Love Marriage Yog in Kundli: आज के समय में लव मैरिज बहुत आम हो गई है, लेकिन क्या हर किसी की शादी प्यार के बाद होती है? नहीं, क्योंकि इसके पीछे सिर्फ हालात नहीं, बल्कि ग्रहों का भी बड़ा योगदान होता है. किसी की शादी जल्दी होती है, किसी की देर से और किसी को अपने मन का साथी ही नहीं मिल पाता. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कुंडली से पता लगाया जा सकता है कि हमारी शादी लव होगी या अरेंज? ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में कुछ खास योग और ग्रहों की स्थिति साफ संकेत देती है कि लव मैरिज होगी या नहीं. हर इंसान अपने जीवन में एक अच्छे जीवनसाथी की कामना करता है. किसी की शादी घर वालों की मर्जी से होती है, तो किसी की शादी लव मैरिज होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी कुंडली में पहले से ही संकेत मौजूद होते हैं कि आपकी शादी लव मैरिज होगी या अरेंज? भोपाल स्थित ज्योतिषाचार्य रवि पाराशर के अनुसार, कुछ खास ग्रह और भाव ऐसे होते हैं जो लव मैरिज की संभावना को बढ़ाते हैं.
1. पंचम भाव (5वां घर) का संबंध
कुंडली का पंचम भाव प्रेम का घर होता है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में यह भाव मजबूत हो, यानी इस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो या इसमें शुक्र, बुध या चंद्रमा बैठे हों, तो ऐसे व्यक्ति का झुकाव प्रेम की ओर अधिक होता है और उन्हें अपने जीवन में प्यार मिलने की संभावना रहती है. यही भाव लव मैरिज की नींव बनाता है.
2. सप्तम भाव (7वां घर) का प्रभाव
यह भाव विवाह और जीवनसाथी से जुड़ा होता है. अगर सप्तम भाव पंचम भाव से जुड़ जाए (जैसे इन दोनों भावों के स्वामी एक-दूसरे के घर में हों, या इन पर एक ही ग्रह की दृष्टि हो), तो लव मैरिज के योग बनते हैं. यह संकेत देता है कि व्यक्ति अपने प्रेमी या प्रेमिका से विवाह करेगा.
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3. शुक्र ग्रह की भूमिका
शुक्र को प्रेम, आकर्षण और वैवाहिक सुख का कारक माना जाता है. अगर शुक्र पंचम, सप्तम या एकादश भाव में हो या इन भावों से जुड़ा हो, तो व्यक्ति को प्रेम जीवन में सफलता मिलती है और लव मैरिज की संभावना बढ़ती है.
4. राहु और केतु का प्रभाव
राहु आम तौर पर परंपरा के विरुद्ध जाने वाला ग्रह माना जाता है. अगर राहु पंचम या सप्तम भाव में हो और शुक्र या चंद्रमा से संबंध बना रहा हो, तो जातक समाज की रीतियों के विरुद्ध जाकर लव मैरिज कर सकता है. हालांकि राहु के साथ लव मैरिज में चुनौतियां भी आ सकती हैं.
5. बुध और चंद्रमा का मेल
बुध बुद्धिमत्ता और चंद्रमा भावना का प्रतीक है. जब ये दोनों ग्रह एक साथ प्रभावी होते हैं, तो जातक का दिल और दिमाग प्रेम की ओर झुकते हैं और वे सोच-समझकर लव मैरिज का निर्णय लेते हैं.
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6. गुप्त घरों का जुड़ाव
कभी-कभी आठवें या बारहवें भाव से जुड़े योग भी प्रेम संबंधों को दर्शाते हैं, खासकर जब ये पंचम या सप्तम भाव से जुड़ते हैं. ऐसे योग छुपे हुए प्रेम संबंधों की ओर इशारा करते हैं जो बाद में विवाह में बदल सकते हैं.