गोरखपुर में सचिवालय में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 12 लाख रुपये की ठगी का मामला समने आया है। पीड़ित रविन्द्रनाथ शर्मा की तहरीर पर गोरखनाथ थाने में रितिक जायसवाल उर्फ रेहान जायसवाल और बसंत गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर
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नौकरी का लालच देकर रची ठगी की साजिश जटेपुर उत्तरी मंशाबाग के रहने वाले 65 वर्षीय सेवा निवृत्त रविन्द्रनाथ शर्मा ने बताया कि वह हुमायूँपुर चौराहे पर एक दुकान पर अक्सर बैठते थे। वहीं उनकी मुलाकात बसंत गुप्ता से हुई, जिसने रितिक जायसवाल से परिचय कराया। रितिक ने दावा किया कि उसके चाचा की सचिवालय में ऊंची पहुंच है और वह आसानी से नौकरी लगवा सकते हैं।
बसंत और रितिक के झांसे में आकर रविन्द्रनाथ ने 7 लाख रुपये बैंक ट्रांसफर और 5 लाख रुपये नकद दिए। दोनों ने भरोसा दिलाया कि 2 लाख रुपये नौकरी लगने के बाद देने होंगे। लेकिन दो साल बीतने के बावजूद न नौकरी मिली और न पैसे वापस हुए।
धौंस दिखाकर टालते रहे आरोपी रविन्द्रनाथ ने जब पैसे वापस मांगे, तो रितिक खुद को एक राजनीतिक पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष बताते हुए धौंस जमाने लगा। वहीं, बसंत गुप्ता ने जिम्मेदारी लेने से साफ इनकार कर दिया। लगातार झूठे वादों और टालमटोल से परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई।
आर्थिक संकट से जूझ रहा पीड़ित गोरखनाथ थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने रितिक जायसवाल और बसंत गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी का FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाएगी।
रविन्द्रनाथ शर्मा ने कहा कि ठगी के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ऐसे धोखेबाजों के झांसे में न आएं और किसी भी तरह का बड़ा लेनदेन करने से पहले पूरी जानकारी जुटाएं।