मध्य प्रदेश का खंडवा जिला देशभर में जल संचय अभियान के तहत सबसे ज्यादा जल संरचनाएं बनाने वाला जिला बन गया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने रविवार को ‘जल संचय जनभागीदारी अभियान’ की परफॉर्मेंस रिपोर्ट जारी करते हुए खंडवा को टॉप परफॉर्मर जिला घोषित किया
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मप्र में इस अभियान के दौरान कुल 27.62 लाख से ज्यादा जल संरचनाओं पर काम शुरू हुआ, जिनमें से 23.83 लाख बनकर तैयार हो चुकी हैं। करीब 3.79 लाख अभी निर्माणाधीन हैं। लेकिन खंडवा ने अपने आंकड़ों और गंभीरता से सबको पीछे छोड़ दिया।
जल शक्ति मंत्रालय ने यह रैंकिंग राज्य सरकारों द्वारा भेजे गए डाटा के आधार पर जारी की है, लेकिन अब टॉप परफॉर्मर जिलों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद ही केंद्र सरकार जल संचय पुरस्कार देगी।
सरकारी भवनों की छतों पर भी वाटर हार्वेस्टिंग
मनरेगा कमिश्नर अवि प्रसाद के मुताबिक, खंडवा जिला जल गंगा संवर्धन अभियान में भी अव्वल रहा है। यहां प्रशासन ने जल संचय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। जो 1.29 लाख संरचनाएं बनी हैं। इनमें 12750 कूप रिचार्ज पिट, 1500 रिचार्ज शाफ्ट, 23570 डगवेल, 3269 नाला ट्रेंच, 6528 हैंडपंप रिचार्ज यूनिट, 39000 रूफवाटर हार्वेस्टिंग यूनिट, 4800 पोखर तालाब, 1500 खेत तालाब, 750 सूखे बोरवेल रिचार्ज और 6560 संरचनाओं की मरम्मत/पुनर्भरण कार्य किया। सरकारी भवनों के छतों पर भी वाटर हार्वेस्टिंग की।
‘कैच द रेन’ का असर : पीएम नरेंद्र मोदी की अपील- ‘जहां गिरे, जब गिरे- वर्षा का जल संचित करें’ के तहत जल शक्ति मंत्रालय ने 6 सितंबर 2024 को यह अभियान शुरू किया था। इसके तहत हर गांव में कम से कम 5 और हर नगरीय निकाय में 10 जल संरचनाएं बनाने का लक्ष्य था। अभियान में बोरवेल रिचार्ज, रूफटॉप हार्वेस्टिंग, जलाशयों का जीर्णोद्धार शामिल है।