सूरजपुर जिले के भैयाथान ब्लॉक के भास्करपारा कोल परियोजना के तहत आने वाले पंचायतों में आयोजित पुनर्वास के लिए आयोजित ग्रामसभा में ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। कंपनी ने अब तक भूमि अधिग्रहण के ग्राम सभा नहीं कराई। बिना ग्रामसभा के जमीनों का अधिग्रहण भ
.
दरअसल, भास्करपारा कोल ब्लॉक प्रकाश इंडस्ट्रीज को आबंटित है। इसके लिए प्रकाश इंडस्ट्रीज को भूमि अधिग्रहण और एनवायरमेंट क्लीयरेंस के लिए ग्राम सभा कराई जानी थी। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रकाश इंडस्ट्रीज ने ग्रामसभा कराए बिना ही भूमि अधिग्रहण कर लिया।
पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए जनसुनवाई 09 नवंबर 2023 में की गई थी। इसके अलावा कोई ग्राम सभा नहीं हुई और भूमि अधिग्रहण कर लिया गया। ग्राम पंचायत दलौनी में मुआवजा वितरण कर पांच माह से कोल उत्पादन भी शुरू कर दिया गया है।
विशेष ग्रामसभा में खदान का विरोध
खदान क्षेत्र के तहत आने वाले पंचायतों में शुक्रवार को विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया। ये ग्राम सभाएं भैयाथान ब्लॉक अंतर्गत प्रभावित पंचायत दनौली, खाड़ापारा और केवरा के लिए आयोजित की गई थी।
तीनों पंचायतों में ग्रामीणों ने खदान का विरोध किया और बिना ग्रामसभा कराए भूमि अधिग्रहण पर आपत्ति जताई। तीनों ग्राम सभाओं में कोल ब्लॉक के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया है। यह ग्रामसभा प्रभावित क्षेत्र में आने वाले ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए आयोजित थी।
केवरा ग्रामसभा में भी खदान का विरोध।
ग्रामीणों ने कहा-बिना ग्राम सभा के खदान खोलना असंवैधानिक
खदान का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि, बिना ग्रामसभा के प्रस्ताव के खदान खोलना पूरी तरह से असंवैधानिक है। बिना ग्राम सभा कराए पुराने ग्रामसभा के आधार पर भूमि अधिग्रहण किया गया है, जो गलत है। पांच माह से खदान का संचालन हो रहा है। इसे तत्काल बंद कर पूरी प्रक्रिया निरस्त की जाए।
भास्करपारा कोल ब्लॉक में 8 पंचायतें प्रभावित हैं। इनमें एक ओड़गी का धरसेढ़ी पंचायत भी शामिल है। ग्रामीणों के अनुसार अब तक कोई भी ग्रामसभा इनमें से किसी भी पंचायत में नहीं आयोजित हुई है।
भूमि अधिग्रहण के लिए ग्रामसभा जरूरी-आलोक
हसदेव बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला ने कहा कि, मुझसे क्षेत्र के ग्रामीणों ने संपर्क किया था। ग्रामीणों ने बताया है कि भूमि अधिग्रहण के लिए कोई भी ग्रामसभा नहीं हुई है। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत भूमि अधिग्रहण किया जाना है। भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए ग्रामसभा आवश्यक है।
आलोक शुक्ला ने कहा कि यदि ग्रामसभा नहीं हुई है और जमीन अधिग्रहण पूरा कर खदान शुरू कर दिया गया है तो यह गलत है। क्षेत्र के लोगों के बुलावे पर वे जल्द क्षेत्र में जाएंगे।
खातेदारों ने किया समर्थन-निदेशक
प्रकाश इंडस्ट्रीज के निदेशक एके चतुर्वेदी ने कहा कि, तीनों ग्राम पंचायतों में जितने लोगों की जमीन अधिगृहीत की गई है, उन्होंने समर्थन दिया है। जो लोग विरोध कर रहे हैं, उनकी एक इंच जमीन भी खदान क्षेत्र में नहीं आ रही है। कुछ लोगों के विरोध से खदान पर कोई असर नहीं पड़ेगा।