अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) को लेकर पीजीआई इस बार अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी में है। पिछले साल योग दिवस पर 1,924 हेल्थ केयर वर्कर्स को एक साथ योग कराकर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवाने वाले पीजीआई ने इस बार 3,000 से ज्यादा वर्क
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इस अभियान को लेकर पीजीआई में तैयारियां जोरों पर हैं। सीसीआरवाईएन के इंचार्ज और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अक्षय आनंद ने बताया कि इस बार योग दिवस पर चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला (ट्राइसिटी) के सरकारी और निजी अस्पतालों के हेल्थ वर्कर्स को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए एक विशेष कमेटी बनाई गई है, जो आईएमए और अन्य मेडिकल संस्थानों से भी संपर्क में है।
आर्थराइटिस और पीसीओडी जैसी बीमारियों में फायदा
पीजीआई में योग के फायदों पर रिसर्च के लिए कोलैबोरेटिव सेंटर फॉर माइंड बॉडी इंटरवेंशन की स्थापना की गई है। यह सेंटर योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाईएन), नई दिल्ली और पीजीआई का संयुक्त प्रोजेक्ट है। यहां वैज्ञानिक तौर पर योग के शरीर पर असर का अध्ययन किया जा रहा है।
डॉ. अक्षय आनंद ने बताया कि रिसर्च में सामने आया है कि योग से आर्थराइटिस, पीसीओडी जैसी बीमारियों को भी कंट्रोल किया जा सकता है। दिल्ली एम्स में भी इसी तरह की कई रिसर्च हो चुकी हैं।
पीजीआई सिर्फ डॉक्टरों और स्टाफ के लिए ही नहीं, बल्कि मरीजों के साथ आने वाले अटेंडेंट्स के लिए भी योग की सुविधा दे रहा है। डॉ. आनंद ने बताया कि अक्सर अटेंडेंट्स मानसिक तनाव में होते हैं—न लंबी लाइनों में लगना, न रुकने की जगह, न आराम। ऐसे में उन्हें तनाव से राहत देने के लिए पीजीआई ने सप्ताह में दो बार योग सत्र शुरू किए हैं, जो कि पीजीआई परिसर में ही आयोजित होते हैं।