Chanakya Niti: हर व्यक्ति के जीवन में एक अच्छा जीवनसाथी होना बहुत जरूरी होता है. एक ऐसा साथी जो न सिर्फ साथ निभाए, बल्कि समझदारी से जीवन के हर मोड़ पर सही सलाह भी दे सके. आचार्य चाणक्य, जो भारत के महान विचारकों में गिने जाते हैं, उन्होंने भी स्त्रियों के गुणों का विश्लेषण किया है. उनकी चाणक्य नीति में बताया गया है कि कैसी स्त्री को बुद्धिमान और योग्य माना जाता है और ऐसी स्त्री से विवाह करना एक पुरुष के लिए सौभाग्य की बात होती है. आचार्य चाणक्य का मानना था कि केवल सुंदरता या धन ही किसी स्त्री को श्रेष्ठ नहीं बनाते, बल्कि उसके अंदर मौजूद व्यवहार, सोच, संस्कार और बुद्धिमानी ही उसे विशेष बनाते हैं. एक बुद्धिमान स्त्री न केवल अपने परिवार को सहेजती है, बल्कि वह संकट के समय में भी मजबूत सहारा बनती है. आइए जानते हैं चाणक्य की नजर में कैसी होती है बुद्धिमान स्त्री और क्या हैं उसके मुख्य गुण.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो स्त्री हर परिस्थिति में धैर्य से काम लेती है, वही वास्तव में बुद्धिमान होती है. अगर जीवन में कोई कठिन समय आए तो वह घबराती नहीं, बल्कि सोच-समझकर स्थिति को संभालती है.
2. संस्कारी और मर्यादित
एक ऐसी स्त्री जो अपने परिवार के बड़ों का सम्मान करती है, रीति-रिवाजों का पालन करती है और मर्यादा में रहकर जीवन जीती है. वह घर को स्वर्ग बना देती है. संस्कारों वाली स्त्री घर की नींव को मजबूत करती है.
आचार्य चाणक्य मानते थे कि जो स्त्री अपने घर की व्यवस्था को अच्छे से संभालती है, जो भोजन से लेकर बजट तक सब कुछ सोच-समझकर करती है. वह बुद्धिमान होती है. एक ऐसी स्त्री घर को आर्थिक और भावनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाती है.
4. पति का साथ निभाने वाली
बुद्धिमान स्त्री वह होती है जो हर अच्छे-बुरे समय में अपने पति का साथ दे. केवल सुख के समय नहीं, बल्कि जब संकट आए तो भी वह हिम्मत बनकर खड़ी रहे. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसी स्त्री जीवन की सबसे बड़ी पूंजी होती है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो स्त्री अनावश्यक बातों से बचती है और जहां चुप रहना उचित हो, वहां मौन धारण कर लेती है. वह वास्तव में ज्ञानी होती है. उसकी चुप्पी भी कई बार घर को टूटने से बचा सकती है.
जो स्त्री फिजूलखर्ची से दूर रहती है और हर चीज को समझदारी से इस्तेमाल करती है. वह बुद्धिमान मानी जाती है. ऐसी स्त्री घर को आर्थिक रूप से भी सुरक्षित बनाती है.
8. सभी के साथ मधुर व्यवहार करने वाली
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो स्त्री परिवार के सदस्यों के साथ प्यार और आदर से पेश आती है और पड़ोसियों या रिश्तेदारों से भी अच्छा व्यवहार करती है, वह समाज में सम्मान पाती है.