जशपुर में गौ-तस्करी के खिलाफ कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के जशपुर में पुलिस ने ऑपरेशन शंखनाद के तहत गौ-तस्करी के खिलाफ कार्रवाई की है। पुलिस ने पिछले दो दिनों में लोदाम थाना और मनोरा चौकी क्षेत्र से 17 गौवंशों को तस्करों से मुक्त कराया है।
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लोदाम थाना क्षेत्र की कार्रवाई में 14 जून को पुलिस को सूचना मिली। ग्राम साईं टांगर टोली का शमशेर उर्फ शेरू हजाम गौवंशों को पीटते हुए छत्तीसगढ़ से झारखंड ले जा रहा था। पुलिस ने घेराबंदी की। आरोपी भाग निकला, लेकिन पुलिस ने तीन गौवंशों को बचा लिया।
मनोरा पुलिस ने सोगड़ा इंदा घाट के जंगल से 14 गौवंशों को बचाया। यहां भी तस्कर जंगल में भाग गए। एसएसपी शशि मोहन सिंह के अनुसार पुलिस ने तस्करों की पहचान कर ली है।
पुलिस ने एक पुराने मामले में फरार चल रहे गौ-तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले में छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 और पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
पिछले वर्ष से फरार गौ-तस्कर चढ़ा पुलिस के हत्थे
एसएसपी ने बताया कि लोदाम थाना क्षेत्र में वर्ष 2024 में दर्ज एक पशु तस्करी मामले में फरार चल रहे आरोपी को भी पुलिस ने धरदबोचा है। आरोपी चरकू उर्फ सरफराज (उम्र 22 वर्ष) निवासी साईं टांगर टोली वर्ष 2024 में हुए गौ-तस्करी कांड के बाद से फरार था। पुलिस को सूचना मिली कि वह अपने गांव लौटा है। तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने उसे 14 जून को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अपराध स्वीकार करने और सबूत मिलने पर उसे जेल भेजा गया है।
1000 से अधिक गौवंश तस्करी से मुक्त, 124 आरोपी अब तक गिरफ्तार
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि ऑपरेशन ‘शंखनाद’ के तहत अब तक 1000 से अधिक गौवंशों को तस्करी से मुक्त कराया गया है। इस अभियान में अब तक 124 तस्करों की गिरफ्तारी हुई है, जिन्हें न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। 46 तस्करी में इस्तेमाल वाहनों को जब्त किया गया है, जिनमें से 21 को राजसात किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि पशु तस्करों के खिलाफ ऑपरेशन शंखनाद निरंतर जारी है, और 17 गौवंशों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया है। वहीं एक फरार पशु तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है, पशु तस्करी में संलिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।