पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ की डॉ. जयमति कश्यप को देवी अहिल्याबाई सम्मान दिया।
पीएम नरेंद्र मोदी भोपाल में देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में शामिल हुए। यहां उन्होंने महिलाओं को संबोधित भी किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ की जिस डॉ. जयमति कश्यप को राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान से नवाजा।
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PM ने उन्हें 24 घंटे पहले तक ये पता ही नहीं था कि पीएम मोदी के हाथों उनका सम्मान होने वाला है। वो एक अधिकारी के साथ आईं थी, जब अवॉर्ड की रिहर्सल हुई तो उन्हें पता चला। पीएम मोदी ने इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाली 8 महिलाओं से बातचीत की।
आत्मनिर्भर बनी इन महिलाओं की सक्सेस स्टोरी भी जानी। प्रधानमंत्री मोदी से मिलने वाली महिला डॉ. जयमति कश्यप से दैनिक भास्कर ने उनके अनुभव जाने। जयमति ने पीएम मोदी से होने वाली बातचीत को साझा किया।
पीएम से मिलने वाली जयमति ने क्या कहा ?…
डॉ. जयमति कश्यप को पीएम मोदी ने अहिल्याबाई सम्मान प्रदान किया है।
डॉ. जयमति, राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान मिला
- भास्कर- आप कहां से हैं और क्या करतीं हैं?
- जयमति- मैं गोंडी साहित्य लिखती हूं। लोकसंगीत पर काम करती हूं। मेरा काम विशेषकर बच्चों के लिए है, क्योंकि बच्चे अपनी भाषा न भूलें, इसलिए हम बच्चों के लिए काम करते हैं।
- भास्कर- आपको कब पता चला कि इस अवाॅर्ड के लिए चयन हुआ है?
- जयमति- कल (शुक्रवार) तीन बजे। मुझे रिहर्सल के लिए बुलाया तब मुझे पता चला कि मुझे अवाॅर्ड मिलने वाला है, उसके पहले मुझे सूचना नहीं थीं।
- भास्कर- आपको इसकी सूचना कैसे मिली?
- जयमति- मुझे यहां पर बुलाया था। हमारे यहां के एक अधिकारी ने कहा कि चलो घूमकर आते हैं। मैं आ गई। जब मैं भोपाल पहुंची तो तब पता चला कि मेरा ही अवाॅर्ड होने वाला है।
- भास्कर -आपके परिवार में कौन-कौन हैं?
- जयमति- मेरे परिवार में माता-पिता नहीं हैं। एक बहन और उनके बच्चे हैं। उसके अलावा परिवार में और कोई नहीं हैं।
- भास्कर -अपने बचपन से लेकर अब तक के सफर के बारे में बताइए?
- जयमति- मैं कभी स्कूल नहीं गई। लेकिन, पढ़ने का जब अवसर मिला तो मैंने प्राइवेट पढ़ाई करते हुए 10वीं के बाद एमए किया और पीएचडी की। फिर लोक संगीत में डिप्लोमा किया है।
- भास्कर- आज पीएम के हाथों सम्मानित होने के बाद देश की महिलाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी?
- जयमति- देश की महिलाओं को यह कहना चाहती हूं कि धैर्य के साथ अच्छा काम करें। कर्तव्य को समाज के लिए देश के लिए काम करें। कोई भी चीज जल्दी प्राप्त नहीं होती। धैर्य के साथ काम करते हैं तो सफलता जरूर मिलती है। इसलिए शिक्षा के साथ-साथ अपने संस्कारों को भी नहीं भूलना चाहिए।
- भास्कर -नक्सलवाद एक बड़ी चुनौती है उस पर क्या कहेंगी?
- जयमति- सबका अलग-अलग ध्येय होता है। वो क्या सोचकर आगे चल रहे हैं मुझे पता नहीं है। लेकिन, जो भी कर रहे हैं वह गलत कर रहे हैं। इसमें राष्ट्र का विकास नहीं होगा और मेरे आदिवासी भाइयों का भी विकास नहीं होगा।
- हमको राष्ट्र और देश के लोगों के साथ मिलकर चलना है। हम छिपकर किसी भी काम को अंजाम नहीं दे सकते। वो खतरा ही होगा। किसी को भी उसमें फायदा नहीं होता है।
महेश्वरी हैंडलूम पर काम करने वाली हेमलता ढ़ाकले से चर्चा करते पीएम मोदी।
विस्तार से जानिए PM मोदी ने MP में क्या-क्या कहा ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान को चुनौती दी है। भोपाल मे उन्होंने कहा कि गोली का जवाब गोले से मिलेगा। सिंदूर भारत के शौर्य का प्रतीक बन गया है। मोदी ने कहा कि आतंकियों ने नारी शक्ति को चुनौती दी थी। यही चुनौती उनके और उनके आकाओं को लिए काल बन गई।
हमारी सेना ने दुश्मन के घर में सैकड़ों किमी दूर घुसकर उनके आतंकी ठिकानों को तबाह किया। अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा उसे भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। पीएम ने भोपाल में देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में कुल 39 मिनट 38 सेकेंड का भाषण दिया।
इस दौरान देवी अहिल्याबाई के बारे में 25 मिनट 55 सेकेंड बोलने के बाद उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बोलना शुरू किया। सेना और उसके शौर्य पर उन्होंने 6 मिनट 58 सेकेंड तक तक बोला। इस अवधि में उन्होंने कुल 7 बार सिंदूर का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के 3 प्रमुख पॉइंट
1. ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान: डंके की चोट पर कह दिया है कि आतंकियों के जरिए प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा। अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा उसे भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। 140 करोड़ देशवासी कह रहे हैं अगर तुम गोली चलाओगे, मान के चलो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।
पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ भारतीयों का खून ही नहीं बहाया उन्होंने हमारी संस्कृति पर भी प्रहार किया। उन्होंने समाज को बांटने की कोशिश की। सबसे बड़ी बात आतंकियों ने भारत की नारी शक्ति को चुनौती दी है। ये चुनौती आतंकियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है।
सिंदूर हमारी परंपरा में नारी शक्ति का प्रतीक है। राम भक्ति में रंगे हनुमान जी भी सिंदूर को धारण किए हुए हैं। शक्ति पूजा में हम सिंदूर का अर्पण करते हैं। यहीं सिंदूर भारत के शौर्य का प्रतीक बना है।
2. महिलाओं से जुड़ी योजनाएं: 2014 से पहले 30 करोड़ बहनें ऐसी थी, जिनके बैंक खाते ही नहीं थे। हमारी सरकार ने उनके खाते खुलवाए और अलग-अलग योजनाओं के पैसे उनके खातों में भेज रही है। मुद्रा योजना से बिना गारंटी के लोन मिल रहा है। मुद्रा योजना की 75 परसेंट से ज्यादा लाभार्थी हमारी माता-बहनें हैं। देश में 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं।
आज सरकार हर घर तक नल से जल पहुंचा रही है, ताकि हमारी माताओं-बहनों को असुविधा न हो। बेटियां अपनी पढ़ाई में ध्यान दे सकें। करोड़ों लोगों के पास पहले बिजली, एलपीजी और टॉयलेट जैसी सुविधाएं भी नहीं थीं। ये सुविधाएं भी हमारी सरकार ने पहुंचाईं। ये सिर्फ सुविधाएं नहीं हैं, ये माताओं-बहनों के सम्मान का हमारी तरफ से नम्र प्रयास है।
3. प्रदेश की विकास परियोजनाएं: आज एमपी को पहली मेट्रो सुविधा मिली है। इंदौर पहले ही स्वच्छता के लिए दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है। अब इंदौर की पहचान उसकी मेट्रो से भी होने जा रही है। यहां भोपाल में भी मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है।
दतिया और सतना भी अब हवाई सेवा से जुड़ गए हैं। इन दोनों हवाई अड्डों से विंध्य और बुंदेलखंड में एयर कनेक्टिविटी बेहतर होगी। अब मां पीतांबरा, मां शारदा देवी और चित्रकूट की यात्रा सुलभ हो जाएगी। ये सभी प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में सुविधाएं बढ़ाएंगे, विकास को गति देंगे और रोजगार के कई नए अवसर बनाएंगे।
पीएम मोदी ने देवी अहिल्या पर विशेष डाक टिकट और 300 रुपए का सिक्का जारी किया।
लोकमाता देवी अहिल्या के काम से सरकार को ऐसे जोड़ा
पीएम मोदी ने कहा, हमारी सरकार लोकमाता देवी अहिल्याबाई के मूल्यों पर चलते हुए काम कर रही है। नागरिक देवो भव:, ये आज गवर्नेंस का मंत्र है। सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में माताएं, बहनें-बेटियां हैं। 1. पीएम आवास: गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर घर हमारी माताओं-बहनों के नाम हैं। इनमें से कई माताएं-बहनें ऐसी हैं, जिनके नाम पर पहली बार कोई संपत्ति दर्ज हुई हैं। कई बहनें पहली बार घर की मालकिन बनी हैं। आज सरकार हर घर तक नल से जल पहुंचा रही है, ताकि हमारी माताओं, बहनों को असुविधा न हो। बेटियां अपनी पढ़ाई में ध्यान दे सकें।
2. उज्ज्वला, स्वच्छ भारत: करोड़ों लोगों के पास पहले बिजली, एलपीजी और टॉयलेट जैसी सुविधाएं भी नहीं थीं। ये सुविधाएं भी हमारी सरकार ने पहुंचाईं। ये सिर्फ सुविधाएं नहीं हैं, ये माताओं-बहनों के सम्मान का हमारी तरफ से नम्र प्रयास है। इससे उनके जीवन से अनेक मुश्किलें कम हुई हैं।
3. आयुष्मान भारत: पहले माताएं-बहनें अपनी बीमारियों छिपाने पर मजबूर थीं। गर्भावस्था के दौरान अस्पताल जाने से बचती थीं। उनको लगता था कि इससे परिवार पर बोझ पढ़ेगा। इसलिए दर्द सकती थीं। आयुष्मान भारत योजना ने उनकी इस चिंता को भी खत्म किया है। अब वो भी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज कर सकती हैं।
4. जन-धन योजना: महिलाओं के लिए पढ़ाई और दवाई के साथ ही जो बहुत जरूरी चीज है वो कमाई भी है। जब महिलाएं की अपनी आय होती है तो घर में उसका स्वाभिमान बढ़ जाता है। घर के निर्णयों में उसकी सहभागिता बढ़ जाती है। बीते 11 वर्षों में हमारी सरकार ने देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने का काम किया है।
5. मुद्रा लोन: मुद्रा योजना से बिना गारंटी के लोन मिल रहा है। मुद्रा योजना की 75 परसेंट से ज्यादा लाभार्थी हमारी माता-बहनें हैं। देश में 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं। ये बहनें अपनी कमाई के साधन बनाएं इसके लिए सरकार मदद कर रही है। 6. लखपति दीदी: हमने ऐसी 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है। डेढ़ करोड़ से ज्यादा बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं। बीमा सखियां बनाने का अभियान भी शुरू किया है।
7. नमो ड्रोन दीदी अभियान: एक समय था जब नई टेक्नोलॉजी आती थी तो महिलाओं को उससे दूर रखा जाता था। हमारा देश आज उस दौर को पीछे छोड़ रहा है। आज सरकार का प्रयास है कि आधुनिक तकनीक में भी हमारी बहनें आगे बढ़कर नेतृत्व दें।
खेती में ड्रोन क्रांति आ रही है। इसको हमारी बहनें ही नेतृत्व दे रही हैं। नमो ड्रोन दीदी अभियान से गांव की बहनों का हौसला और कमाई बढ़ रही है। उनकी नई पहचान बन रही है।
8. शिक्षा और व्यवसाय: आज बहुत बड़ी संख्या में हमारी बेटियां वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर और पॉयलट बन रही हैं। हमारे यहां साइंस और मैथ पढ़ने वाली बेटियों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। जितने भी बड़े स्पेस मिशन हैं, उनमें बड़ी संख्या में हमारी बहन-बेटियां काम कर रही हैं।
चंद्रयान 3 मिशन में तो 100 से अधिक महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर शामिल थीं। जमाना स्टार्टअप का है। स्टार्टअप के क्षेत्र में भी, हमारी बेटियां अद्भुत काम कर रही हैं। देश में लगभग 45% स्टार्टअप की एक डायरेक्टर हमारी बेटी है, हमारी बहन है।
कार्यक्रम से जुड़ी तस्वीरें
पीएम मोदी ने देवी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
छत्तीसगढ़ की डॉ. जयमति कश्यप को देवी अहिल्याबाई सम्मान दिया गया।
पीएम मोदी ने इंदौर मेट्रो का वर्चुअली रिमोट का बटन दबाकर शुभारंभ किया।
इंदौर मेट्रो के टर्मिनल का नाम देवी अहिल्या बाई होल्कर के नाम पर रखा गया है।
इंदौर मेट्रो में पहले दिन महिलाओं ने सफर किया। तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगाए।
शाम को सीएम डॉ. मोहन यादव इंदौर पहुंचे। यहां उन्होंने मेट्रो में सफर किया।
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