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ग्राम समाज की जमीन पर शव दफनाने का विरोध: पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे SDM, 8 घंटे चली पंचायत, कब्रिस्तान में दफन होगा शव – Mirzapur News


मिर्जापुर में मुस्लिम युवक का शव गुरुवार को ग्राम समाज की जमीन में दफनाने का ग्रामीणों ने विरोध किया। जिसके चलते उपजे तनाव की जानकारी मिलने पर चुनार तहसील क्षेत्र से उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के साथ मौके पर पहुंचे।

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करीब 8 घंटे चली पंचायत के बाद शव कुदारन कब्रिस्तान में दफन किए जाने का निर्णय लिया गया। मौके पर अधिकारियों के साथ ही थाना प्रभारी अजय सेठ पुलिस बल के साथ मौजूद हैं। करीब 15 दिन में दूसरी बार लोगों ने शव दफनाने का विरोध किया हैं।

अहरौरा थाना क्षेत्र में मदारपुर गांव के गड़ई नदी के किनारे लगभग 14 बिस्वा ग्राम समाज की जमीन है। जहां मुस्लिम पक्ष के लोग शव दफ़न करते थे। गुरुवार की रात गांव के ही 22 वर्षीय सद्दाम पुत्र निजामुद्दीन की बीमारी के कारण मौत हो गई। शुक्रवार को परिजन जब शव दफनाने के लिए पहुंचे। कब्र की खुदाई शुरू की गई। इसी दौरान हिंदू पक्ष के लोग मौके पर पहुंचकर कब्र खोदने से रोक दिया।

आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दिया। मौके पर फोर्स के साथ थाना प्रभारी अजय सेठ पहुंचे। उन्होंने मामले की जानकारी ने उप जिलाधिकारी चुनार को दी। सूचना पर SDM चुनार राजेश वर्मा, तहसीलदार योगेन्द्र शरण शाह, नायब तहसीलदार गरिमा यादव सहित स्थानीय लेखपाल मौके पर पहुंचे। दोनों पक्ष को समझाने का प्रयास किया। करीब 8 घंटे चले पंचायत के बाद शव को कुदारन गाँव के कब्रिस्तान में दफन करने पर मुस्लिम पक्ष राजी हुआ।

थाना प्रभारी ने बताया कि ग्राम समाज की जमीन पर शव दफन किया जाता था। उसी जमीन पर हिन्दू पक्ष का हनुमान मंदिर एवं नीम के पेड़ के नीचे कुछ मूर्तिया रख लोग पूजा पाठ करते हैं। गत दिनों अराजक तत्व ने मूर्तियां फेंक दी थी। जिस पर विवाद खड़ा हो गया था।

कब्रिस्तान के बजाय नदी किनारे लगभग 14 बिस्वा ग्राम समाज की जमीन पर पूर्व में शव दफनाने का विरोध नही किया था। मूर्तियों के फेंके जाने से हिंदू पक्ष शव को सरकारी जमीन के बजाय कब्रिस्तान में दफनाने पर अड़े रहे। जबकि मुस्लिम पक्ष पूर्व का हवाला देकर शव दफनाने की जिद्द कर रहे थे।

एक पखवाड़ा पूर्व विवाद होने पर पहुंचे तहसीलदार ने लेखपाल से जमीन की नाप कराया था। दो बिस्वा जमीन मुस्लिम पक्ष को कब्रिस्तान के देने का प्रस्ताव रखा था। आधा जमीन की मांग करने से मामला लटक गया। शुक्रवार को शव दफनाने को लेकर 8 घंटे चली पंचायत के बाद शव सरकारी जमीन के बजाय कब्रिस्तान में दफनाने के लिए ले जाया गया।



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