छत्तीसगढ़ के 5 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है। अगले 5 दिन स्टेट ड्राई रहेगा, जिससे गर्मी बढ़ सकती है।
छत्तीसगढ़ में पिछले एक सप्ताह से लगातार हाे रही बारिश आज से धीमी पड़ सकती है। सिनॉप्टिक सिस्टम के बदलाव के चलते अगले 5 दिन ड्राई हो सकते हैं। यानी बहुत ज्यादा बारिश होने की संभावना नहीं है। औसतन तापमान में 2-4 डिग्री वृद्धि हो सकती है, जिससे गर्मी बढ़
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मौसम विभाग ने आज सिर्फ सरगुजा, जशपुर, जगदलपुर, बस्तर और बीजापुर समेत 5 जिलों में ही यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। वहीं 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। इसके अलावा बाकी अन्य जिलों में मौसम में सामान्य रहेगा।
वहीं पिछले 24 घंटे की बात करें तो अधिक तापमान 36.4 डिग्री बिलासपुर का रहा, जबकि सबसे कम तापमान 23.8°C गौरेला-पेंड्रा-मरवाही का रहा। इसके अलावा प्रदेश में बारिश की बात करें तो दंतेवाड़ा में सबसे ज्यादा नॉर्मल से बहुत अधिक बारिश हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।
दंतेवाड़ा में 2788 फीसदी तक अधिक वर्षा
मानसून जल्द आने और सप्ताहभर पश्चिमी विक्षोभ और अन्य सिस्टम के कारण हुई बारिश ने मई को तरबतर कर दिया। प्रदेश के अधिकांश जिलों में मई के 30 दिनों में नॉर्मल से बहुत अधिक बारिश हो चुकी है। दंतेवाड़ा में सबसे ज्यादा 2788 फीसदी तक अधिक वर्षा हुई है।
मौसम विभाग के मुताबिक 29 में से 4 जिलों में ही औसत से कम बारिश हुई है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के डेटा नहीं आए हैं। इस तरह 24 जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
बारिश की रफ्तार में लगातार हो रहा उतार-चढ़ाव
पिछले 6 दिन में बारिश की रफ्तार भी फ्लेक्चुएट होती रही है। जहां शनिवार को सिर्फ 12 इलाकों में ही हुई। इसके बाद रविवार को अलग-अलग जिलों के 50 से ज्यादा इलाकों में पानी गिरा, लेकिन सोमवार को सिर्फ 17 इलाकों तक ही बारिश सिमट गई।
मंगलवार को 27 और बुधवार को 74 इलाकों में बारिश हुई है। गुरुवार को सिर्फ 27 इलाकों में बारिश हुई है। शुक्रवार को 25 इलाकों और शनिवार को 20 जगहों पर न्यूनतम 10 मिमी बारिश हुई।
पिछले 6 दिन में बारिश की रफ्तार भी फ्लेक्चुएट होती रही है। कई इलाकों में जोरदार बारिश हुई है।
प्रदेश के बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए
गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रय में रहें ।
- अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।
- पेड़ों के नीचे न ठहरें।
- बिजली लाइन से दूर रहें।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।
लंबा रह सकता है मानसून
मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।