छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में बुधवार को महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान आयोग ने एक चौंकाने वाला फैसला दिया। जिस बुआ के कहने पर पति अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता था उसे ही सुधारने के लिए एक महीने तक नारी निकेतन में रहने को कहा गया
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मामलों की सुनवाई के दौरान आवेदिका ने बताया कि उसका पति अपनी बुआ के भड़काने पर उसे लगातार शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित करता था। वो कई बार अपने पति को समझा चुकी थी, लेकिन पति बुआ की ही बातों को सच मानता था। पत्नी को प्रताड़ित करने के साथ ही उसके तीनों बच्चों को भी मां से छिन लिया गया। इसके बाद भी उसकी बुआ सास लगातार उससे विवाद करती रहती थी। यह विवाद एक बार इतना बढ़ा कि पति को जेल तक जाना पड़ गया।
तीन दिन पहले ही उसका पति जेल से छूटा है। लेकिन जेल से आने के बाद भी उसका व्यवहार नहीं बदला। वो वही करता तो जो उसकी बुआ कहती। सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने कहा कि आवेदिका का दाम्पत्य जीवन उसकी बुआ सास की वजह से टूटने की कगार पर आ चुका है। इसलिए बुआ सास को ही एक माह के लिए नारी निकेतन भेजा जाए।
ताकि वो वहां रहकर सुधर सके। एक महीने तक घर में बुआ सास नहीं रहेगी तो पति-पत्नी को भी अपनी बातों को समझाने में आसानी होगी। सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और सदस्यगण लक्ष्मी वर्मा एवं सरला कोसरिया मौजूद थे।
भतीजे ने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर धोखा दिया एक प्रकरण में महिला ने बताया कि उसके भतीजे ने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर उसके नाम की जमीन गिरवी रखकर 10 लाख का लोन ले लिया है। पिछली सुनवाई में महिला आयोग के निर्देश पर आरोपी तत्कालीन बैंक मैनेजर, महिला के भतीजे और एक अन्य गारंटर के खिलाफ एफआईआर कराई गई थी। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया।
बिना तलाक की दूसरी शादी एक अन्य मामले में आवेदिका ने बताया कि उसकी शादी 2006 में हुई थी। उसका एक 18 साल का लड़का व 16 साल की बेटी है। उसके पति ने आवेदिका व बच्चों को बीते पांच साल से छोड़ दिया है। भरण पोषण भी नहीं देता। इतना ही नहीं बच्चों के सभी जरूरी सर्टिफिकेट भी अपने पास रख लिया है। पत्नी से तलाक लिए बिना दूसरी शादी भी कर ली है। आयोग की समझाइश पर युवक ने दोनों बच्चों की पढ़ाई व भरण-पोषण के लिए प्रति माह 6 हजार रुपए देने का वादा किया है।