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छतरपुर में 6 साल की बच्ची की आंखें फोड़ी: दुष्कर्म नहीं कर पाया तो सिर कुचला, भाई बोला- मेरे सामने बहन के कपड़े उतारे – Madhya Pradesh News


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4 साल के बच्चे के मन में ये दर्दनाक तस्वीरें हमेशा के लिए कैद हो गई हैं। 6 साल की उसकी बड़ी बहन के साथ एक बदमाश ने दुष्कर्म करना चाहा और जब बहन के विरोध के कारण नाकाम हो गया तो उसे बुरी तरह पीटा और उसके सिर को पत्थर से इतना कुचला कि उसकी नाक की हड्‌डी समेत आंखें भी फूट गई। गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

इसी जगह आरोपी ने मासूम के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था।

छतरपुर जिले में ये वारदात मंगलवार को हुई। इसके बाद भास्कर टीम मौके पर पहुंची और पीड़िता के परिजनों का दर्द बांटने के साथ उनसे कार्रवाई को लेकर बात की। इलाज करने वाले डॉक्टर और पुलिस से भी बातचीत की।

सबसे पहले4 साल के भाई की पीड़ा…

मैं अपने घर के पास ही अपनी बड़ी बहन के साथ खेल रहा था। वहां मम्मा आया मेरी बहन से बोला- आ तेरे को फ्रूटी पिलाकर लाता हूं। मेरी 6 साल की बहन उसके साथ जाने लगी, तो मैं भी फ्रूटी पीने के लिए उसके साथ जाने लगा। मम्मा के साथ उसकी भी 2 भतीजी और एक भतीजा भी था। हम सब मम्मा के साथ गए पैदल गए। मम्मा ने हमें फ्रूटी दिलाई। इसके बाद घर वापस लौटते वक्त एक खंडहर, अधबने घर के पास मम्मा रुक गया। उसने मेरी बहन को भी रोक लिया और हमें वहां से डांट कर भगा दिया। मेरी बहन को खंडहर घर के अंदर लेकर चला गया।

मम्मा के वहां भागने के बाद मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मम्मा मेरी बहन के कपड़े उतार रहा था। वो विरोध कर रही थी तो उसने पीटना शुरू कर दिया था। ये देखते ही मैं घर की तरफ भागा।

(जैसा मृतका के 4 साल के भाई ने भास्कर को बताया)

खून से लथपथ बेटी को गोद में उठाकर लाई मां

बुधवार को मृतका की मां बार-बार एम्बुलेंस से लिपट कर रोती दिखी। बार-बार बेहोश होकर जमीन पर गिर रही थी। जब भी होश आता, कहती- मेरी सबसे चंचल सुंदर बेटी चाहिए उसके लिए न्याय चाहिए।

परिजनों और हमने उन्हें सांत्वना दी तो वो कुछ शांत हुईं। फिर बिलखते हुए बोलीं- मेरा बेटा भागते हुए मेरे पास आया। उसने मुझे पूरी बात बताई। मैं भागती हुई उस जगह पर पहुंची जहां बालकिशन उर्फ मम्मा (47 वर्षीय) ने मेरी बेटी के साथ गलत किया था। वो दरिंदा हमें देखते ही घर की आधी बनी दीवार फांद कर भाग गया। उसके हाथ खून से सने हुए थे। मैं अपनी खून से लथपथ बेटी को गोद में उठाकर सड़क पर आई।

दो महीने से गाली गलौज कर रहा था आरोपी

मृतका के पिता ने कहा कि जिस हैवान बालकिशन यादव ने मेरी बेटी के साथ दुष्कर्म और उसकी निर्मम हत्या की है, वो पिछले 2 महीने से लगातार मुझसे और मेरी पत्नी के साथ गली गलौज करता था। इसके पीछे का कारण हमें कभी समझ नहीं आया कि आखिर वो ऐसा क्यों कर रहा था, जबकि हमारे बीच किसी भी तरह की कोई दुश्मनी नहीं थी।

वो आए दिन शराब पीकर गली गलौज करने लगता था। हमने उसके बहनोई से भी शिकायत की। उनसे कहा कि हम इसकी शिकायत पुलिस को करेंगे, तो उसके बहनोई ने उसे समझाने का आश्वासन दिया और पुलिस के पास जाने से मना किया। इसके बाद उसने इस घटना को अंजाम दे दिया।

लाश लेकर एम्बुलेंस घर पहुंची तो महिलाएं चीखकर रोने लगीं

23 अप्रैल को दोपहर करीब 1 बजे सिविल अस्पताल में मासूम का पोस्टमॉर्टम हुआ। पोस्टमॉर्टम हाउस के सामने बड़ामलहरा टीआई श्रद्धा शुक्ल पुलिस टीम के साथ मौजूद थीं। एम्बुलेंस भी तैयार खड़ी थी। मासूम के पिता और परिजनों ने बिलखते हुए बच्ची के शव को एम्बुलेंस में रखा और गाड़ी पुलिस बल के साथ गांव की तरफ चल पड़ी।

दैनिक भास्कर की टीम भी एम्बुलेंस के साथ गांव पहुंची। एम्बुलेंस के घर पहुंचते ही वहां का नजारा झकझोर देने वाला नजर आया। एम्बुलेंस देखते ही घर के सामने बैठी 50 से ज्यादा महिलाएं चीख-चीखकर रोने लगीं, एम्बुलेंस से लिपटने लगीं। काफी तादाद में वहां पुरुष भी थे।

सबके अंदर मासूम को खोने के दर्द के साथ गुस्सा भी था। जैसे ही पुलिस ने शव को बाहर निकालने की कोशिश की। परिजनों ने उसे गाड़ी से उतारने से मना कर दिया। कुछ ही देर में वहां कांग्रेस विधायक रामसिया भारती भी पहुंच गईं।

परिजनों की दो मांगें थीं-

1. आरोपी का घर गिराया जाए।

2. आरोपी के भाइयों को भी दोषी बनाया जाए।

आरोपी के घर पहुंचे तो उस पर ताला लगा था

गांव पहुंचने के बाद हम आरोपी के घर भी पहुंचे। इस घर में उसके भाई और बहुएं भी रहती थीं। फिलहाल इस घर पर ताला लगा दिखा। घर पर कोई भी मौजूद नहीं था। पीछे की तरफ लगी जालियों से झांक कर देखा तो वहां 8 बकरियां बंद, बंधी हुई दिखी। उनकी देखभाल करने वाला वहां कोई मौजूद नहीं है। कुछ ग्रामीणों ने कहा उसके किए कि सजा बेचारी ये बकरियां भी भोग रही हैं।

घर के पास ही कि एक कच्चा घर जला हुआ नजर आया। स्थानीय लोगों ने बताया ये कच्चा घर भी आरोपी बालकिशन का ही है। करीब 1 हफ्ते पहले उसने जला दिया था। इस जगह पर पालतू जानवर बंधे रहते थे। आग लगी देखकर ग्रामीणों ने ही बंधे जानवरों को छुड़ाकर उनकी जान बचाई थी।

बड़ामलहरा का सिविल अस्पताल जहां मासूम का पोस्टमॉर्टम किया गया।

बड़ामलहरा का सिविल अस्पताल जहां मासूम का पोस्टमॉर्टम किया गया।

भाजपा के दो नेताओं ने पहुंच कर परिजनों को मनाया

मृतका के परिजन पुलिस और प्रशासन की समझाइश के बाद भी मांगें पूरी ना होने तक बच्ची का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं थे। कुछ वक्त बीतने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष शशिकांत अग्निहोत्री और पूर्व भाजपा विधायक रेखा यादव पहुंची। उन्होंने परिजनों को समझाया। परिजनों की मांग पर एडीएम को कहकर घर गिराने की कार्रवाई को लेकर आरोपी की जमीन का रिकॉर्ड भी निकलवाया।

जमीन निजी पाई गई। इसके बाद दोनों नेताओं ने परिजनों को उचित न्याय दिलाने का आश्वासन दिलाकर उन्हें अंतिम संस्कार के लिए मनाया। शाम करीब 5 बजे मासूम का अंतिम संस्कार किया गया।

परिजनों को सांत्वना और कार्रवाई का भरोसा दिलाने नेता और अफसर भी पहुंचे।

परिजनों को सांत्वना और कार्रवाई का भरोसा दिलाने नेता और अफसर भी पहुंचे।

डॉक्टर ने कहा, रात भर सो नहीं सका

मासूम का प्राथमिक इलाज करने वाले डॉक्टर वैभव अग्रवाल ने कहा, मैं उस बच्ची और उसके पिता को पहले से जानता था। उसके पिता उसके बीमार होने पर हमेशा मेरे पास ही इलाज के लिए लाते थे। बहुत प्यारी बच्ची थी।

उस दिन घटना के बाद बच्ची के माता-पिता बच्ची को लेकर मेरे पास आए। उसके पिता मुझे देखते ही लिपट कर रोने लगे। बच्ची की हालत ने मुझे अंदर से झकझोर दिया। एक डॉक्टर को आए दिन कई तरह के केस हैंडल करने होते हैं, लेकिन ये केस हैरान कर देने वाला था। बच्ची खून से लथपथ थी।

डॉ. वैभव ने कहा, इलाज करने में मेरे हाथ कांप गए। दिल पर पत्थर रखकर मैंने उसका प्राथमिक उपचार किया। उसकी हालत इतनी गंभीर थी कि यहां उसका इलाज नहीं किया जा सकता था, इसलिए हमने उसे छतरपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां पहुंचने के कुछ समय बाद ही उसकी मौत हो गई।

मैंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इसे जघन्य अपराध के तौर पर लिया जाए। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि अपराध करने वाले को गोली मार देनी चाहिए। मैं बीती रात सो नहीं पाया। उस बच्ची का पहले वाला चेहरा मेरी आंखों के सामने घूमता रहा।

उसके साथ दुष्कर्म हुआ है या नहीं, ये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कंफर्म किया जा सकता है।

आरोपी के खिलाफ शराब के अवैध परिवहन के 3 मामले

एसडीओपी रोहित अलावा ने कहा, परिजनों ने अंतिम संस्कार के वक्त जितनी भी मांगें रखी थीं उनमें से जितनी भी पूरी की जा सकती हैं उन्हें पूरा करेंगे। पैतृक गांव में बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया है। आरोपी के खिलाफ हमें अवैध शराब परिवहन के तीन प्रकरण मिले हैं। उसे शराब की लत भी है।

कोई नहीं जानता उसकी पत्नी कहां है

स्थानीय लोगों और मृतका के परिजनों ने भास्कर को बताया कि उसने शादी भी की थी, लेकिन पिछले कई सालों से उसकी पत्नी कहां है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। साथ ही उसने सागर जिले के शाहगढ़ कस्बे में रहने वाली अपने चाचा की बेटी को भी अपने साथ भगाया था। इसको लेकर शाहगढ़ में मामला दर्ज है।

इस सवाल पर एसडीओपी ने कहा कि परिजनों ने इस बात की जानकारी दी है। हम इस बात की जानकारी भी निकाल रहे हैं। कुछ निकल कर सामने आया तो इसे भी जांच में शामिल करेंगे।



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