छत्तीसगढ़ में 5000 शिक्षकों की भर्ती होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जल्द ही यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। खुद CM की ओर से यह घोषणा की गई है।
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दरअसल, सुशासन तिहार अब खत्म हो चुका है। इसके समापन के मौके पर CM ने यह घोषणा की। सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा- हम शिक्षकों की भर्ती करेंगे, यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होगी। सरकार को जनता के द्वार तक लेकर गए, जिससे लोगों को यह विश्वास हुआ कि उनकी सरकार हमेशा उनके लिए बेहतर काम करने में डटी हुई है।
कांग्रेस युक्तियुक्तकरण की खामियां और भाजपा फायदे बता रही
छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में युक्तियुक्त करण चल रहा है। यानी ऐसे स्कूल जहां टीचर्स ज्यादा है, वहां से टीचर्स ऐसे स्कूलों में भेजे जा रहे हैं, जहां टीचर्स कम है। कुछ ऐसे स्कूलों को बड़े स्कूलों में मर्ज भी किया जा रहा है, जहां टीचर्स और स्टूडेंट कम है। कांग्रेस का दावा है कि इससे शिक्षकों के पद खत्म हो जाएंगे। दूसरी तरफ सरकार और भारतीय जनता पार्टी इस तरह के दावों को भ्रामक बता रही है।
PCC चीफ दीपक बैज ने कहा कि- इससे प्रदेश में 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे। 10463 स्कूल सीधे तौर पर बंद कर दिए गए हैं, नए सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों की संख्या में कटौती करके शिक्षक के हजारों पद खत्म कर दिया गया है।
नए शिक्षकों की भर्ती न करनी पड़ी इसलिए युक्तियुक्तकरण
वर्तमान में छत्तीसगढ़ में प्राइमरी स्कूलों में 21.48 छात्रों के बीच एक शिक्षक है, इस अनुपात को बढ़ाकर 30 छात्र प्रति शिक्षक और इसी तरह मिडिल स्कूलों में 26.2 छात्र प्रति शिक्षक के रेसियो को बढ़ाकर 35 छात्र प्रति शिक्षक किया जा रहा है। जिससे शिक्षकों के एक तिहाई पद खत्म हो जाएंगे। नए शिक्षकों की भर्तियां न करनी पड़ी इसलिए सरकार युक्तियुक्तकरण कर रही है।
दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस युक्तियुक्तकरण के विरोध मे प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी। सरकार के इस रोजगार और शिक्षा विरोधी कदम का डट कर विरोध किया जायेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि नए सेटअप में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एचएम को शिक्षकीय पद मानते हुए प्राइमरी में 30 और मिडिल में 35 बच्चों के बीच एक शिक्षक का सेटअप घोषित किया गया है।
प्राथमिक शालाओं में पहली और दूसरी में तीन-तीन विषय और तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है, अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षकों के द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है? मिडिल स्कूल में तीन क्लास और 6 सब्जेक्ट इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके साथ केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे?
भाजपा ने युक्तियुक्तकरण के कई फायदे बताए
युक्तियुक्तकरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया पर प्रचार शुरू किया है। कांग्रेस सोशल मीडिया पर जिस तरह के दावे कर रही है, उसे खारिज करते हुए भाजपा ने युक्तियुक्तकरण के कई तरह के फायदे बताए हैं। जिसमें यह दावा किया गया है कि इस प्रक्रिया को अपनाने की वजह से सरकारी स्कूल में एजुकेशन की क्वालिटी बढ़ेगी।
शिक्षक संगठन क्या कह रहे
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया सीधी भर्ती के 43243 पद और पदोन्नति के 19452 पद कुल मिलाकर 63695 पद शिक्षा विभाग में रिक्त है। इन पदों की पूर्ति पदोन्नति और सीधी भर्ती के माध्यम से किया जाए। वर्तमान में जो युक्तियुक्तकरण का कार्य सेटअप 2008 से हटकर किया जा रहा है, यह बिल्कुल गलत है। इससे प्रत्येक प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शाला में 1-1 पद कम होगा।
सरकार ऐसे दावों को भ्रामक बता रही
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि हजारों की संख्या में स्कूल बंद होने की बातें भ्रामक और तथ्यहीन हैं। सिर्फ 166 स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। 10,297 स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है कि असलियत इससे बिल्कुल अलग है। प्रदेश सरकार की ओर से जारी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का उद्देश्य किसी की पढ़ाई रोकना नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना है।
राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा। इन 166 स्कूलों में से ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल संचालित है।
इसी तरह शहरी क्षेत्र में 33 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें दर्ज संख्या 30 से कम हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचालित है। इस कारण 166 स्कूलों को बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से समायोजित किया जा रहा है, इससे किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शेष 10,297 स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे।
उनमें केवल प्रशासनिक और शैक्षणिक स्तर पर आवश्यक समायोजन किया जा रहा है। स्कूल भवनों का उपयोग पहले की तरह ही जारी रहेगा और जहां आवश्यकता होगी, वहां शिक्षक भी उपलब्ध रहेंगे।
अफवाहों से सावधान रहने की अपील
सरकार ने अपने बयान में साफ कहा है कि स्कूलों का “समायोजन” और “बंद” होना अलग चीज है। समायोजन का अर्थ है पास के स्कूलों को एकीकृत कर बेहतर संसाधनों का उपयोग। इसका मकसद बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है, न कि स्कूल बंद करना। शिक्षा विभाग ने लोगों से अफवाहों से सावधान रहने की अपील की है।