किडनी की बीमारी बताकर किया दायलीसिस फिर बिगड़ी तबीयत।
बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में एक बार फिर इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया है। कोरबा जिले के रिटायर्ड एसईसीएल कर्मी को करीब 10 दिन पहले भर्ती कराया गया था। तब उन्हें किडनी की बीमारी बताई गई और डायलिसिस कराया गया। परिजन का आरोप है कि डायलिसिस के ब
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कोरबा जिले के रजगामार निवासी वेदराम पटेल एसईसीएल के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उनके बेटे राजकुमार ने बताया कि उनकी तबीयत 31 मई को बिगड़ गई, जिस पर उन्हें अपोलो अस्पताल लेकर आए। यहां जांच के बाद उनके किडनी की परेशानी बताई गई और डायलिसिस के लिए भर्ती किया गया। शनिवार को डायलिसिस के बाद उनकी तबीयत में सुधार हुआ, जिसके बाद सोमवार और मंगलवार को डायलिसिस किया गया, जिसके बाद रिकवर हो गया।
परिजनों ने लापरवाही बरतने पर CMHO से शिकायत की है।
मामले को छिपाने की कोशिश
चार जून को उनके हाथ में स्थूला बन गया, जिसके बाद उन्हें एनेस्थिसिया का डोज दिया गया। जिसके बाद नींद की गोली दी गई। जिसके बाद उनकी तबीतय बिगड़ने लगी। जिस पर परिजन ने किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विनय कुमार को फोन किया। लेकिन, डॉक्टर ने हालत में सुधार होने का दावा किया और मामला को छिपाने के लिए उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा था।
परिजन का आरोप ओवरडोज से बिगड़ी हालत मरीज के बेटे राजकुमार पटेल ने आरोप लगाया कि डायलिसिस के बाद उन्हें नींद की गोली का ओवरडोज दिया गया है, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। अपनी लापरवाही छिपाने के लिए अपोलो प्रबंधन ने उन्हें डिस्चार्ज करने का दावा किया। लेकिन, उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। अब परिजन उसे लेकर दूसरे अस्पताल जा रहे हैं। परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए सीएमएचओ से शिकायत की है।
सीएमएचओ बोले शिकायत की जांच कराएंगे सीएमएचओ डॉ. सुरेश तिवारी ने बताया कि मरीज के परिजन ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। परिजन ने ओवरडोज दवाई देने का भी आरोप लगाया है। उनकी शिकायत पर मामले की जांच की जाएगी। जांच के आधार पर मामले में कार्रवाई की जाएगी।