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कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा रद्द की: DNA टेस्ट नहीं हुआ, दुष्कर्म का आरोपी 10 साल बाद बरी – Jabalpur News



मप्र हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी रिंकू उर्फ घनश्याम को दोषमुक्त कर दिया। आरोपी पिछले 10 वर्षों से जेल में बंद था। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने सत्र न्य

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न तो डीएनए जांच कराई गई और न ही कोई स्वतंत्र गवाह प्रस्तुत किया गया, जिससे यह सिद्ध हो सके कि अपराध उसी ने किया है। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी से पूरी कहानी की विश्वसनीयता पर संदेह होता है। रिंकू की ओर से कहा गया कि उसका पीड़िता के परिवार से पानी भरने को लेकर पुराना विवाद था और उसी दुर्भावना के चलते उसके खिलाफ झूठा केस दर्ज किया गया।



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