गंगा की लहरों के बीच मणिकर्णिका घाट के समाने अस्सी घाट की एक क्रूज खराब हो गया। इंजन बंद होते ही क्रूज डिब्बे की तरह धारा में डगमगाने लगा। उसमें सवार तकरीबन सौ पर्यटकों की सांसें अटक गईं। कुछ शोर मचाने लगे। चालक दल ने उन्हें समझा कर शांत कराया। बताया
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मौके पर NDRF और जलपुलिस के जवान भी पहुंचे।
2 घंटे गंगा में खड़ी रही क्रूज
क्रूज पर सवाल लोगों ने बताया कि अस्सी घाट से नमो घाट तक जाने के लिए हम लोग क्रूज पर सवार हुए थे। नमो घाट से वापस लौटते समय क्रूज की मोटर में नारियल फस गया। जिससे वह बंद हो गया उसे ठीक करने का प्रयास किया गया लेकिन तकरीबन 2 घंटे तक पर्यटक क्रूज में फंसे रहे। ठंड के मौसम में कुछ महिलाएं और बच्चे भी क्रूज पर सवार थे जो शोर मचाने लगे समझा बूझकर उन्हें शांत कराया गया।
क्रूज का मोटर सही करने में लगे रहे चालक।
महिला ने 112 पर कर दी शिकायत
अधिक समय तक क्रूज नहीं चला तो एक महिला ने 112 नंबर पर शिकायत भी कर दी। महिला ने बताया कि हम लोग बीज गंगा में फंस गए हैं कृपया मदद करें। इसके बाद वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट भी हरकत में आया। मौके पर तत्काल जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम को भेजा गया। टीम ने लाउडस्पीकर के माध्यम से सभी पर्यटकों को शांत कराया। गंगा घाट से चार बड़ी मोटर बोट मंगाई गई। जिसके सहारे क्रूज को अस्सी घाट तक ले जाया गया।
क्रूज पर सवार महिलाएं मदद मांगती दिखी।
जल पुलिस जारी करेगा पुनः एडवाइजरी
जल पुलिस प्रभारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया था। तत्काल पर्यटकों की मदद की गई और क्रूज को पुन: अस्सी घाट तक पहुंचाया गया। इस दौरान जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम साथ रही। उन्होंने बताया कि सभी क्रूज एवं नव संचालकों को यह एडवाइजरी जारी की जाएगी कि वह समय-समय पर अपने मोटर की जांच कराए। इसके अलावा उन्होंने बताया कि हमने प्रमुख गंगा घाटों पर लाउडस्पीकर की व्यवस्था कराई है। जिसके माध्यम से सभी नाविकों को समय-समय पर लाइफ जैकेट और निश्चित संख्या में ही पर्यटकों को बैठने का निर्देश दिया जा रहा है।