2022 में राज्यसभा के एक प्रश्न के उत्तर में इसे स्वीकार किया। तो क्या 2014 में हमसे अधूरे डेटा प्रकाशित करने की उम्मीद करना मूर्खता नहीं थी?

उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि जाति जनगणना समाज का एक्स-रे होगा। हम कहेंगे कि हमें खुशी है कि उन्होंने हमारी बात समझी, भले ही देर से।

CWC के बाद कांग्रेस नेताओं के बयान

हरीश रावत: पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए। हम साफ कह रहे हैं कि पहलगाम पर कार्रवाई करें, हम आपके साथ खड़े हैं। पूरा देश कह रहा है कि कार्रवाई करें। जल्द ही कोई प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि यह संदेश जाए कि जो भी ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे कुचल दिया जाएगा। यह संदेश आतंकियों तक पहुंचना चाहिए और यह तभी हो सकता है, जब पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए।”

प्रतिभा सिंह: कांग्रेस पार्टी पहलगाम आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाए रखेगी, ताकि यह तय हो सके कि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जाति जनगणना कराने की मांग को राहुल गांधी ने बार-बार संसद में उठाया। आखिरकार मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया।

30 अप्रैल- देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी

केंद्रीय कैबिनेट ने जाति जनगणना को मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। देश में इसी साल के आखिर में बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं। देश में आजादी के बाद पहली बार जाति जनगणना कराई जाएगी।

कयास लगाए जा रहे हैं कि जाति जनगणना की शुरुआत सितंबर में की जा सकती है। हालांकि जनगणना की प्रोसेस पूरी होने में एक साल लगेगा। ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में मिल सकेंगे। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है। पूरी खबर पढ़ें…

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