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‘छोटे राजा’ पर लटकी कार्रवाई की तलवार: पुलिस मुखिया पर भारी दो एसपी; ‘सरकार’ बोले- ये गजब के विधायक हैं – Bhopal News


अपने तीखे बयानों से अक्सर पार्टी को मुसीबत में डालने वाले ‘छोटे राजा’ पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। सुना है कि पार्टी में एक धड़ा लगातार पार्टी विरोधी बयानों के बाद भी ‘छोटे राजा’ पर कार्रवाई नहीं होने से नाराज है।

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खबर ये भी है कि इस मामले को लेकर दिल्ली से कार्रवाई की मंजूरी मांगी गई है। हालांकि ‘छोटे राजा’ के बयानों पर चीफ ने चुप्पी साध रखी है। लेकिन, सदन में विरोधी दल के मुखिया कह चुके हैं कि इस मामले में रिजल्ट जल्द सामने आएगा।

राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग से बवाल हाल ही में विरोधी दल की लेडी विंग की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी। इसमें सरकार पर तीखे हमले बोले गए। जब प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद प्रेस नोट जारी हुआ तो उसमें लिखा था कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

ये जानकारी जब लेडी लीडर के पास पहुंची तो वे खासी नाराज हुईं। उन्होंने बिना कहे राष्ट्रपति शासन की बात लिखने वाले की शिकायत की। इसके बाद डिपार्टमेंट में लंबे समय से काम संभाल रहे शख्स की बदली हो गई है।

ये विधायक जी हर जगह मिल जाते हैं हाल ही में एक सामाजिक कार्यक्रम में ‘सरकार’ ने मंच पर मौजूद अपनी ही पार्टी के विधायक जी को देखकर कहा- ये गजब के विधायक हैं। भोपाल में जहां भी सरकारी कार्यक्रम हो या सामाजिक कार्यक्रम हो, विधायक जी जरूर मिलते हैं।

बता दें कि ये वही विधायक जी हैं, जिनके क्षेत्र में आईएएस, आईपीएस, मंत्रियों, विधायकों के बंगलों से लेकर ‘सरकार’ तक का निवास है।

पूर्व मंत्री के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं सत्तापक्ष में इन दिनों बयानवीर और मनमाने फैसले करने वाले विधायक और नेता तलब किए जा रहे हैं। ऐसे आधा दर्जन नेताओं से पार्टी ने सवाल-जवाब किया है। इस बीच विरोधी दल के डिप्टी लीडर ने पूछा कि सत्ताधारी दल के मुखिया को सीधी चुनौती देने वाले पूर्व मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत क्यों नहीं उठा सके।

कार्रवाई को लेकर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि, जिस दिन पहलगाम में आतंकी हमला हुआ उसी शाम को बुंदेलखंड की एक महिला विधायक जन्मदिन का जश्न मनाती रहीं। उनके जन्मदिन के जश्न के वीडियो सोशल मीडिया में तैरते रहे, लेकिन पार्टी ने पूछने की जहमत तक नहीं उठाई। मामला पार्टी के मुखिया के इलाके से जुड़ा है।

डीजीपी पर भारी दो पुलिस कप्तान महाकौशल इलाके के दो पुलिस कप्तान अपनी मजबूत पकड़ के चलते प्रदेश के पुलिस मुखिया पर भारी पड़ रहे हैं। ये दोनों ही एसपी माइनिंग से जुड़े एरिया में पदस्थ है और किसी न किसी कारण विवादों में बने हैं। दोनों को हटाने के लिए डीजीपी एक महीने पहले सरकार को सिफारिश कर चुके हैं, लेकिन एक्शन नहीं हुआ है।

बता दें, एक पुलिस कप्तान की शिकायत कलेक्टर की जनसुनवाई में हो चुकी है और दूसरे की टीम के कारनामों के चलते सरकार को विधानसभा सत्र के दौरान फजीहत झेलनी पड़ी थी और सफाई देना पड़ी थी।

जहां जाते हैं चेम्बर को रेनोवेट करा देते हैं प्रदेश में भ्रष्टाचार पर नकेल लगाने वाली पुलिस शाखा के चीफ इन दिनों अपना चेम्बर रेनोवेट करा रहे हैं। इनकी खासियत यह है कि एक्शन हो न हो, लेकिन जहां बैठते हैं वहां साफ-सफाई अलग दिखनी चाहिए। कमरे दागदार नहीं दिखने चाहिए।

साहब की जहां पोस्टिंग होती हैं, वहां सबसे पहले चेम्बर नए सिरे से रेनोवेट होता है और साहब के मनमाफिक उसे तैयार किया जाता है।

सुना है कि करप्शन पर तेज एक्शन के लिए साहब नए चेम्बर में बैठने के बाद मातहतों की मीटिंग लेकर अभियान चलाने के लिए निर्देश देने वाले हैं।

और अंत में..

मुख्य सचिव का पुराना चेम्बर नहीं जमा वल्लभ भवन के सबसे पुराने भवन वीभी-1 में जहां कभी मुख्य सचिव बैठते थे, वह 6 महीने पहले एक विभाग के मुखिया का बैठक कक्ष बन गया था। वे वहीं दरवाजा खुला रखकर बैठते थे, ताकि किसी आने-जाने वाले पर निगाह रखने के साथ दफ्तर में होने वाली मीटिंग्स को ओपन रख सकें, लेकिन उनके तबादले के बाद एसीएस रैंक के अफसर को यह कमरा मिला, जिसमें वे एक महीने पहले तक बैठते भी रहे। पिछले महीने एसीएस ने वीआरएस लिया तो मुख्य सचिव के पुराने कक्ष में बैठने वाले साहब ने पुरानी बिल्डिंग छोड़ दी और अब वे वीआरएस लेने वाले साहब के कमरे से ही सरकारी कामकाज निपटा रहे हैं।

पिछले हफ्ते की सुनी-सुनाई पढ़ें- विरोधी दल के प्रवक्ताओं को लाइव डिबेट से उठाया हाल ही में कूनो से गांधीसागर अभयारण्य में चीतों की शिफ्टिंग की गई। इस मौके पर गांधीसागर डैम के किनारे बसे एक कस्बे में बड़ा प्रोग्राम रखा गया। मंच पर सूबे के मुखिया के साथ ‘छोटे सरकार’ और स्थानीय छोटे-बड़े नेता मौजूद थे। पढ़ें पूरी खबर…



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