कासगंज के कोतवाली सोरों क्षेत्र के सलेमपुर गांव में 7 अप्रैल को दलित समाज के व्यक्ति रमेश चंद्र ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अब मृतक की पुत्री संगीता और दामाद मान सिंह ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने FIR दर्ज करने में आनाका
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मृतक की पत्नी राम रति ने आरोप लगाया कि उनके पति की पिटाई सादा वर्दी में मौजूद दो पुलिस कर्मियों ने की थी, जब वह गांव में चल रही रामलीला देखने गई थीं। पत्नी का कहना है कि पुलिस की पिटाई से आहत होकर रमेश चंद्र ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने सोरों थाने में विक्रम चौधरी और बहादुर नाम के दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। इसके बजाय, दोनों पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया।
मृतक की पुत्री संगीता का कहना है कि उनके पिता दिल्ली में मजदूरी करते थे और घर की मरम्मत करने के लिए ढाई महीने पहले गांव आए थे। संगीता ने बताया कि उनके पिता ने रामलीला में चंदा भी दिया था। लेकिन जब वह रामलीला देखने गए, तो वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें टेंट के पीछे ले जाकर पीटा, जिससे उनकी बहुत बेज्जती हुई। रात में घर लौटने के बाद वह बहुत रोए और अपनी मां से इस बात की शिकायत की। अगले दिन सुबह, जब उनकी मां मंदिर गईं, तब रमेश चंद्र ने आत्महत्या कर ली।
संगीता ने आरोप लगाया कि पुलिस उनकी FIR दर्ज नहीं कर रही है और उन्हें थाने पर घंटों बैठना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस उनके परिवार पर दबाव बना रही है कि वह तहरीर से दोनों पुलिस कर्मियों का नाम हटाएं। मृतक के दामाद मान सिंह ने बताया कि पुलिस उनके परिवार को परेशान कर रही है और FIR दर्ज करने में आनाकानी कर रही है।
रमेश चंद्र के छह बच्चे हैं, जिनमें चार बेटियां और दो बेटे शामिल हैं। अब उनकी जिम्मेदारी उनकी पत्नी और बच्चों पर आ गई है। मृतक के परिवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से न्याय की मांग की है और कहा है कि वे इस मामले में सच्चाई की तलाश कर रहे हैं।