कोंडागांव के मर्दापाल वन परिक्षेत्र के ढोलमांदरी गांव में बहुमूल्य सागौन के पेड़ों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। सालों पहले लगाए गए ये पेड़ अब अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं। ये पेड़ धीरे-धीरे सूखकर दीमकों का शिकार हो रहे हैं।
.
वन विभाग की लापरवाही से करोड़ों रुपए मूल्य के पेड़ जंगल में खड़े-खड़े सड़ रहे हैं। विभाग अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर सका है। वन विशेषज्ञों का सुझाव है कि इन पेड़ों को समय रहते काटा जाए। इससे दीमकों का प्रसार रुकेगा और जंगल का जैविक संतुलन भी बना रहेगा।
सागौन के पेड़ धीरे-धीरे सूखकर दीमकों का शिकार हो रहे हैं।
सूखे पेड़ों को समय रहते काटना जरूरी
कुछ साल पहले इसी क्षेत्र में साल के पेड़ों की कटाई की गई थी। इससे सरकार को अच्छा राजस्व मिला था। पूर्व उप वन मंडलाधिकारी महेंद्र यदु के अनुसार, सूखे पेड़ों को समय रहते काटना जरूरी है। इससे आसपास के वन क्षेत्र की सुरक्षा भी होगी।
वन विशेषज्ञों का सुझाव है कि इन पेड़ों को समय रहते काटा जाए।
पर्यावरण प्रेमी विंदेश्वरी शर्मा ने कहा कि एक तरफ नए पेड़ लगाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ पुराने पेड़ों को दीमक खा रही है। इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। रेंज के परिक्षेत्र अधिकारी को इन पेड़ों की सूची बनाकर वनमंडलाधिकारी को देनी चाहिए। इससे कटाई की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी और राजस्व के नुकसान से बचा जा सकेगा।