26 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंध सिविल अस्पताल में पीड़ित महिला वकील से मुलाकात करते समय का फाइल फोटो।
पंजाब के लुधियाना के खन्ना में महिला वकील से मारपीट के मामले में पुलिस जांच के बाद नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने इन्क्वायरी के दौरान मामले से गैर-जमानती धाराएं हटा दी हैं और तीन वकीलों का नाम एफआईआर से बाहर कर दिया है। इससे 4 वकीलों को जमानत भी मिल गई
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डीएसपी कर्मवीर तूर के अनुसार, दोनों पक्षों के सबूतों और केस के तथ्यों की गहन जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है। जांच में नामजद चार वकीलों – हितेश भारद्वाज, रवि कुमार, अक्षय शर्मा और निखिल नैय्यर ने जमानती धाराओं के तहत जमानत करवा ली है।
यहां से शुरू हुआ विवाद
25 अप्रैल को खन्ना कोर्ट कांप्लेक्स में हुई इस घटना में शुरुआत में सात वकीलों के खिलाफ गैर-जमानती धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। पीड़ित महिला वकील के मुताबिक, वह लुधियाना कोर्ट से लौटकर शाम साढ़े 6 बजे खन्ना बस स्टैंड पहुंची थी, जहां से बलविंदर सिंह उर्फ बॉबी उन्हें स्कूटी पर लेने आया था। कोर्ट परिसर में दफ्तर के मोड़ पर झगड़ा हो गया, जिसके बाद बलविंदर सिंह वहां से भाग गया।
कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंध के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने खन्ना बार एसोसिएशन के सदस्यों – निखिल नैय्यर, हितेश, आशुतोष, दीपिका पाहवा, अक्षय शर्मा, रवि कुमार और नवीन शर्मा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था।