एमएस धोनी
चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए आईपीएल का ये सीजन अभी तक कुछ खास नहीं गया है। माना जाता था कि चेन्नई का चेपॉक स्टेडियम सीएसके का गढ़ है। कोई भी टीम आ जाए चेन्नई में उसे हराना आसान नहीं होता था, लेकिन इस बार ये किला भी ढह गया। कई टीमों ने चेन्नई में जाकर ही सीएसके को मात दी है। लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि सीएसके के साथ पहली बार ऐसा हुआ है तो गलत है। इससे पहले भी साल 2010 में एमएस धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई की टीम काफी कुछ ऐसे ही हालात में फंसी हुई थी, लेकिन जब आईपीएल खत्म हुआ तो सीएसके चैंपियन बनकर निकली।
लगातार पांच मैच हारने से सीएसके की हालत पतली
चेन्नई सुपरकिंग्स ने इस साल के आईपीएल का अपना पहला मैच तो जीत लिया था। लेकिन उसके बाद बैक टू बैक पांच मुकाबलों में टीम को हार का सामना करना पड़ा था। इसमें जो आखिरी मैच हारा गया, उसमें तो कप्तानी भी एमएस धोनी कर रहे थे, लेकिन वे भी टीम की हार नहीं टाल पाए। अब तक खेले गए सात में से चेन्नई की टीम केवल दो ही मैच अपने नाम कर पाई और अंक तालिका में आखिरी यानी दसवें नंबर पर है। इससे पहले भी टीम इस तरह के परिस्थिति में फंसी हुई थी।
साल 2010 में भी ऐसे ही फंसी थी चेन्नई की टीम
साल 2010 के आईपीएल में चेन्नई की टीम ने अपने पहले सात में से केवल दो ही मैच जीते थे। टीम को उस सीजन अपने पहले मैच में तो हार मिली, लेकिन इसके बाद टीम ने लगातार दो मैच अपने नाम कर लिए और फैंस इससे काफी खुश थे। लेकिन इसके बाद टीम को लगातार चार मैचों में हार का सामना करना पड़ा। यानी सात में से केवल दो ही जीत। लेकिन जब लीग फेज के 14 मैच खत्म हुए तो टीम सात मैच जीतकर और 14 अंक लेकर नंबर तीन पर पहुंच चुकी थी। टीम ने तीसरी टीम के रूप में प्लेऑफ में एंट्री की। इसके बाद टीम ने फाइनल में भी अपनी जगह पक्की की। फाइनल में उसकी टक्कर मुंबई इंडियंस से हुई। जहां सीएसके ने एमआई को 22 रन से हराकर खिताब पर कब्जा किया था। उस वक्त भी टीम की कमान एमएस धोनी के ही हाथ में थी।
धोनी कर सकते हैं अनहोनी को होनी
इस बार भी कमोबेश हालात वैसे ही हैं। हालांकि अभी टीम इस साल के प्लेऑफ की रेस से बाहर नहीं हुई है। चेन्नई की टीम बचे हुए सात में से अगर सभी मैच जीत जाती है तो प्लेऑफ ज्यादा दूर नहीं है। सभी मैच जीतकर टीम 18 अंक हासिल कर सकती है। यानी अगर एक मैच यहां से भी सीएसके हार जाए तो भी प्लेऑफ की संभावनाएं खत्म नहीं होंगी। अब तो कप्तानी भी एमएस धोनी कर रहे हैं। अब धोनी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि क्या टीम को वे जीत की राह पर ले जाने में कामयाब हो पाएंगे।
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