Homeउत्तर प्रदेशगाजियाबाद कमिश्नरेट में सुनवाई नहीं होती: दुकानदार बोला- थाने से लेकर...

गाजियाबाद कमिश्नरेट में सुनवाई नहीं होती: दुकानदार बोला- थाने से लेकर अफसरों तक 100 चक्कर काटे, न्याय नहीं मिला – Ghaziabad News



41 साल के धीर सिंह की कहानी सुनकर आश्चर्य लग सकता है। लेकिन यह हकीकत है। अपनी पत्नी और उसके प्रेमी पर कार्रवाई की मांग लेकर पिछले 6 माह में 100 से ज्यादा चक्कर थाने लेकर अफसरों तक लगा दिए हैं। लेकिन गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में सुनवाई की उम्मीद न कर

.

बदायूं का रहने वाला धीर सिंह पिछले 12 साल से गाजियाबाद में रहकर बर्तन बेचने का काम करता है। युवक का कहना है कि मेरी पत्नी के मकान मालिक के भाई से अवैध सम्बंध हैं। दोनों ने मुझे घर से निकाल दिया है और सारा सामान भी रख लिया। लेकिन मेरी सुनवाई नहीं हुई। गोरखपुर में सीएम योगी के दरबार में भी शिकायत की।

दैनिक भास्कर पर पढि़ए युवक की पूरी आपबीती…

बदायूं जिले के खरखोली गांव का रहने वाला धीर सिंह पुत्र दयाराम पिछले 12 साल से गाजियाबाद में किराए पर रह रहा है। युवक की शादी 2002 में मिथलेश से हुई थी। दंपती पर 2 बेटे हैं।

पीड़ित धीर सिंह का कहना है कि ढाई साल से मैं खोड़ा थाना क्षेत्र में खोड़ा कालोनी में रामवीर के मकान में किराए पर रह रहा था। मुझे संदेह था कि मेरी पत्नी के मकान मालिक के भाई से अवैध सम्बंध है।

युवक ने आगे बताया कि मैं गाजियाबाद में बर्तन खरीदकर उन्हें अलग अलग स्थानों पर बेचने का काम करता हूं। एक दिन में मुझे 800 रुपये से एक हजार रुपये बच जाते थे।

पत्नी ने प्रेमी के साथ घर से निकाला

पीड़ित धीर सिंह ने 22 अप्रैल 2025 को डीएम गाजियाबाद के यहां एक शिकायती पत्र दिया। पीड़ित ने कहा कि मेरी सास ठीक नहीं थी। जहां रमेश नाम के एक युवक के साथ भागकर 2010 में शादी कर ली थी। उसके बाद रमेश को भी छोड़ दिया। रमेश की जमीन भी बिकवा दी और अब गांव में अकेले रह रही है।

युवक ने बताया कि मेरी पत्नी मिथलेश भी अपनी मां यानी मेरी सास के पास रहने चली जाती थी। सास के भड़काने पर पत्नी बाहर भीतर अपनी मर्जी से आने जाने लगी। दोनों बेटों को भी अपने पास रख लिया और बच्चों को भड़काने का काम करती है। 6 माह से पत्नी अपने प्रेमी के साथ रह रही है। मेरा सामान सारा रख लिया और मुझे उस घर में घुसने तक नहीं दिया जाता। न ही बच्चों को मिलने देती।

अब तुझमें इंटरेस्ट नहीं

पीड़ित का कहना है कि पत्नी अपने प्रेमी से मिलकर धमकी दिलवाती है। मुझसे कहती है कि अब तुझ में इंटरेस्ट नहीं है। जिस मकान में मैं किराए पर रहता ता था,उसी मकान मालिक के भाई के साथ वह रह रही है। तरह तरह से मुझे धमकी दिलवाई जा रही है।

मैं गाजियाबाद में घर से बेघर हो गया। मेरी ठेली, बर्तन और अन्य सामान भी रख लिया। इन्हीं से मेरी रोजी रोटी चलती थी। मुझे पत्नी व उसके प्रेमी से जान का खतरा है। मेरे साथ कभी भी अनहोनी हो सकती है। इसके लिए मेरी पत्नी ही जिम्मेदार होगी।

अफसरों के 100 से ज्यादा चक्कर काटे

पीड़ित धीर सिंह ने बताया कि 5 जून को मैं मुख्यमंत्री के जनता दरबार में मिला। जहां सीएम साहब ने कहा कि आपकी मदद होगी। उसके बाद गाजियाबाद के अधिकारियों के लिए लिखित में आदेश भी कर दिया। लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने मुझे फटकारा।

थाने में पुलिस कहती है कि योगी जी जांच करने नहीं आएंगे। शिकायत कहीं भी कर लो, जांच हम ही करेंगे। पीड़ित ने बताया कि न तो मेरा सामान दिलवाया गया न ही पत्नी और उसके प्रेमी पर कार्रवाई हुई।

गांव में मेरी मां बहुत बीमार है जिनकी मैं देखभाल भी नहीं कर पा रहा हूं। इस पूरी घटना के लिए खोड़ा थाना पुलिस जिम्मेदार है। एक महिला कहती है कि मैं डीएम हूं, वह महिला भी खुद को डीएम बताकर मुझे धमकाती है।

ऐसे में मैं किससे इंसाफ की उम्मीद लगाउं। गाजियाबाद में मैं अफसरों के चक्कर काटते हुए थक चुका हूं। 100 से अधिक बार चक्कर लगा चुका हूं। कोई भी अधिकारी नहीं बचे जिनसे शिकायत न की गई हो। लेकिन मैं इंसाफ के लिए दर दर भटक रहा हूं।



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version