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कार्यपालन यंत्री बोला- प्रकरण कोई हो अधिकारियों को माल चाहिए: शिकायतकर्ता को सिस्टम में भ्रष्टाचार से चीजें रफा-दफा होना बताया; फर्जी डिग्री शिकायत वापस लेने कहा – Rewa News


रीवा में प्रभारी कार्यपालन यंत्री ने कहा कि प्रकरण कोई भी हो वरिष्ठ अधिकारियों को माल देना पड़ता है। भ्रष्टाचार से जुड़ी बात करने वाले रीवा में यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 1 के टीपी गुर्दवान का वीडियो सामने आया है। उन पर फर्जी डिग्री धारण करने के आरो

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इसी के संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी और उनकी बातचीत का वीडियो सामने आया है। इसमें कार्यपालन यंत्री द्विवेदी से आर.टी.आई लगाने के बाद प्राप्त सर्विस बुक और फर्जी डिग्री मामले से संबंधित दस्तावेजों को बाहर न उछालने की बातें करते नजर आ रहे हैं।

द्विवेदी से बातचीत में कार्यपालन यंत्री ने वरिष्ठ और जांच अधिकारियों पर लेनदेन कर मामले के रफा-दफा किए जाने की बातें करते नजर आ रहे हैं। इसका एक्सक्लूसिव वीडियो दैनिक भास्कर के पास है। इसमें वह फर्जी डिग्री वाले मामले में शिकायतकर्ता से शिकायत वापस लेने कह रहे हैं।

प्रभारी कार्यपालन यंत्री टीपी गुर्दवान शिकायत वापस लिए जाने और आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों को दबाए जाने की बात कर रहे हैं। वीडियो सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।

सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार की बात करते हुए शिकायत वापस करने का कह रहे अधिकारी।

वायरल वीडियो में फर्जी एएमआईई डिग्री धारक ईई टीपी गुर्दवान ने यह सब कहा…

ईई टीपी गुर्दवान : सर्विस बुक वाले प्रकरण को बहुत आगे तक उछाल रहे हो।

शिवानंद द्विवेदी : नहीं ऐसा कुछ नहीं है।

ईई टीपी गुर्दवान : होना जाना कुछ नहीं है बस ये है की शिकायत ऊपर जाएगी तो अधिकारियों को माल (पैसे) चाहिए (उंगली) से पैसे गिनने का इशारा करते हुए) तो हमारा यही (पैसे का) नुकसान होगा।

शिवानंद द्विवेदी : हां ऐसा कुछ नहीं.

ईई टीपी गुर्दवान : ऊपर अधिकारियों के पास कोई कागज पहुंच जाए तो उनको बस माल (पैसे) चाहिए। एक वहीं बैठा हुआ तीसरा आदमी कोई ठेकेदार – सभी ढूंढ रहे हैं माल (पैसा), माल किसको नहीं चाहिए बताईये? अधिकारी बिना खाए घूम दौड़ रहे हैं तो माल (पैसे) के लिए ही तो है और काहे के लिए है? हम भी चाबी लेकर माल की तलाश में ही हैं।

ईई टीपी गुर्दवान : तो उसको (शिकायत को) खत्म कर दो यहीं। एक लिखित पत्र एसई (अधीक्षण यंत्री) को लिखकर दे दो की हमने इनके (ईई टीपी गुर्दवान के) डिग्री सर्विस बुक सम्बन्धी कागज देख लिए हैं और हमको (शिवानंद द्विवेदी को) आगे इसमें कोई जांच नहीं करवाना है। मैटर यहीं खत्म हो जाएगा और ऊपर तक नहीं जाएगा और अगर चाहते हो की आगे जाए तो आपकी इच्छा है।

शिवानंद द्विवेदी : चलिए देखते हैं उसको।

ईई टीपी गुर्दवान : आप लिख कर दे दोगे की हमने आरटीआई से निकलवाकर इनके (गुर्दवान के) डिग्री सर्विस बुक सम्बन्धी कागज देख लिया है और हमको आगे इनकी कोई जांच नहीं करवानी है। चार लाइन लिखना है। अगर (लिखकर) दे दोगे तो मैटर यहीं पर खतम हो जाएगा। नहीं तो आगे तक जाएगा। अब 40 साल से लड़ रहे हैं नौकरी में तो छः महीने और लड़ लेंगे।

कार्रवाई के लिए भेजी जा चुकी रिपोर्ट जानकारी है कि कमिश्नर रीवा संभाग बाबू सिंह जामोद की फाइनल जांच रिपोर्ट महीने भर पहले ही प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास विभाग मप्र शासन दीपाली रस्तोगी को भेज दी। अब तक कार्यवाही न होने से इस प्रकार के वायरल वीडियो की प्रासंगिकता और भी अधिक पुख्ता होती नजर आ रही है। दो व्यक्तियों के बीच में कोई तीसरा व्यक्ति भी वार्तालाप में सुनाई दे रहा है जिसे कोई ठेकेदार बताया जा रहा है।

प्रभारी कार्यपालन यंत्री टीपी गुर्दवान की फर्जी एएमआईई डिग्री की जांच हो गई, अब कार्यवाही के लिए प्रमुख सचिव स्तर पर भेज दिया गया है। कमिश्नर रीवा संभाग के द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल को भेजा गया है।

पहले भी सामने आ चुका वीडियो अप्रैल माह में टीपी का एक वीडियो सामने आया। जिसमें टीपी कहते हुए नजर आए थे कि एक मामले में उपयंत्री अनित राज को बैक डेट में जाकर दस्तावेजों में सुधार कर उन्होंने संरक्षण दिया था। उन्होंने कहा कि विधायक अभय मिश्रा वाले एक प्रकरण में उन्होंने ही उसे बचाया है।

वह नहीं चाहते की किसी की नौकरी उनकी कलम से जाए और ऐसे कई बार उनके द्वारा अनिल राज सिंह को बचाया गया है। इस विषय पर कलेक्टर प्रतिभा पाल ने टीपी को नोटिस जारी कर 3 दिवस के भीतर स्पष्टीकरण भी मांगा था।



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