जगदलपुर में आयोजित अंडर-15 शतरंज टूर्नामेंट में कोंडागांव के मयंक श्रीवास्तव ने शानदार प्रदर्शन कर विजेता का खिताब जीता। मयंक को अंडर-15 वर्ग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर ट्रॉफी, मेडल और 5000 रुपए का नगद पुरस्कार भी दिया गया।
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वहीं, कोंडागांव में पोषण पखवाड़ा 2025 के दौरान बिहान से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों ने सामाजिक बदलाव की नई मिसाल पेश की है। जिला पंचायत सीईओ अविनाश भोई और एनआरएलएम के डीएमएम विनय सिंह के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया।
केशकाल ब्लॉक के धनोरा क्षेत्र में आकांक्षा महिला संकुल संगठन की पोषण सखी कैडर ने विशेष पहल की। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर गांव-गांव में सुपोषण का संदेश पहुंचाया।
आंगनबाड़ी में दीदीयों ने पोषण का महत्व बताया।
प्रदेश के 182 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा
जगदलपुर स्पोर्ट्स क्रॉनिकल्स द्वारा इंद्रा स्टेडियम में 19 और 20 अप्रैल को आयोजित इस प्रतियोगिता में 182 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। टूर्नामेंट में अंडर-11, अंडर-15 और ओपन श्रेणी के मुकाबले खेले गए। यह FIDE स्तर का पहला टूर्नामेंट था जो जगदलपुर में हुआ।
इसमें रायपुर, महासमुंद और बिलासपुर समेत कई जिलों के टॉप खिलाड़ियों ने भाग लिया। विजेता मयंक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, कोच और स्कूल को दिया।
उन्होंने कहा कि यह जीत उनके लिए बड़ी प्रेरणा है। वह आगे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कोंडागांव का नाम रोशन करना चाहते हैं। मयंक की इस उपलब्धि से पूरे जिले में खुशी का माहौल है।
विजेता मयंक ट्रॉफी, मेडल और 5000 रुपए का नगद पुरस्कार दिया गया।
कुपोषण से बचाव के उपाय बताए
जिले के कई स्थानों पर पोषण आधारित रंगोली बनाई गई। जनसंवाद और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पौष्टिक आहार का महत्व समझाया गया।
इस अभियान में समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। महिलाओं के साथ-साथ पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग भी इससे जुड़े। जागरूकता शिविरों में स्थानीय खानपान की उपयोगिता पर चर्चा की गई। गर्भवती महिलाओं और बच्चों की देखभाल के साथ कुपोषण से बचाव के उपाय बताए गए।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों की देखभाल के साथ कुपोषण से बचाव के उपाय बताए गए।
सुपोषित बनाने की दिशा में सार्थक कदम
बिहान की महिलाओं ने इस पखवाड़े के माध्यम से एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने बताया कि पोषण सिर्फ भोजन तक सीमित नहीं है। यह पूरे समुदाय का साझा संकल्प है। उनका यह प्रयास जिले को स्वस्थ और सुपोषित बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित हो रहा है।