गोरखपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के भरोसे रहने वाले लोगों को तगड़ा झटका लगा है। यहां न्यूरो सर्जन के रूप में कार्यरत डा. राहुल गुप्ता ने इस्तीफे का नोटिस दे दिया है। नए साल के पहले दिन उन्होंने AIIMS प्रबंधन को नोटिस पकड़ा दी है।
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गोरखपुर AIIMS में लंबे समय तक न्यूरा सर्जन की कमी थी। 27 जुलाई 2023 को जब उन्होंने ज्वाइन किया तो यह कमी दूर हुई। अब उनके इस्तीफे के बाद सिर में चोट व नसों से जुड़े मरीजों को बीआरडी मेडिकल कालेज ही भेजना पड़ेगा। डा. राहुल के आने से न्यूरो विभाग में ओपीडी शुरू हो गई थी। वह मंगलवार, गुरुवार व शुक्रवार को ओपीडी में मरीज देखते थे। सोमवार को ओटी मिलती है। वह भी आधे दिन के लिए। आधे दिन दूसरे विभाग के डाक्टर उसका इस्तेमाल करते हैं। डा. आशुतोष तिवारी ने 9 अक्टूबर को न्यूरोलाजिस्ट के रूप में काम संभाला है। वह नसों से जुड़ी समस्या सुनकर परामर्श देते हैं लेकिन आपरेशन की जिम्मेदारी डा. राहुल पर ही है।
एनेस्थीसिया के डाक्टर नहीं होते थे उपलब्ध इस्तीफे की नोटिस के बाद एम्स में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि आपरेशन के समय आसानी से एनेस्थीसिया विभाग के डाक्टर उपलब्ध नहीं हो पाते थे। सुबह मरीज ओटी पहुंचता था तो पता चलता था कि एनीस्थीसिया के डाक्टर अचानक अवकाश पर चले गए। मरीजों के परिजन असपर आक्रोश भी जताते थे। कई बार एक सप्ताह तक मरीज इंतजार करते लेकिन अंतिम समय में फिर यही समस्या आ जाती। आपरेशन के अभाव में रेफर करने पड़ते हैं मरीज एम्स में कई ऐसे मरीज न्यूरो विभाग में आते हैं, जिन्हें आपरेशन की जरूरत होती है। लेकिन समय से आपरेशन न हो पाने के कारण उन्हें रेफर करना पड़ता है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए आपरेशन की जरूरत तत्काल होती है लेकिन ऐसे मरीजों को भी कहीं और जाना पड़ता है। अनुमान के मुताबिक अब तक 350 से अधिक मरीज वापस जा चुके हैं। क्या कहते हैं डा. राहुल डा. राहुल गुप्ता ने कहा कि “मैंने आहत मन से नोटिस दिया है। मैं न्यूरो सर्जन हूं। आपरेशन कर मरीजों को बचाना मेरी जिम्मेदारी है। लेकिन आपरेशन का पूरा अवसर नहीं मिल पाता है। मेरी नोटिस की समय सीमा 31 जनवरी को समाप्त होगी। एम्स प्रशासन की बात गोरखपुर एम्स के मीडिया प्रभारी डा. अरूप मोहंती ने बताया कि डा. राहुल ने इस्तीफे का नोटिस दिया है। अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।