ड्वोन कॉन्वे और रचिन रवींद्र
चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम एक और मैच आईपीएल में हार गई है। टीम की हार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। टीम के सामने 220 रनों का बड़ा टारगेट था, लेकिन टीम इसे हासिल नहीं कर सकी। अब टीम गहरे संकट में फंसती हुई नजर आ रही है, यहां से मैच जीतकर टॉप 4 में अपनी जगह बना पाना आसान काम नहीं है। इस बीच मैच के दौरान एक बार फिर से आश्चर्यजनक घटना देखने के लिए मिली। जो खिलाड़ी सीएसके के लिए पारी का आगाज करने आया था, वही मैच के आखिरी मोड पर यानी 18वें ओवर में मैदान छोड़कर चला गया। इसके बाद सीएसके की जीत की संभावना और भी कम हो गई। हम बात कर रहे हैं ड्वोन कॉन्वे की, जिन्होंने अर्धशतक जरूर लगाया, लेकिन उनकी पारी काफी धीमी रही।
पंजाब किंग्स ने दिया था सीएसके को 220 रनों का टारगेट
पंजाब किंग्स की ओर से दिए गए 220 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के लिए जब सीएसके की टीम मैदान में उतरी तो शुरुआत तो अच्छी हुई, लेकिन उसके बाद गाड़ी पटरी से उतर गई। रचिन रवींद्र और ड्वोन कॉन्वे ने मिलकर 61 रनों की साझेदारी की। ये पहली बार था, जब सीएसके की टीम ने पहले छह ओवर में एक भी विकेट नहीं गंवाया। हालांकि सातवें ओवर में रचिन रवींद्र 36 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद कप्तान रुतुराज गायकवाड भी केवल एक ही रन बनाकर चलते बने।
ड्वोन कॉन्वे संभाले रहे एक छोर, लेकिन नहीं बना पाए तेजी से रन
एक छोर पर ड्वोन कॉन्वे कमान संभाले हुए थे, लेकिन वे काफी धीमी बल्लेबाजी कर रहे थे। मंगलवार को तो सीएसके के लिए एमएस धोनी नंबर पांच पर बल्लेबाजी करने भी आए, लेकिन वे नाकाम रहे। जब 18 ओवर खत्म हो गए और दो ही ओवर की खेल शेष था, उस वक्त ड्वोन कॉन्वे रिटायर्ड आउट हो गए। उनकी जगह रवींद्र जडेजा आए, लेकिन वे भी कुछ खास नहीं कर पाए। एमएस धोनी ने कुछ अच्छे स्ट्रोक खेलकर मैच को बनाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सामने से साथ नहीं मिला। हालांकि तेजी से रन बनाने के प्रयास में वे 12 बॉल पर 27 रन बनाकर आउट हो गए। यहीं पर मैच खत्म हो गया।
ड्वोन कॉन्वे बने सीएसके की हार का कारण
कुल मिलाकर देखें तो इस मैच में भी सीएसके ने वही गलती की, जो इससे पहले मुंबई इंडियंस ने की थी। तिलक वर्मा काफी देर से खेल रहे थे, ये बात सही है कि उनके बल्ले से रन नहीं आ रहे थे, लेकिन नए बल्लेबाज मिचेल सेंटनर ही कौन बहुत महान बल्लेबाज हैं, जो मैच जिता सकते थे। यही काम सीएसके ने किया। भले ही ड्वोन कॉन्वे बहुत तेजी से रन नहीं बना पा रहे थे, लेकिन वे शुरुआत से खेल रहे थे और उन्हें पिच और कंडीशन का अच्छा ज्ञान था। लिहाजा उनसे उम्मीद की जा सकती थी कि वे एक दो छक्के जड़ देते। रवींद्र जडेजा से इसी तरह की उम्मीद कम से कम उस वक्त नहीं की जा सकती, जब वे नए नए आए हों। इस तरह से अगर देखें तो सीएसके की हार का सबसे बड़ा कसूरवार ड्वोन कॉन्वे ही रहे, जो बीच मैच में अपनी टीम का साथ छोड़कर चले गए।
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