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थर्ड फेज की हॉट सीटें…
1. कुपवाड़ा
कुपवाड़ा विधानसभा सीट बारामूला लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। नेशनल कांफ्रेंस (JKNC) ने नासिर असलम वानी को चुनावी मैदान में उतारा है। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस (JKPC) ने सज्जाद गनी लोन और PDP ने मीर मोहम्मद फयाज उम्मीदवार बनाया है।
पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2014 में कुपवाड़ा विधानसभा सीट JKPC के उम्मीदवार बशीर अहमद डार ने जीत हासिल की थी। उन्होंने कुल 24,754 वोट हासिल किए थे। दूसरे नंबर पर PDP के मीर मोहम्मद फैयाज रहे थे जिन्होंने कुल 24,603 वोट हासिल किए थे। 1996, 2002 और 2008 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के मीर सैफुल्लाह इस सीट से चुनाव जीते हैं। जबकि 1987 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के ही मुश्ताक अहमद लोन यह सीट जीती थी।
2. लंगेट
नॉर्थ कश्मीर की लंगेट से 2008 में अवामी इत्तिहाद पार्टी (AIP) के चेयरमैन शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर राशिद ने अपना पहला विधानसभा चुनाव जीत राजनीतिक सफर शुरू किया था। इंजीनियर राशिद ने लोकसभा चुनाव में जेल से चुनाव लड़ते हुए बारामूला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हराया था।
लंगेट सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ रही है। लेकिन 2008 में इंजीनियर राशिद की जीत के बाद से स्थिति काफी बदल गई। 2014 में भी यहां से रशीद ही चुनाव जीते। इस बार सीट पर इंजीनियर राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (JKPC) के नेता और कुपवाड़ा के डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल (DDC) के मौजूदा अध्यक्ष इरफान सुल्तान पंडितपुरी से है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार इरशाद गनी भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इनके अलावा जम्मू-कश्मीर वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष मीर जुनैद, अपनी पार्टी के मुनव्वर ख्वाजा और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. कलीम उल्लाह भी मैदान में हैं।
3. बारामूला
बारामूला उत्तरी कश्मीर का केंद्र है। इस सीट पर 15 निर्दलीय समेत 25 उम्मीदवार मैदान में हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला निर्दलीय कैंडिडेट शोएब नबी लोन और मुजफ्फर हसन बेग के बीच देखने को मिल रहा है। शोएब नबी लोन उत्तरी कश्मीर की राजनीति में प्रमुख चेहरा हैं। 2005 में निर्दलीय लड़ते हुए संग्राम विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। लोन के पिता PDP सरकार में शिक्षा मंत्री रहे थे। उनके सामने वरिष्ट नेता और निर्दलीय उम्मीदवार मुजफ्फर हुसैन बेग की चुनौती है। बेग PDP सरकार में 2005-2008 तक जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री बने। साथ ही 2014 में बारामूला से लोकसभा चुनाव भी जीता था। आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद PDP चीफ महबूबा मुफ्ती के साथ मतभेद हुए और पार्टी छोड़ दी। इस बार निर्दलीय मैदान में हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जावेद हसन बेग को टिकट दिया है। 2014 में जावेद हसन बेग ने PDP के टिकट से बारामूला विधानसभा सीट 14,418 वोटों से जीती थी। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुलाम हसन राही को 7017 वोटों के अंतर से हराया था। मार्च 2024 में बेग को नेशनल कॉन्फ्रेंस ज्वाइन की और पार्टी ने उन्हें टिकट दिया। इनके अलावा पीडीपी के मुहम्मद रफीक राथर, कांग्रेस के मीर इकबाल अहमद, तथा तौसीफ रैना, निघत मीर और मीर मुसैब जैसे निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं।
4. सोपोर
किसी समय सेब के बागों के लिए मशहूर सोपोर 1990 के दशक की शुरुआत में बढ़ते आतंकवाद को लेकर बदनामी में रहा। अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी इस सीट से तीन बार चुने गए। सोपोर सीट अलगाववादी नेताओं का गढ़ मानी जाती रही है। आतंकवादी गतिविधियों के कारण सीट पर मतदान भी कम रहा है। 2008 के विधानसभा चुनावों में केवल 19 ही वोटिंग हुई। हालांकि 2014 में यह आकड़ा बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया।
सोपोर सीट एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार वजह है कि यहां से संसद हमले का दोषी अफजल गुरु के भाई एजाज अहमद गुरु सोपोर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। एजाज गुरु पशुपालन विभाग में काम चुके हैं और 2014 में VRS ली थी। वर्तमान में एक ठेकेदार के रूप में काम कर रहे हैं। बता दें कि दिसंबर 2001 में संसद पर हमले की साजिश रचने के जुर्म में अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी।
सोपोर में कुल 20 कैंडिडेट्स चुनावी मैदान में हैं। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के इरशाद रसूल कर, कांग्रेस के पूर्व विधायक अब्दुल राशिद डार, PDP के इरफान अली लोन प्रमुख चेहरे हैं। कश्मीरी पंडित आरती नेहरू समेत तीन महिला उम्मीदवार भी मैदान में हैं। सोपोर सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच दोस्ताना मुकाबला होगा। 2014 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के अब्दुल रशीद डार ने 2,755 वोटों के अंतर से सोपोर सीट जीती थी। 2002 में उन्होंने NC के अब्दुल अहद वकील और पीडीपी के गुलाम मुहम्मद मीर को हराया था।