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जदयू जॉइन करने के 22वें दिन राष्ट्रीय महासचिव बने श्याम: राजद से इस्तीफा देकर 1 सितंबर को पार्टी में हुए थे शामिल, महादलितों को साधने की कोशिश – Patna News


1 सितंबर को जदयू के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दिलाई थी सदस्यता।

22 दिन पहले ही राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुए श्याम रजक को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के निर्देश पर श्याम रजक को राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है।

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इनके अलावा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अरुण कुमार को झारखंड का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है। साथ ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की तरफ से मनीष कुमार को मीडिया सेल का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।

श्याम रजक महादलित हैं। कभी इनकी गिनती लालू प्रसाद यादव के करीबियों में होती थी। राज्य में दलितों की कुल आबादी लगभग 19 प्रतिशत है। ऐसे में नीतीश कुमार ने श्याम रजक पर दांव लगाकर एक साथ दो निशाने साधने की कोशिश की है।

पहला- उन्होंने श्याम रजक को अपने पाले में लाकर राजद में बड़े नेताओं की नाराजगी का मैसेज दिया है।

दूसरा- दलितों के बीच ये मैसेज देने की कोशिश की है कि वे उनके हितैषी हैं।

श्याम रजक को जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है।

समझिए, लालू से क्यों नाराज हुए श्याम रजक

दरअसल, राज्यसभा की दो सीटों पर राजद की तरफ मनोझ झा को दोबारा और संजय यादव को पहली बार राज्यसभा भेज दिया गया। इतना ही नहीं श्याम रजक की जाति, धोबी समाज से मुन्नी रजक को विधान परिषद भेज दिया गया। इसके बाद से ही श्याम रजक नाराज चल रहे थे।

सूत्रों की मानें तो श्याम रजक फुलवारी विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते हैं। ये सीट फिलहाल भाकपा माले की विनिंग सीट है। ऐसे में राजद में रहते ये सीट उन्हें मिल पाना संभव नहीं लग रहा था। यही कारण है कि उन्होंने राजद छोड़ जदयू का दामन थामा है।

22 अगस्त को राजद से दिया था इस्तीफा

श्याम रजक ने धोखा देने का आरोप लगाते हुए 22 अगस्त को आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पत्र के जरिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को इस्तीफा सौंपा था। पत्र में लिखा, ‘मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था।’

राबड़ी देवी सरकार में ऊर्जा मंत्री थे

राबड़ी देवी शासनकाल में श्याम रजक ऊर्जा मंत्री थे। 2009 में पार्टी ने जमुई सुरक्षित लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। जेडीयू के भूदेव चौधरी से चुनाव हार गए थे। हारने के बाद पार्टी के नेताओं पर भीतरघात का आरोप लगाकर आरजेडी छोड़कर जेडीयू में चले गए थे। फिर नीतीश कुमार से नाराज होकर आरजेडी में आ गए थे।

राजद में समाजवाद, भ्रष्टाचार में बदल गया है

जदयू में शामिल होने के दौरान श्याम रजक ने कहा था कि नीतीश कुमार की योजना ने बिहार की तस्वीर को बदलने का काम किया है। जिस पार्टी में था वहां समाजवाद भ्रष्टाचार में बदल गया। लेकिन नीतीश कुमार हमेशा समाजवाद की लड़ाई लड़ते रहे। मेरा सौभाग्य है कि नीतीश कुमार के साथ मुझे काम करने का मौका मिलेगा। मैं उस पार्टी में पूरी कोशिश करता रहा कि सब ठीक हो जाए लेकिन वहां राजनीति सिर्फ पद के लिए होती है।



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