अनुज कौशिक | जालौन3 मिनट पहले
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जालौन के कोंच विकासखंड के ग्राम भेंपता (कमतरी) के ग्राम प्रधान राघवेंद्र यादव पर विकास कार्यों में भारी अनियमितता और विरोध करने वाले ग्रामीणों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर उत्पीड़न करने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस संबंध में गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय को प्रार्थना पत्र देकर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है।
गांव निवासी सुनीता, रमन देवी, नाथूराम, सुकुमारी, भगवान दयाल, शिवराम, किशुन लाल और जमींपाल ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान राघवेंद्र यादव ने मनरेगा के अंतर्गत कच्चे कार्य और सेक्टर जलरोक बांध जैसे कार्य कराए।
फोन कर शिकायतकर्ताओं को धमकियां दे रहा
जिनमें बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार किया गया। आरोप है कि इन कार्यों में फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए का चूना सरकार को लगाया गया है। साथ ही ग्राम पंचायत के तालाब की खुदाई जेसीबी और ट्रैक्टर से करवा कर करीब 7 हजार ट्रालियां मिट्टी की गांव में बेची गई। जिससे निजी लाभ उठाया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि जब उन्होंने इन अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई और उच्च अधिकारियों को शिकायत दी, तो ग्राम प्रधान ने उन्हें फर्जी मामलों में फंसाकर डराना शुरू कर दिया। खास तौर पर गांव का एक अन्य व्यक्ति कृष्ण कुमार उर्फ राधे महाराज, जो प्रधान का करीबी बताया गया है, वह लगातार फोन कर शिकायतकर्ताओं को धमकियां दे रहा है।
महिलाओं को विशेष रूप से डराया जा रहा
धमकियों में कहा गया कि अगर शिकायत वापस नहीं ली तो उन्हें ऐसे झूठे मामलों में फंसा दिया जाएगा कि वर्षों तक जेल से बाहर नहीं निकल सकेंगे। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि प्रधान और उसके सहयोगी खुलेआम कहते हैं कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार आएगी तो वे सबको चिन्हित कर जेल भिजवाएंगे। इससे गांव में भय का माहौल है। खासकर महिलाओं को विशेष रूप से डराया जा रहा है।
शिकायतकर्ताओं ने जिलाधिकारी से मांग की है कि ग्राम प्रधान और उसके सहयोगियों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न से उन्हें मुक्त कराया जाए। विकास कार्यों की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।