9 से 31 मई तक रायपुर में अधिवेशन चला था।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक में कुलपति नियुक्ति में विलंब, बड़े कोचिंग संस्थानों की गुणवत्ताहीन व्यवस्था समेत 4 प्रस्ताव पारित किए गए। 29 से 31 मई तक रायपुर में अधिवेशन संपन्न होने के बाद लौटे सभी 50 प्रांतों के
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उत्तर बिहार के प्रदेश मंत्री पुरुषोत्तम कुमार ने बेगूसराय में कहा है कि तीन दिनों तक चले इस राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक में 4 प्रस्ताव पारित हुए। भारत तथा दुनिया से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषय पर विचार विमर्श कर आगामी कार्य योजना बनाई गई।
पारित पहले प्रस्ताव में देश के कोचिंग संस्थानों में सार्थक नागरिक बनाने के बदले केवल परीक्षा पास करने की मशीन की तरह छात्र-छात्राओं के साथ व्यवहार हो रहा है जो भारतीय समाज के लिए हानिकारक है।
दूसरे प्रस्ताव में कुलपतियों की नियुक्ति में व्यवधान एवं विलंब से केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालय में अराजकता की स्थिति की चर्चा हुई है। इस पर जल्द ही सख्त कदम उठाने का प्रयास करना अपेक्षित है।
तीसरे प्रस्ताव में भारत की आंतरिक सुरक्षा की मजबूती एवं नागरिकों के सजग रहने की अपील की गई तथा चौथे प्रस्ताव में वैश्विक व्यवस्था में भारत की बहु आयामी पहल का स्वागत किया गया।
शिक्षा के साथ सामाजिक, राष्ट्रीय महत्व के अन्य विषयों पर चर्चा
उन्होंने बताया कि शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक एवं राष्ट्रीय महत्व के अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए विभिन्न समूह के निर्माण के माध्यम से अधोसंरचना विकास एवं पाठ्यक्रम निर्माण का कार्य द्रुत गति से चल रहा है। निकट भविष्य में इसका परिणाम दिखेगा। इसके अतिरिक्त देशभर में चल रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आयाम एवं कार्य गतिविधियों पर निर्णय लिए गए।
अलग-अलग प्रकार के इंटर्नशिप एवं प्राध्यापक यशवंत राव केलकर की जन्मशती वर्ष, भगवान बिरसा मुंडा के जन्म के 150 वर्ष, संघ की स्थापना के 100 वर्ष एवं महारानी अवक्का के राज्यारोहण के पांच सौ वर्ष के अवसर पर पूरे देश में कार्यक्रम चलेगा। आपातकाल के 50 वर्ष पर भी विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाएगी। उत्तर बिहार में भी इसके अनुरूप सभी कार्यक्रम होंगे।