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जमीन अधिग्रहण की बाधाओं पर हुईं दो अलग-अलग बैठकें: इकोनॉमिक कॉरिडोर पर किसान बोले- 3 साल में बना दोगे, इसकी क्या गारंटी है – Indore News



शहर और जिले के दो अहम प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की बाधाओं पर सोमवार को दो अलग-अलग बैठकें हुईं। बैठकों में किसान, जमीन मालिक, किसान संघ के प्रतिनिधियों के साथ जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। दोनों बैठकों में प्रारंभिक रूप से सर्वे पर सहमति बनी। पहला मा

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वहीं इकोनॉमिक कॉरिडोर पर बैठक में किसानों ने सवाल उठाया कि 3 साल में प्रोजेक्ट पूरा कर दोगे, इसकी क्या गारंटी है। कलेक्टर ने कहा, बैठक में तय हुआ कि किसानों को बढ़ी हुई गाइड लाइन से ही मुआवजा दिया जाए। मंगलवार से दो टीमों के माध्यम से सर्वे शुरू किया जाएगा। कोशिश है कि दो महीने में किसानों को उनकी राशि का अवॉर्ड भी मिल जाए। सड़क का काम भी एक से दो महीने में शुरू करवाना चाहते हैं, ताकि बारिश से पहले एक बेस तैयार हो जाए।

आउटर रिंग रोड : कुल 165 किमी लंबाई

आउटर रिंग रोड के 165 किमी में से पश्चिमी हिस्से के लिए डेढ़ साल पहले टेंडर हो गया था, जमीन नहीं मिलने से कंपनी काम शुरू नहीं कर पाई। कलेक्टर ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से यातायात संबंधी समस्याएं खत्म होंगी। आउटर रिंग रोड से जो लिंक रोड जुड़ेंगे, उससे नए इंडस्ट्रियल और कमर्शियल हब डेवलप होंगे।

रिंजलाय में भी चर्चा, 40 बीघा पर बनी सहमति

इधर, प्रशासन की टीम इकॉनोमिक कॉरिडोर के प्रभावित गांवों में सर्वे और सीमांकन कर रही है। एसडीएम के साथ एक टीम ग्राम रिंजलाय पहुंची। सोमवार को 40 बीघा जमीन पर सहमति जमीन मालिक ने दी है।

दिक्कत नहीं, बस मुआवजा समय पर मिले

उधर, सोमवार दोपहर आईटी पार्क स्थित एमपीआईडीसी कार्यालय में विधायक मधु वर्मा, उषा ठाकुर और एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक राजेश राठौर की मौजूदगी में इकॉनोमिक कॉरिडोर को लेकर बैठक हुई।

  • एक किसान ने कहा प्रोजेक्ट में हनुमान जी की भी जमीन आ रही है। इस पर अफसरों ने कहा जमीन जिनके नाम होगी, मुआवजा भी उन्हें ही मिलेगा। किसी ने घर बाधक होने की बात बताई।
  • इस पर राठौर ने कहा कि नियमानुसार कलेक्टर गाइड लाइन से दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। कुछ किसानों ने यह डिमांड भी की कि मुआवजा मिलेगा, तब तक हम क्या करेंगे, इसलिए 10 लाख रुपए पहले दिए जाएंगे, हम परिवार को तब तक कैसे पालेंगे? बीमार हो गए तो क्या करेंगे?
  • एक किसान ने कहा- आपने बताया कि जो पहले जमीन की सहमति देगा, उसे पहले जमीन देंगे, इसका क्या मतलब है? आप किसानों में फूट डालना चाहते हो। हमें इस शब्द पर आपत्ति है।
  • कुछ अन्य किसानों ने कहा कि तीन साल में प्रोजेक्ट पूरा कर दोगे, इसकी क्या गारंटी है?
  • कई किसानों ने जमीन देने पर सहमति भी दी तो विधायकों ने भी कहा कि आप लोगों ने जितना मुआवजा मांगा था, उससे ज्यादा मिल गया है। गाइड लाइन भी बढ़वाई गई है।



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