महाकुंभ बयान विवाद में कोर्ट में सुनवाई, शास्त्री की ओर से वकील पेश
शहडोल जिले की अदालत में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक विवादित बयान को लेकर सुनवाई हुई। यह बयान उन्होंने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि “जो महाकुंभ में नहीं आएगा, वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।”
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इस बयान पर अधिवक्ता संदीप तिवारी ने आपत्ति जताई और शहडोल की जिला अदालत में आपराधिक परिवाद दायर किया। उन्होंने इसे भारतीय संविधान की भावना, खासकर धर्मनिरपेक्षता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खिलाफ बताया।
उनका कहना है कि यह बयान भड़काऊ है और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
इस मामले में पिछली सुनवाई 20 मई को होनी थी, लेकिन उस दिन न्यायिक मजिस्ट्रेट सीता शरण यादव की छुट्टी होने के कारण मामला स्थगित हो गया।
धीरेंद्र शास्त्री की ओर से उनके वकील ने मेमो देकर उपस्थिति दर्ज कराई थी। अब कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई 2025 तय की है।
इस दौरान दोनों पक्षों की बहस होगी। फिलहाल शास्त्री की तरफ से एक आवेदन दिया गया था, जिसमें जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया।
इस पर परिवादी अधिवक्ता संदीप तिवारी ने लिखित उत्तर प्रस्तुत किया। इस बीच कोर्ट द्वारा दिए गए नोटिस और सीधा सवाल यह है कि क्या कोई व्यक्ति धार्मिक आयोजन में शामिल न होकर ‘देशद्रोही’ कहलाया जा सकता है? अदालत इस पर आगामी सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगी।